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लखनऊः डॉक्टर से वसूली करने गए फ़र्ज़ी पत्रकार धरे गए, दो गिरफ़्तार तीन फ़रार

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लखनऊ के खाला बाज़ार इलाक़े में एक डॉक्टर पर पत्रकारिता की धौंस जमाकर वसूली करने की कोशिश में दो फ़र्ज़ी पत्रकारों को गिरफ़्तार किया गया है जबकि तीन फ़रार हैं.

यूट्यूब पर चैनल चलाने का दावा करने वाले ये पत्रकार एक डॉक्टर के क्लिनिक पर पहुंचकर विज्ञापन के नाम पर पैसा मांग रहे थे.

जब डॉक्टर ने विज्ञापन देने से इनकार किया तो पत्रकारिता की धौंस जमाकर पैसे मांगने लगे.

डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने फ़र्ज़ी पत्रकार रफ़ीक़ हसनैन जाफ़री और रफ़ी अहमद को गिरफ़्तार कर लिया है जबकि समर्थ सक्सेना, मनोज शर्मा और नीरज वाल्मिकी नाम के पत्रकार फ़रार हैं.

पुलिस का कहना है कि फ़रार पत्रकारों की तलाश भी की जा रही है.

क्या है मामला


अपने आप को यूट्यूब चैनल का पत्रकार बताने वाले ये पांचों लोग डॉक्टर के अस्पताल पहुंचे थे. पहले विज्ञापन मांगा और फिर अनियमितताओं का पर्दाफ़ाश करने की धमकी देकर पैसे मांगे.

बातचीत के दौरान हसनैन जाफ़री अपने साथी रफ़ी के साथ चुपके से रफ़ूचक्कर हो गया लेकिन डॉक्टर ने अपने कर्मचारियों की मदद से बाकी तीनों को पकड़ लिया.

डॉक्टर ने पकड़े गए तीनों फ़र्ज़ी पत्रकारों से कहा कि किसी बहाने से हसनैन जाफ़री को दोबारा बुलाओ. उन्होंने कॉल करके जाफ़री को बुला लिया.

डॉक्टर ने अपने कर्मचारियों की मदद से हसनैन और रफ़ी को पकड़कर पुलिस को बुला लिया. लेकिन इस दौरान समर्थ सक्सेना, मनोज शर्मा और नीरज वाल्मिकी चुपके से निकल लिए.

डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने हसनैन जाफ़री और रफ़ी को गिरफ़्तार कर लिया जबकि बाकी तीन की तलाश कर रही है.

लखनऊ पोस्ट को विश्वस्नीय सूत्रों से पता चला है कि हसनैन जाफ़री पहले भी इस डॉक्टर से मोटी रकम वसूल चुका था.

अपने आप को भारतीय पत्रकार महासभा का चेयरमैन बताने वाला हसनैन जाफ़री नेशनल एंटी करप्शन कमेटी ऑफ़ इंडिया नाम के एक और फ़र्ज़ी संगठन से जुड़ा है.

इस तरह के संगठन कारोबारियों से भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश करने के नाम पर वसूली करते हैं. ये पंजीकृत तो होते हैं लेकिन इनकी कोई ख़ास मान्यता नहीं होती और न ही इनके पास कोई क़ानूनी अधिकार होते हैं.

पत्रकारिता की आड़ में फ़र्ज़ीवाड़ा करने वाले ऐसे फ़र्ज़ी पत्रकार आमतौर पर ऐसे लोगों को निशाना बनाते हैं जिन्हें किसी कारण क़ानून का डर होता है.

राजधानी में ऐसे बहुत से फ़र्ज़ी पत्रकार सक्रिय हैं जो प्रभावशाली लोगों के साथ फोटो खिंचाकर उनका इस्तेमाल धौंस जमाने में करते हैं. हसनैन जाफ़री ने भी लखनऊ के शीर्ष लोगों के साथ तस्वीरें खिंचा रखी हैं.

 

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