कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया है कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के किलेनुमा घर में बंकर और बारूद मिला है.
आईजी के मुताबिक विकास दुबे ने अपने घर की दीवारों में भी असलहा छुपा रखा था जो मकान गिराए जाने के दौरान मिला है.
मोहित अग्रवाल के मुताबिक जिस तरह पुराने ज़माने में लोग अपने घरों की दीवारों में सामान छुपा देते थे उसी तरह विकास दुबे ने घर की दीवारों में हथियार छुपा रखे थे.
मोहित अग्रवाल के मुताबिक विकास दुबे के घर से भारी मात्रा में बारूद भी बरामद किया गया है जिसकी जानकारी जल्द ही मीडिया के साथ साझा की जाएगी.
लूट लिए थे पुलिस के हथियार
गुरुवार रात को विकास दुबे के गैंग ने पुलिस पर हमला कर हथियार भी लूट लिए थे. इनमें एक एके-47, एक इंसास राइफ़ल और तीन पिस्टल शामिल हैं. एक पिस्टल पुलिस ने बरामद करने का दावा किया है.
यही नहीं विकास दुबे के परिजनों के पास भी एक दर्जन लाइसेंसी हथियार हैं. इसके अलावा घर की दीवार से 6 पिस्टल और 25 कारतूस बरामद किए गए. पुलिस के मुताबिक बम बनाने का सामान और कीलें आदि भी बरामद की गई हैं.
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य अभियुक्त विकास और उसका गैंग अभी फ़रार है. पुलिस की सौ से अधिक टीमें विकास दुबे और उसके गुर्गों की तलाश में जुटी हैं.
विकास दुबे पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने उसका कानपुर में उसके गांव में स्थित किलेनुमा घर को ध्वस्त कर दिया है साथ ही कई गाड़ियां भी जेसीबी से तोड़ दी हैं.
विकास दुबे और उसके परिवार से जुड़े लोगों के लखनऊ स्थित आवासों को तोड़ने की तैयारी भी प्रशासन कर रहा है.
इस सबके बीच एक सवाल जिसका जवाब नहीं मिल रहा है वो है कि विकास दुबे इतने हथियार और दौलत कैसे जुटा पाया और प्रशासन और पुलिस ने उसकी अब तक की हरकतों से आंखें कैसे मूंद ली थीं.
जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ेगा, कई अफ़सर और सफ़ेदपोश भी बेनकाब होंगे, लेकिन सवाल यही है कि क्या पुलिस-प्रशासन अपने लोगों तक जांच को ले जा पाएगा?