एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी यानी एकेटीयू से संबद्ध कॉलेजों के छात्र परीक्षाओं के बहिष्कार के लिए सोशल मीडिया पर आंदोलन चला रहे हैं. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब परीक्षाएं कराने का निर्णय सरकार पर छोड़ दिया है.
दरअसल सेमेस्टर परीक्षाएं कराना कॉलेजों के लिए आसान नहीं है. ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने राज्य सरकार से परीक्षाएं कराने या छात्रों को प्रोमोट करने के विकल्पों पर राय मांगी है.
अभी तक राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश यूनिवर्सिटी प्रशासन को नहीं मिला है. एकेटीयू ने कुछ सप्ताह पहले परीक्षाओं का कार्यक्रम तो घोषित किया था.
@AKTU_Lucknow माननीय कुलपति जी को मेरा सादर प्रणाम जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं कि यह महामारी कई महीनों से चल रही है जिसकी वजह से हमारी हॉस्टल की फीस एवं कॉलेज की फीस व्यर्थ हो चुकी है हम सभी एकेटीयू के विद्यार्थियों की मांग है की हम लोगों की जो हॉस्टल एवं कॉलेज की
— Anurag Tomar (@AnuragT67973732) June 24, 2020
@AKTU_Lucknow मैं एकेटीयू के विनय पाठक सर को दिल से नमन करता हूं सर आप भी समझ सकते हैं इस महामारी में कुछ भी उचित नहीं है अभी आप बताइए क्या बच्चों को खतरे में डालना उचित है क्या आपका बच्चा होता यदि वह इस टाइम एग्जाम देने जाता तो आप क्या जाने देते नहीं उसी तरह हमारे पेरेंट्स भी
— Anurag Tomar (@AnuragT67973732) June 22, 2020
https://twitter.com/SumitKu98392800/status/1275424221464797184
देश में प्रतिदिन 14000 से ज्यादा Covid Cases आ रहे हैं और ऐसी स्थिति में एकेटीयू का सेमेस्टर एग्जाम कराना समझ से परे हैं.लगभग दो लाख से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल होंगे. @myogiadityanath ji से अपील है कि छात्रों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए परीक्षा का तिथि आगे बढ़ाया जाए
— Naveen Ojha Bajrangi (@bajrangi_ojha) June 23, 2020
इस कार्यक्रम के तहत यूनिवर्सिटी के अंतिम वर्ष के छात्रों को 06 जुलाई से 27 जुलाई के बीच और अन्य छात्रों को 27 से दस सितंबर के बीच कॉलेज में रहकर परीक्षाएं देनी थीं.
एकेटीयू के परीक्षा कार्यक्रम को लेकर कई कॉलेजों ने भी असहमति और असमर्थता ज़ाहिर की है. कॉलेजों के लिए जहां छात्रों को रहने की जगह मुहैया कराना मुश्किल है वहीं कोरोना संक्रमण का ख़तरा भी बढ़ जाएगा.
उत्तर प्रदेश और देश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यूनिवर्सिटी परीक्षाओं के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया करा पाएगी.
एकेटीयू में इंजीनियरिंग के छात्र प्रगल्भ बाजपेयी ने लखनऊ पोस्ट से कहा, ‘इस साल का अकादमिक सत्र कोरोना महामारी से प्रभावित है और छात्र तैयारी नहीं कर पाएं हैं. कॉलेज जाकर परीक्षा देना भी सुरक्षित नहीं होगा. ऐसे में यूनिवर्सिटी प्रशासन को छात्रों को प्रोमोट कर देना चाहिए.’
एकेटीयू से जुड़े अधिकतर कॉलजे नोएडा और गाज़ियाबाद में हैं. ये दोनों ही ज़िले कोरोना से प्रभावित हैं. हॉस्टल या किराए के घरों में रहकर पढ़ाई करने वाले अधिकतर छात्र वापस अपने ज़िलों में लौट चुके हैं.ऐसे में वापस आना और परीक्षा देना उनके लिए आसान नहीं होगा.
एबीवीपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री और उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा से मिलकर परीक्षाएं रद्द कराने की मांग करते हुए ज्ञापन दिया है.
सोशल मीडिया पर अभियान चला रहे छात्रों का तर्क है कि जब मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार छात्रों को प्रमोट कर सकती है तो यूपी की तकनीकी यूनिवर्सिटी के छात्रों को क्यों प्रमोट नहीं किया जा सकता है?
इसी बीच यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफ़सर विनय कुमार पाठक का कहना है कि परीक्षाएं करानी है या छात्रों को प्रमोट करना है इस पर अभी मंथन ही चल रहा है.
उनका ये भी कहना है कि राज्य सरकार से सलाह मांगी गई है, सरकार जैसा निर्देश देगी वैसा ही होगा.