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कन्नौजः डांस करते नाग-नागिन पर भिड़ गए दो गांव, ख़ूनी संघर्ष में कई घायल

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उत्तर प्रदेश के कन्नौज ज़िले में खेत में नृत्य कर रहे नाग-नागिन के जोड़े को लेकर पड़ोस के दो गांवों में ख़ूनी संघर्ष हो गया. पुलिस के मुताबिक इस संघर्ष में सात लोग घायल हुए हैं जिन्हें ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से मिली शिकायतों के आधार पर मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है.

बीते सप्ताह हुई ये घटना इलाक़े में चर्चा का केंद्र बनी हुई है. इस मामूली बात ने दो गांवों में अदावत पैदा कर दी है. फिलहाल पुलिस बल तैनात हैं.

हुआ क्या जो फट गए सिर

 

दरअसल कन्नौज ज़िले के थाना सदर कोतवाली के गांव बरुआ बाग़ में एक नाग-नागिन का जोड़ा डांस कर रहा था. आसपास पशु चरा रहे लोग इसे देख रहे थे.

इसी बीच पड़ोसी गांव नहर घाटी के कुछ युवक वहां पहुंचे और वो नाग-नागिन को मारने लगे. इसका बरुआ बाग़ के लोगों ने विरोध किया तो युवक अपने गांव चले गए..

आरोप है कि सांपों को मारने का प्रयास करने वाले युवक कुछ देर बाद अपने गांव के दर्जनों लोगों के साथ पहुंचे और बरुआ बाग़ गांव के लोगों पर हमला बोल दिया. दोनों पक्षों में जमकर लट्ठ चला जिसमें सात लोग घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

इसी बीच किसी ने 112 पर फ़ोन करके पुलिस को जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंची तो नहर घाटी के लोग भाग गए. पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है.

ज़िले के पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद के मुताबिक सांपों को मारने को लेकर हुए इस झगड़े में अब तक छह लोगों को हिरासत में लिया गया है.

सांप मारना है ग़ैर क़ानूनी

भारत में सांपों को वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम के तहत संरक्षण प्राप्त है. लेकिन आत्मरक्षा में सांप को मारा जा सकता है.

यदि कोई सांप आपके घर में है तो आप उसे ज़हरीला समझकर मार सकते हैं, लेकिन अगर आप जंगल में हैं या खेत में हैं तो सांप को मारना ग़ैर क़ानूनी है. कोबरा या पायथन जैसे विलुत्पप्राय सांपों को मारना पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी है.

भारत में वन्य जीवों और पशुओं की रक्षा को लिए दो क़ानून बेहद अहम हैं.
ये हैं –
1. पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम- 1960- ये क़ानून पशुओं पर क्रूरता, जैसे पिंजड़े में बंद करना, मारपीट करना या अमानवीय हालत में यातायात करना आदी को रोकने के लिए बनाया गया है.
2. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 – इस क़ानून के तहत वन्यजीवों को सुरक्षा दी गई है. विलुप्तप्राय प्रजातियों पर ज़ोर है.

 

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