लखनऊ के लोहिया इंस्टीट्यूट के निदेशक एके त्रिपाठी को सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया है.
उन पर लापरवाही के भी आरोप हैं. डा त्रिपाठी को केजीएमयू के वीसी की रेस में भी प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
अब निलंबन ने उनकी दावेदारी भी खारिज कर दी है. फिलहाल पूर्व कार्यवाहक निदेशक प्रोफ़र नुज़हत हुसैन को लोहिया इंस्टीट्यूट का चार्ज दिया गया है.
क्या हैं आरोप?
प्रोफ़ेसर त्रिपाठी पर नियुक्तियों में अनियमितता बरतने और अस्पताल की व्यवस्था में लापरवाही बरतने का आरोप है.
संतकबीर नगर के सांसद ई.प्रवीण कुमार निषाद ने पत्र लिखकर प्रोफ़ेसर त्रिपाठी के ख़िलाफ़ शिकायत भी की थी.
सांसद ने प्रोफ़सर त्रिपाठी पर एफ़आईआर दर्ज करने की मांग भी की थी.
इस पूरे प्रकरण पर अभी प्रोफ़ेसर त्रिपाठी की ओर से कोई बयान नहीं आया है.
लेकिन लखनऊ के इस प्रतिष्ठित संस्थान की साख पर बट्टा ज़रूर लगा है.