पब्लिक – Lucknow Post https://lucknowpost.com The Lucknow Observer Fri, 02 Oct 2020 07:11:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.6.13 https://lucknowpost.com/wp-content/uploads/2020/04/cropped-icon-1-1-32x32.png पब्लिक – Lucknow Post https://lucknowpost.com 32 32 राजधानी लखनऊ में बंधक बनाकर दलित छात्रा से गैंगरेप, महीने भर बाद पुलिस ने लिखी रिपोर्ट https://lucknowpost.com/dalit-student-gangrape-in-lucknow/ Fri, 02 Oct 2020 06:49:14 +0000 https://lucknowpost.com/?p=3072 [speaker] हाथरस, बुलंदशहर, भदोही, बलरामपुर ये उत्तर प्रदेश के उन शहरों के नाम है जहां बेटियों के साथ बलात्कार हुआ। बलात्कार से थर्राए प्रदेश में अब लखनऊ शहर का नाम भी जुड़ गया है । लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को एक हफ्ते तक बंधक बनाकर गैंगरेप किया … Continue reading राजधानी लखनऊ में बंधक बनाकर दलित छात्रा से गैंगरेप, महीने भर बाद पुलिस ने लिखी रिपोर्ट

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हाथरस, बुलंदशहर, भदोही, बलरामपुर ये उत्तर प्रदेश के उन शहरों के नाम है जहां बेटियों के साथ बलात्कार हुआ। बलात्कार से थर्राए प्रदेश में अब लखनऊ शहर का नाम भी जुड़ गया है ।

लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को एक हफ्ते तक बंधक बनाकर गैंगरेप किया गया। हाथरस से लेकर लखनऊ तक बेटियों के साथ घट रही घिनौनी घटनाओं में पुलिस की भूमिका बेहद शर्मनाक रही है।

लखनऊ में भी पीड़ित बेटी एक महीनें से इंसाफ के लिए पुलिस के चक्कर काट रही थी। हाथरस कांड के बाद हरकत में आई पुलिस नींद से जागी तब जाकर पीड़ित बेटी की बात को सुना।

दरअसल मामला 23 अगस्त का है जब नौकरी के बहाने घर बुलाकर छात्रा को अगवा कर लिया गया था। परिजन बेटी को खोजने के लिए पुलिस के पास पहुंचे लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद बेटी खुद घर लौट आई। बेटी ने जब आपबीती परिजनों को बताई फिर भी पुलिस आरोपी को बचाने में लगी रही।

इस बीच आरोपी खुलेआम बेटी और उसके परिजनों को धमकी देते रहे। करीब एक महीने के बाद हाथरस कांड से जागी पुलिस को लखनऊ की बेटी की सुध आई। तब जाकर आनन-फानन में 2 आरोपियों को जेल भेजा।

पूरे प्रदेश में गैंगरेप जैसी अमानवीय घटनाएं घट रही हैं लेकिन पुलिस का चेहरा उससे ज्यादा घिनौना सामने आ रहा है।

हाथरस में दलित बेटी के परिजन एक हफ्ते तक इंसाफ के लिए पुलिस के चक्कर काटते रहे वैसा ही लखनऊ में हुआ।

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश में बेटियों के साथ हो रहे अपराध पर जनता गुस्से में है। विपक्ष सड़कों पर प्रदर्शन कर रहा है। बेटियाँ कब सुरक्षित होंगी? उन्हें कब सुरक्षित माना जाएगा।

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सीने से मासूम की लाश चिपकाए एंबुलेंस के लिए गिड़गिड़ाते रहे गरीब मां-बाप https://lucknowpost.com/driver-ask-poor-parents-for-rs-1800-for-ambulance-in-sultanpur/ Sun, 23 Aug 2020 12:28:12 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2843 सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सबकुछ ठीक होने के दावों के बीच एक न एक मामला ऐसा आ ही जाता है जो पूरी व्यवस्था की कलई खोल देता है. अब शर्मिंदा करने वाली घटना हुई है उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल में जहां एक तीन साल के बच्चे के शव को ले जाने के लिए … Continue reading सीने से मासूम की लाश चिपकाए एंबुलेंस के लिए गिड़गिड़ाते रहे गरीब मां-बाप

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सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सबकुछ ठीक होने के दावों के बीच एक न एक मामला ऐसा आ ही जाता है जो पूरी व्यवस्था की कलई खोल देता है.

अब शर्मिंदा करने वाली घटना हुई है उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल में जहां एक तीन साल के बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस के ड्राइवर ने पीड़ित परिवार से 1800 रुपए मांग लिए.

परिवार के पास पैसे नहीं थे, लिहाज़ा वो अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से चिपकाए रोडवेज़ बस स्टैंड ले गए जहां एक सब इंस्पेक्टर ने उन्हें सरकारी बस में बिठा कर घर रवाना किया.

दरअसल जौनपुर के सरपतहा थाना क्षेत्र के उसरौली गांव के रहने वाले रामनयन के तीन साल के बेटे दिव्यांश को सांप ने काट लिया था.

वो उसे लोकर सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई.

उन्होंने अस्पताल से घर जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस की मांग की लेकिन कोई एंबुलेंस उनके लिए मुहैया नहीं कराई जा सकी.

बाद में एक एंबुलेंस चालक ने उनसे कहा कि वो उन्हें घर छोड़ देगा लेकिन इसके बदले में 18 सौ रुपए देने होंगे.

गरीब रामनयन के पास इतने पैसे नहीं थे. वो और उनकी पत्नी सुमित्रा अपने कलेजे के टुकड़े की लाश को सीने से चिपकाए रोडवेज़ बस स्टेंड की ओर पैदल ही चले गए.

रोते-बिलखते माता-पिता को देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो मौके पर नियाज़ नाम के एक चौकी इंचार्ज पहुंचे जिन्होंने उन्हें सरकारी बस में बिठा कर घर भिजवा दिया.

इस बारे में जब स्थानीय पत्रकारों ने अस्पताल प्रशासन से सवाल किए तो वही रटा-रटाया जवाब मिला कि हमें जानकारी नहीं है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और असंवेदनशीलता का यह पहला मामला नहीं है.

हर बार जब भी ऐसी घटना सामने आती है, प्रशासन जांच की बात करता है, वो जांच जो शायद कभी होती ही नहीं.

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योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी https://lucknowpost.com/yogi-accepts-demands-of-kalbe-jawwad/ Sun, 23 Aug 2020 09:13:32 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2833 [speaker]उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया धर्मगुरुओं से मुलाक़ात के बाद मोहर्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं. पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद की मांगों को स्वीकार कर लिया है और मोहर्रम के दौरान ताजिएदारी से पाबंदी हटा ली है. मौलाना के प्रतिनिधिमंडल में शामिल … Continue reading योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी

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[speaker]उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया धर्मगुरुओं से मुलाक़ात के बाद मोहर्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं.

पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद की मांगों को स्वीकार कर लिया है और मोहर्रम के दौरान ताजिएदारी से पाबंदी हटा ली है.

मौलाना के प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे शमील शम्शी ने मीडिया को बताया है कि पूरे प्रदेश में अज़ादारी से पाबंदी हटा ली गई है.

प्रशासन की ओर से घर में ताजिए रखने पर दर्ज एफ़आईआर को भी वापस लेने का आश्वासन दिया गया है.

हालांकि मजलिस में अभी भी पांच ही लोग मौजूद रहेंगे. वहीं सड़कों और चौराहों पर भी ताजिए नहीं रखे जा सकेंगे.

यौमै आशूर यानी मोहर्रम की दस तारीख़ को ताजिए दफ़नाने को लेकर अभी फ़ैसला नहीं लिया गया है.

Azadari Lucknow
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मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी ने सरकार की ओर से मोहर्रम को लेकर जारी की गईं गाइडलाइन का विरोध किया था.

सरकार ने पहले ताजिएदारी पर पूर्ण पाबंदी लगाई थी और मजलिस को भी प्रतिबंधित किया था.

उन्होंने शिया धर्मगुरुओं को साथ लेकर अनिश्चितकालीन धरना भी शुरू कर दिया था.

मौलाना ने आरोप लगाया था कि पुलिस लोगों को अपने घरों में भी ताजिए नहीं रखने दे रही है.

उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को अत्याचार बताते हुए गिरफ़्तारी देने की धमकी भी दी थी.

लखनऊ कमिश्नरेट के पश्चिमी ज़िले के डीसीपी भी मौलाना कल्बे जव्वाद से मिलने पहुंचे थे.

मौलाना ने सरकार से मांग की थी कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख़्याल रखते हुए ताजिए रखने और मजलिस पढ़ने की अनुमति दी जाए.

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78 करोड़ खर्च फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पीलीभीत ज़िला रहा फिसड्डी https://lucknowpost.com/pilihit-spent-78-crore-on-cleanliness-but-nothing-happened-on-ground/ Sun, 23 Aug 2020 08:08:25 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2823 मोहम्मद जावेद उत्तर प्रदेश का भाजपा शासित ज़िला पीलीभीत इस महामारी के समय मे भी स्वास्थ्य को लेकर कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा आप इस घटना से लगा सकते हैं कि बीते दिनों एक भिखारी को पीपीई किट पहने घूमता हुआ देख गया था. महामारी नियंत्रण और निरंतर बढ़ रहे संक्रमण के लिहाज़ … Continue reading 78 करोड़ खर्च फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पीलीभीत ज़िला रहा फिसड्डी

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मोहम्मद जावेद

उत्तर प्रदेश का भाजपा शासित ज़िला पीलीभीत इस महामारी के समय मे भी स्वास्थ्य को लेकर कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा आप इस घटना से लगा सकते हैं कि बीते दिनों एक भिखारी को पीपीई किट पहने घूमता हुआ देख गया था.

महामारी नियंत्रण और निरंतर बढ़ रहे संक्रमण के लिहाज़ से ये स्वास्थ्य विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही है कि यहां इस्तेमाल किए गए पीपीई किट को ऐसे ही कूड़े में फेंक दिया गया, जिसे पहनकर भिखारी पूरे शहर में घूमता रहा.

कोरोनावायरस से ग्रस्त लोगों की देखभाल व संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर व कर्मचारी पीपीई किट को पहनते हैं जो सिर्फ एक बार इस्तेमाल की जा सकती है. इस्तेमाल के बाद इसको एक पैकेट में बंद करके हाइड्रो क्लोराइड सॉल्यूशन में डाला जाता है, फिर मेडिकल वेस्ट कम्पनी इसको लेकर जाकर नष्ट कर देती है ताकि इससे संक्रमण न फ़ैल सके.

जिला पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की ख़बरें अक्सर अखबारों में छपती रहती हैं. इस बार भी मामला लोगों के स्वास्थ्य से ही जुड़ा हुआ है.
पीलीभीत नगर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के नाम पर नगर पालिका ने 78 करोड़ रुपये की मोटी रकम का बजट खर्च दिया लेकिन सूरत ए हाल में कोई तब्दीली नही है. ना कूड़ा हटा और ना ही नालों की तालझाड सफाई हुई. कोरोना संक्रमण की इस नाज़ुक घड़ी में हालात ऐसे हैं कि ज़िले की सड़कों पर अगर आप बिना मास्क पहनें निकल जाएं तो शायद ही बीमार होने से बच पाए.

पीलीभीत नगर पालिका द्वारा हर महीने स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर 65 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं. स्वास्थ्य की अत्यंत दयनीय स्तिथि के बाद भी नगरपालिका के जिम्मेदार दावा करते हैं कि उनसे अच्छी सफाई व्यवस्था कोई कर ही नहीं सकता. हाल ही में हुई स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग इस दावे की पोल खोलकर रख देती है जिसमें पीलीभीत को 259 वह नंबर पर रखा गया है और इतना ही नहीं मंडल में पीलीभीत नगर पालिका सबसे पीछे है.

इसके अलावा पीलीभीत नगर पालिका अभी तक शहर में एक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं लगवा पाई है जिसके चलते शहर भर से निकला कूड़ा पीलीभीत शहर से निकलने वाली नदी देवहा के किनारे डाला जाता है. इस कूड़े से तेज दुर्गंध आती है और रोड से निकलने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्वच्छता के लगभग सारे पैमानों पर ज़िला पीलीभीत का सफाई विभाग खरा उतारने में फेल होता नजर आ रहा है लेकिन फिर भी सबसे बेहतर होने का दावा कर रहा, जो सोचनीय है. पीलीभीत जलभराव की समस्या से भी निरंतर कई सालों से जूझ रहा है. हाल ही में हुई नालों की सिल्ट सफाई कराई गई हो, फिर भी हालात कुछ ऐसे हैं कि जगह-जगह हल्की-फुल्की बरसात के बाद ही जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

पीलीभीत नगर पालिका क्षेत्र में सफाई करने का जिम्मा 180 स्थाई और 250 ठेका कर्मचारियों के कंधे पर है. नगरपालिका आउटसोर्सिंग और ठेके पर नाला सफाई कर आती है, लेकिन तब भी सफाई के हालात ऐसे हैं कि अगर सड़कों पर निकल कर अधिकारी एक बार ठीक से हालात देख लें तो जिम्मेदारों का कार्रवाई से बच पाना मुश्किल है.

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उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक https://lucknowpost.com/uttar-pradesh-government-stops-installation-of-smartmeters/ Thu, 20 Aug 2020 23:11:38 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2811 [speaker]जन्माष्टमी के दिन जब शहर जगमग होने चाहिए था, स्मार्टमीटर की ख़राबी के चलते कई शहरों में अंधेरा छा गया था. अब सरकार ने स्मार्टमीटरों की खामियों की समीक्षा की बात कही है और फिलहाल स्मार्टमीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी है. उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में … Continue reading उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक

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[speaker]जन्माष्टमी के दिन जब शहर जगमग होने चाहिए था, स्मार्टमीटर की ख़राबी के चलते कई शहरों में अंधेरा छा गया था.

अब सरकार ने स्मार्टमीटरों की खामियों की समीक्षा की बात कही है और फिलहाल स्मार्टमीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी है.

उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में कहा है कि जब तक स्मार्टमीटरों की खामियां दूर नहीं हो जातीं, प्रदेश में स्मार्टमीटर नहीं लगाए जाएंगे.

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को ही एक आदेश जारी कर स्मार्टमीटर के काम को अगले पंद्रह दिनों तक रोक देने के लिए कहा था.

सरकार ने पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एम देवराज को आदेश दिया था कि इनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड के स्मार्टमीटर लगाए जाने के काम को पंद्रह दिन तक के लिए रोक दिया जाए.

सरकार ने ये भी स्पष्ट कहा है कि पावर कार्पोरेशन अपनी ज़िम्मेदारियों से बच नहीं सकती है. जन्माष्टमी के मौके पर बिजली चले जाने की रिपोर्ट भी पंद्रह दिन में पेश करने के लिए कहा गया है.

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ऊर्जा मंत्री ने कल दिए एक बयान में कहा गया है कि ये भी जांच की जा रही है कि गड़बड़ी सर्वर में हुई है या कमी मीटरों में है.

ग़ौरतलब है कि 12 अगस्त को स्मार्टमीटरों में ख़राबी आई थी जो 16 अगस्त तक ठीक की जा सकी.

सरकार ने कार्पोरेश से आपात स्थिति के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा है.

कार्पोरेशन के प्रीज़ेंटेशन को विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगा.

एक्सपर्ट कमेटी की सिफ़ारिश के बाद ही फिर से स्मार्ट मीटर लगाए जाने को अनुमति दी जाएगी.

स्मार्टमीटर के ज़रिए सरकार का मक़सद बिजली चोरी रोकना है.

योजना के तहत स्मार्टमीटर उन्हीं इलाक़ों में लगाए जाने हैं जहां सबसे ज़्यादा बिजली चोरी होती है.

लेकिन लार्सन एंड टूब्रो, ईईएसएल और पावर कार्पोरेशन ने सभी जगह स्मार्ट मीटर लगाने शुरू कर दिए थे.

ईईसीएस उत्तर प्रदेश में चालीस लाख स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है.

जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटरों में आई तकनीकी खामी के चलते कई शहरों में लाखों घरों की बिजली चली गई थी.

एक साथ कई शहरों में एक लाख से अधिक घरों में बिजली चले जाने के इस मामले की जांच योगी सरकार ने एसटीएफ़ को सौंप दी थी.

लापरवाही बरतने के आरोप में दो शीर्ष अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था.

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत ईईएसएल एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) है, जो भारत में स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम को लागू करने का काम करती है.

स्मार्ट मीटर का उद्देश्य बिजली चोरी कम करना है. इसमें किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है.

ये मीटर रियल टाइम में बिजली की खपत का डाटा कंपनी और यूज़र को उपलब्ध करवाता है.

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देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां https://lucknowpost.com/total-corona-cases-in-india-reaches-28-lakhs/ Wed, 19 Aug 2020 06:15:45 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2793 लेखकः मोहम्मद जावेद देश में किये जा रहे तमाम प्रयासों के बीच कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के मामले बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. बीते चौबीस घंटों में 64 हज़ार से अधिक नए मामलों के साथ भारत में कुल संक्रमण के मामलों की तादाद अब 28 लाख के क़रीब … Continue reading देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां

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लेखकः मोहम्मद जावेद

देश में किये जा रहे तमाम प्रयासों के बीच कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के मामले बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. बीते चौबीस घंटों में 64 हज़ार से अधिक नए मामलों के साथ भारत में कुल संक्रमण के मामलों की तादाद अब 28 लाख के क़रीब पहुंच गई है.

बुधवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 64531 नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2767273 पहुंच गई है. इनमें से 6,76514 एक्टिव केस हैं साथ ही अभी तक 2037870 मरीजों को या तो अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है या फिर वह स्वस्थ हो चुके हैं.

वहीं इस दौरान 1092 लोगों की मौत हुई है और कुल मृतकों की संख्या 53 हजार के करीब पहुंच चुकी है. आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 से अब तक 52889 लोगों की मौत हो चुकी है. वर्तमान स्थिति में देश में 24.45 फीसदी एक्टिव केस हैं

भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था. इसके 110 दिन के बाद यानी 10 मई को देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख हो गई थी. इसके बाद देश में महामारी की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ी, केवल 88 दिन में ही एक लाख से बढ़कर आंकड़ा 25 लाख पार कर गया. महामारी की रफ्तार को कम करने के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है और रोज़ाना रिकॉर्डतोड़ टेस्ट हो रहे हैं.

कुल टेस्टिंग की बात करें तो मुल्कभर में तीन करोड़ से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के की ओर से जारी डाटा के मुताबिक 801518 सैंपलों के टेस्ट कल किए गए हैं.

जिस प्रकार देश में कोरोना संक्रमण, मौत के आंकड़े  और टेस्टिंग को बढ़ रही है वैसे वैसे लोगों में दिन व दिन कोरोना के प्रति उदासीनता और लापरवाही बढ़ती जा रही है. एक ओर जहां स्वास्थ्य महकमा, पुलिस प्रशासन और कुछ NGOs  लोगों को जागरूक करने की कोशिश में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी ओर स्वास्थय महकमे की लापरवाहियां भी लगातार सामने आ रही.

परिणामस्वरूप लोगों में कोरोना, सामाजिक दूरी व मास्क के प्रयोग के प्रति उदासीनता बड़ी है. खबरों के मुताबिक़ यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य कई हिस्सों में स्वास्थय विभाग की लापरवाही के अनगिनत केस सामने आये हैं.

कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां

पिछले दो चार दिन से सोशल मीडिया पर एक पुलिसकर्मी का वीडियो बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है जिसमे एक पुलिसकर्मी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर सवाल उठा रहा है, उसने अपने एक वायरल वीडियो में कहा है कि उसकी बिना कोरोना जांच के ही उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव बता दी गयी जबकि उसने किसी प्रकार का कोई सैंपल ही नहीं दिया है. इस वायरल वीडियो से जिलेभर में हड़कम्प मचा हुआ है तो वहीं इस मामले में स्वास्थ्य विभाग भी उसके कोरोना पाॅजिटिव होने की पुष्टि कर रहा है.

https://www.facebook.com/LucknowPost/posts/2855256144575762

 

मामला यूपी के कन्नौज जिले का है. पुलिस लाइन कन्नौज में तैनात सिपाही श्याम बाबू ने बताया कि वह 29 जुलाई को फतेहपुर गया था, वापसी में फतेहपुर जिला अस्पताल में उससे कोरोना जांच का फार्म भरवाया गया उसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग हुई और कहा गया कि जांच डेढ़ बजे होगी. छुट्टी सेंक्शन के लिए अप्लाई करने के इरादे से वह वापस अपने दफ्तर गया इसी बीच 7 अगस्त को उसके पास सीएमओ व अन्य 3 डॉक्टरों के फोन आते हैं कि आप कोरोना पाॅजिटिव हैं. उनका कहना है उन्होंने सैंपल ही नहीं दिया है. जबकि सीएमओ कृष्ण स्वरूप का कहना है कि हमारे द्वारा इस तरह का कोई भी फोन नही किया गया है. सीएमओ का कहना है कि उस दिन 40 सैंपल लिये गये जिसमें इस नाम का कोई दूसरा आदमी भी नही था तो इसने वहाॅं सैंपल दिया होगा और तभी रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी होगी.

दूसरा मामला भी उत्तर प्रदेश के लखनऊ से है जहां 21 वर्षीय शिवांश मिश्रा को फोन कॉल के माध्यम से जानकारी दी गई कि वह कोरोना पॉजिटिव है. हमने शिवांश को फोन पर संपर्क कर मामला जानने की कोशिश की, प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़ उसने बीती 8 अगस्त को सीएचसी चिनहट में कोरोना टेस्ट कराया था और 9 अगस्त की शाम को उसे फोन आता है कि वह रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. शिवांश का कहना है कि “मैंने 8 अगस्त को टेस्ट कराया, 9 अगस्त को फोन के माध्यम से जानकारी दी गई कि मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है लेकिन मुझे अभी तक रिपोर्ट की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है. शिवांश ने साथ ही ये भी बताया कि उसके अन्य कई साथियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है जिनको फोन पर ही उनकी पॉजिटिव आयी रिपोर्ट की जानकारी दी गई है. शिवांश की टेस्टिंग RTPCR मैथड से की गई है.

एक अन्य मामला भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से है जहां स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. यहां बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पति के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट को लेकर गलत जानकारी परिवार तक पहुंच गई, जिससे सांसद के परिवार में हड़कंप मच गया. बाद में पता चला कि विभागीय गलती के कारण सांसद पति की नेगेटिव रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग के डेटा में पॉजिटिव दिखाया गया था. सच्चाई सामने आने के बाद सांसद जोशी ने अपनी नाराजगी जाहिर की. प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनिवार 15 अगस्त को प्रयागराज में रीता बहुगुणा जोशी के पति पूरन चन्द्र जोशी की रैपिड एंटीजेन टेस्ट और RTPCR मैथड से जांच हुई. रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट तो नेगेटिव आई लेकिन RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट अभी आना वाक़ी थी. इस बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई पॉजिटिव लोगों की सूची में सीरियल नम्बर 98 पर जोशी का नाम था जिससे परिवार काफी परेशान हो गया और रीता बहुगुणा जोशी ने तो पति के दिल्ली में इलाज के लिए एंबुलेंस भी बुक कर ली थी.

बिहार में तो सूरत ए हाल ये है कि प्रदेश के एएनएम कार्यकर्ता बिना सुरक्षा के अपनी जान जोखिम में डालकर सैंपलिंग का काम कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, जमुई में कोरोना जांच सैंपलिंग में बड़े पैमाने पर घोर लापरवाही बरती जा रही है. यहां बिना सुरक्षा मानकों (बिना पीपीई किट) के सैंपल लिए जा रहे हैं. लैब टेक्नीशियन के स्ट्राइक पर जाने के कारण, स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम कार्यकर्ताओं को ही सैंपलिंग के काम पर लगा दिया है. जिसके नतीजे में एक महिला की बगैर सैंपल लिये कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव भेज दी गयी. महिला के मोबाइल पर रिपोर्ट का मैसेज भेजा गया जिसको देखते ही महिला समेत परिवारवाले परेशान हो गए.

जानकारी के अनुसार विठलपुर गांव में बीते 11 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर लोगों का कोरोना सैंपल लिया था. शिविर में इस महिला का भी पंजीकरण किया गया था. जब घर में काम आ जाने के चलते महिला बिना सैंपल दिये घर लौट गई लेकिन शुक्रवार को उसके मोबाइल पर रिपोर्ट का मैसेज आ गया जिसमें उसे नेगेटिव बताया गया है हालांकि उस दिन सैंपल देने वालों में 8 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये. उनमें महिला का बेटा भी शामिल है. महिला इस बात से परेशान है कि जब उसका सैंपल लिया ही नहीं गया, तो कैसे उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. बता  दें कि जमुई में इस तरह का ये नया मामला नहीं है. इससे पहले बीते 7 अगस्त को गिद्धौर प्रखंड में एक शिक्षक की रिपोर्ट बगैर सैंपल लिये नेगेटिव आ गई.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मामले को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है, ‘यह नीतीश मार्का वर्ल्ड क्लास कोरोना टेस्टिंग है. बिना पीपीई किट और शारीरिक दूरी के जांच हो रही है. विपक्ष के भारी दबाव के बाद 15 वर्षीय सुशासनी सह विज्ञापनी सरकार अब प्रतिदिन 1 लाख 20 हजार जांच का आंकड़ा ऐसे पूरा कर रही है. 10 हजार जांच में 3000 पॉजिटिव थे और 1 लाख 20 हजार में भी.’ तेजस्वी समेत पूरा विपक्ष बिहार में कोरोना जांच पर सवाल उठा रहा है. तेजस्वी का आरोप है कि, सरकार सही से टेस्टिंग नहीं करा रही है. साथ ही, सरकार द्वारा कोरोना के गलत आकड़ें पेश किए जा रहे हैं.

इस प्रकार देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ साथ लोगों में कोरोना के प्रति उदासीनता भी बढ़ी है. इन चार-पांच महीनों में कोरोना पर हमारी समझ के रंग भी गिरगिट के मानिंद बदलते रहे हैं. लॉकडाउन में दारू की इजाजत मिलने से लेकर रामदेव की दवा की चर्चायें हों या थाली-ताली और दिया जलाने के दिन हों, इन बुरे दिनों में भी दिलचस्प माहौल भी बना रहा. इस वैश्विक महामारी के शुरुआती दौर मार्च-अप्रैल में लग रहा था कि भारत में इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा. उन दिनों दुनिया के नज़रिए में हम सेफ ज़ोन मे थे. लेकिन दुर्भाग्य कि अब भारत विश्व के सबसे अधिक संक्रमित देशों में टॉप थ्री में पहुंच रहा है.

इससे बचने के तमाम रास्ते इख्तियार किए जा रहे हैं लेकिन इस खतरनाक वायरस को लेकर हमारी सोच का सांचा बदलता रहा है. कोरोना पर चर्चाएं भी कभी हमें डराती हैं, कभी रुलातीं हैं, तो कभी हंसाती भी है. ये सच है कि शुरु में इसकी आहट भर से दिल दहल जाता था पर अब जब ये तेज़ी से फैल रहा है तब हमारे अंदर इसका डर धीरे-धीरे कुछ कम भी होता जा रहा है. इस मर्ज में मुब्तिला लोगों के ठीक होने की बढ़ती रफ्तार से इत्मिनान हुआ है तो तेजी से बढ़ रही इसमें मरने वालों की तादाद देखकर डर भी लग रहा है.

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डॉ. कफ़ील ख़ान पर फिर से एनएसए लगाए जाने पर आज होगी हाई कोर्ट में सुनवाई https://lucknowpost.com/hearing-in-kafeel-khan-case-today/ Wed, 19 Aug 2020 04:38:33 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2784 [speaker]राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के डॉक्टर कफ़ील ख़ान की अर्ज़ी पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. हाई कोर्ट ने कफ़ील ख़ान की रिहाई करने की मांग करते हुए दायर की गई याचिका पर बुधवार को यानी आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब दाख़िल … Continue reading डॉ. कफ़ील ख़ान पर फिर से एनएसए लगाए जाने पर आज होगी हाई कोर्ट में सुनवाई

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[speaker]राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के डॉक्टर कफ़ील ख़ान की अर्ज़ी पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी.

हाई कोर्ट ने कफ़ील ख़ान की रिहाई करने की मांग करते हुए दायर की गई याचिका पर बुधवार को यानी आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब दाख़िल करने के लिए कहा था.

डॉक्टर कफ़ील ख़ान की मां नुज़हत परवीन की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने यह आदेश पारित किया था.

कफ़ील ख़ान की मां की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून की कार्रवाई रद्द करके उन्हें रिहा करने की मांग की गई है. इस याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज सुनवाई होगी.

डॉक्टर कफ़ील ख़ान को भड़काऊ बयानबाज़ी के आरोपों में गिरफ़्तार किया गया था. अलीगढ़ के ज़िलाधिकारी ने उन पर 13 फ़रवरी को रासुका लगाई थी.

कफ़ील ख़ान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. डॉ. ख़ान पर रासुका जेल में रहते हुए ही लगाई गई थी.

कफ़ील ख़ान को हाल ही में ज़मानत भी मिल गई थी लेकिन इस दौरान रासुका की अवधि को फिर से बढ़ा दिया गया था.

राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किए गए लोगों को छह महीने तक जेल में रखा जा सकता है. डॉ ख़ान इस समय उत्तर प्रदेश के मथुरा की जेल में बंद हैं.

14 अगस्त को उन पर लगी रासुका की अवधि को तीन और महीनों के लिए बढ़ा दिया गया था.

पत्नी ने उठाए आज़ादी पर सवाल

इसी बीच डॉ. ख़ान की पत्नी शाबिस्ता ख़ान ने एक वीडियो बयान जारी कर सवाल उठाया है कि उनके पति को किस आधार पर जेल में रखा जा रहा है.

रासुका लगाए जाने पर सवाल उठाते हुए शाबिस्ता ख़ान ने कहा था, ‘वह डॉक्टर जिसने मुश्किल वक्त में जगह-जगह देश के लोगों की सेवा की हो, उससे देश को क्या खतरा हो सकता है?’

डॉ. कफ़ील ख़ान पर लगाई गई रासुका को तीन बार आगे बढ़ाया जा चुका है. उनकी पत्नी ने कहा, ‘सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आज हम वाकई आजाद हैं? अगर आज हम अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं तो हमें जेल में डाल दिया जा रहा है. आज मेरे पति के साथ यह हो रहा है, कल किसी और के पति या बेटे के साथ होगा. अगर आज आप हमारे लिए आवाज नहीं उठाएंगे तो कल आपके लिए भी कोई आवाज नहीं उठाएगा.’

2017 में चर्चा में आए थे ख़ान

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले के दौरान डॉक्टर कफ़ील चर्चा में आए थे. उन्होंने निजी तौर पर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाए थे जिसके बाद मीडिया में उन्हें हीरो की तरह पेश किया गया था.

इस प्रकरण ने तब सत्ता में आए योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. योगी इस प्रकरण से इतने खिन्न हुए थे कि डॉ. ख़ान पर ही मुक़दमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया था.

कफ़ील ख़ान उस समय अस्पताल में बच्चों के वॉर्ड के नोडल अधिकारी थे. उन पर लापरवाही के आरोप लगाए गए थे.

डॉ. ख़ान अब एक चर्चित चेहरा बन चुके हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के उभरते नेतृत्व के तौर पर देखा जा रहा है.

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कृष्णा नगर प्रेम प्रसंग केसः पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई बर्बरता, नैंसी के शव पर 80 निशान https://lucknowpost.com/lucknow-murder-and-suicide-shocks-police/ Sat, 08 Aug 2020 14:26:07 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2716 प्रशांत शुक्ला, लखनऊ पोस्ट रिपोर्टर लखनऊ के कृष्णानगर में होटल में मिले प्रेमी युगल के शवों के मामलों की पुलिस जांच में पता चला है कि प्रेमी ने पहले प्रेमिका की हत्या की और फिर आत्महत्या कर ली. कृष्णानगर थाना क्षेत्र के होटल मोमेंट में बृहस्पतिवार को प्रेमी युगल नैंसी (21) और राहुल (21) के … Continue reading कृष्णा नगर प्रेम प्रसंग केसः पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई बर्बरता, नैंसी के शव पर 80 निशान

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प्रशांत शुक्ला, लखनऊ पोस्ट रिपोर्टर

लखनऊ के कृष्णानगर में होटल में मिले प्रेमी युगल के शवों के मामलों की पुलिस जांच में पता चला है कि प्रेमी ने पहले प्रेमिका की हत्या की और फिर आत्महत्या कर ली.

कृष्णानगर थाना क्षेत्र के होटल मोमेंट में बृहस्पतिवार को प्रेमी युगल नैंसी (21) और राहुल (21) के शव मिले थे. शुक्रवार को आयी पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमिका की हत्या गला दबाकर की गई .लेकिन इससे पहले उसे बेल्ट से पीटने के साथ साथ कांटे-चम्मच से गोदा भी गया.

नैंसी के पूरे शरीर पर 80 से ज्यादा चोट के निशान मिले. इसमें गले पर ही 30 से 40 निशान मिले. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, प्रेमी की मौत फांसी लगाने से हुई.

एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा ने कहा कि नैंसी के शरीर के दाहिने हिस्से पर और पीठ पर बेल्ट से चोट के निशान भी मिले हैं.

पुलिस का कहना है कि कि गुस्से में राहुल ने नैंसी के सिर को दीवार पर भी मारा था. कांटे-चम्मच से नैंसी को गोद कर अनगिनत वॉर किए गए होंगे.

रिपोर्ट के अनुसार नैंसी के होंठ और पेट पर भी कांटे-चम्मच से गोदा गया है. फिर गला और मुंह दबाकर हत्या कर दी गई.

रिपोर्ट में नैंसी की मौत का कारण गला दबाना ही आया है. और राहुल की मौत का कारण हैंगिंग आया है.

लखनऊ में हुए इस मामले से लोग सकते में हैं.

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लखनऊः ग़लत नंबर और पता देकर ग़ायब हो गए दो हज़ार से अधिक संक्रमित? https://lucknowpost.com/more-than-two-thousand-corona-infected-missing-in-lucknow/ Mon, 03 Aug 2020 09:55:45 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2662 न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो हज़ार से अधिक कोरोना संक्रमित स्वास्थ्य विभाग में ग़लत जानकारी और पता देकर ‘ग़ायब’ हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दो हज़ार से अधिक संक्रमितों ने टेस्ट कराने के दौरान अपने बारे में ग़लत जानकारियां स्वास्थ्य विभाग … Continue reading लखनऊः ग़लत नंबर और पता देकर ग़ायब हो गए दो हज़ार से अधिक संक्रमित?

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न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो हज़ार से अधिक कोरोना संक्रमित स्वास्थ्य विभाग में ग़लत जानकारी और पता देकर ‘ग़ायब’ हो गए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक दो हज़ार से अधिक संक्रमितों ने टेस्ट कराने के दौरान अपने बारे में ग़लत जानकारियां स्वास्थ्य विभाग को दी.

नतीजे पॉज़ीटिव आने पर इनसे संपर्क नहीं किया जा सका. बाद में सर्विंलास टीम के ज़रिए 1171 कोरोना पॉज़ीटिवों को तलाश लिया गया है. जबकि अभी भी 1119 संक्रमितों की तलाश जारी है.

इन लापता संक्रमितों की सूची अब पुलिस को सौंपी गई है. सर्विलांस टीम इनकी तलाश में जुटी है. जबकि अब तक मिले 1171 मरीज़ों को अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है.

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे का कहना है कि अपने बारे में ग़लत जानकारी देने वाले लोगों पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने लापता मरीज़ों का मुद्दा उठाते हुए ट्विटर पर लिखा है कि सरकार कर क्या रही है?

वहीं लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने संजय सिंह को जवाब देते हुए कहा है कि ये सूचना ग़लत है.

लखनऊ पुलिस की ओर से कहा गया है कि कांटेक्ट ट्रेसिंग एक निरन्तर प्रक्रिया है जिसमें पुलिस प्रशासन द्वारा 100 प्रतिशत कार्रवाही की जा रही है.

हालांकि पुलिस कमिश्नर ने 2290 कोरोना संक्रमितों के लापता होने के बारे में कुछ नहीं कहा है.

वहीं लखनऊ के सीएमओ आरपी सिंह का कहना है कि कुछ लोगों ने ग़लत जानकारियां दी होंगी लेकिन इतनी बड़ी तादाद की एक वजह ये भी हो सकती है कि बहुत से लोग लखनऊ में रहकर काम करते हैं लेकिन उनका मूल निवास कहीं और होता है. आधार से डाटा मैच कराने पर भी अलग डाटा आ रहा है.

आरपी सिंह के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग एल-1 कैटेगरी के अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ा रहा है और उन्हें एल-टू की श्रेणी में ला रहा है.

लखनऊ में प्रतिदिन पांच हज़ार से अधिक कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं.

संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए टेस्ट करके संक्रमितों का पता करना और उन्हें बाक़ी लोगों से अलग करना ज़रूरी है.

टेस्ट प्रक्रिया के दौरान कई लोगों ने अपने नाम, पते और फ़ोन नंबर ग़लत दर्ज करवा दिए.

टेस्ट नतीजे पॉज़ीटिव आने के बाद जब संक्रमितों की तलाश हुई तो कई के नाम पते ग़लत पाए गए.

लखनऊ इस समय उत्तर प्रदेश का सबसे संक्रमित शहर है. कल तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 8700 के क़रीब थी जिनमें से चार हज़ार से अधिक एक्टिव केस हैं.

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यूपी सरकार ने जारी किए अनलॉक-3 के दिशानिर्देश, जानें क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा https://lucknowpost.com/guidelines-for-unlock-3-in-uttar-pradesh/ Thu, 30 Jul 2020 23:43:56 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2640 उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को अनलॉक 3 के दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. स्कूल कॉलेज 31 अगस्त तक बंद रहेंगे. पूरे राज्य में सप्ताहांत यानी शनिवार-रविवार को लागू किया जा रहा लॉकडाउन जारी रहेगा. जिन इलाक़ों को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया जा रहा है उनमें भी लॉकडाउन पहले की तरह ही जारी रहेगा. प्रदेश … Continue reading यूपी सरकार ने जारी किए अनलॉक-3 के दिशानिर्देश, जानें क्या खुलेगा और क्या बंद रहेगा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को अनलॉक 3 के दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं.

स्कूल कॉलेज 31 अगस्त तक बंद रहेंगे. पूरे राज्य में सप्ताहांत यानी शनिवार-रविवार को लागू किया जा रहा लॉकडाउन जारी रहेगा.

जिन इलाक़ों को कंटेनमेंट ज़ोन घोषित किया जा रहा है उनमें भी लॉकडाउन पहले की तरह ही जारी रहेगा.

प्रदेश सरकार के मुताबिक राज्य में सभी स्कूल कॉलेज और शिक्षण- प्रशिक्षण संस्थान, कोचिंग इंस्टीट्यूट आदि 31 अगस्त तक बंद रहेंगे.

यही नहीं सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, थिएटर, बार, सभागार, असेंबली हॉल, एंटरटेनमेंट पार्क आदि भी 31 अगस्त तक बंद रहेंगे.

जिम को खोलने की अनुमति

हालांकि सरकार ने जिम खोलने की अनुमति दे दी है. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एसओपी यानी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए जिन 5 अगस्त से खुल सकेंगे. यहां भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा.

हालांकि प्रदेश में सभी तरह की राजनीतिक, सामाजिक, खेल, शैक्षिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, मनोरंजन की गतिविधियां बंद रहेंगी.

सरकार की ओर से कहा गया है कि स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में भी सामाजिक दूरी का ख्याल रखना होगा.

स्वतंत्रता दिवस पर राज्य, ज़िला, तहसील, नगर निगम और पंचायतों के स्तर पर कार्यक्रम तो आयोजित किए जा सकेंगे लेकिन इस दौरान सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखना होगा.

साथ ही स्वास्थ्य से संबंधी सरकार की ओर जारी अन्य प्रोटोकॉल का भी पालन करना होगा.

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