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उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में तबाही मचाने के बाद अब किधर चले टिड्डी दल?

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उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे टिड्डी दल इस समय झांसी, चित्रकूट, प्रयागराज, प्रतापगढ़, भदौही, जौनपुर, आज़मगढ़ और अंबेडकरनगर जनपदों में सक्रिय हैं.

कृषि विभाग के मुताबिक इन ज़िलों के अलग-अलग विकासखंडों में टिड्डी दल उड़ान पर हैं. ये दल छोटे-छोटे दलों में बंट गए हैं और अलग-अलग जगह उड़ान भर रहे हैं.

दिन में उड़ने वाले टिड्डी दल रात में ठहरते हैं. ये दल जिस जगह ठहरते हैं वहां से सबकुछ चट करके ही उड़ते हैं.

 

कृषि विभाग का कहना है कि अलग-अलग टीमें इन दलों पर नज़र रखे हुए और रात्रि के दौरान अभियान चलाकर टिड्डी दलों के नियंत्रण की कार्रवाई की जाएगी.

इन ज़िलों के अलावा इनसे लगे हुए ज़िलों हमीरपुर, बांदा, फ़तेहपुर, कौशाम्बी, मिरज़ापुर, सुल्तानपुर, मऊ, एवं बलिया आदि ज़िलों में भी अधिकारियों को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं.

कृषि विभाग का कहना है कि बीती रात जौनपुर ज़िले के शाहगंज विकास क्षेत्र में पेड़ों पर आश्रय लेने वाले एक टिड्डी दल को पचास प्रतिशत तक नष्ट कर दिया गया है.

वहीं प्रयागराज़ ज़िले में भी कृषि विभाग और अग्नीशमन दल की टीमों ने एक टिड्डी दल को 70 फ़ीसदी तक नष्ट किया.

पाकिस्तान से राजस्थान के रास्ते भारत में दाख़िल हुए टिड्डी दल अब तक राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के कई ज़िलों में नुक़सान पहुंचा चुके हैं.

टिड्डियां रोज़ाना अपने वज़न के बराबर खा सकती हैं और इनकी तादाद भी तेज़ी से बढ़ती है.

दुनिया के कई देशों में टिड्डी दलों ने फसलों को नुक़सान पहुंचाया है. अफ्रीका के कुछ देशों में तो भुखमरी जैसे हालात भी पैदा किए हैं.

यदि भारत में ये टिड्डी दल नियंत्रित नहीं किए गए तो ये फसलों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं.

केंद्र सरकार ने राज्यों से टिड्डियों के प्रति अलर्ट रहने के लिए कहा है.

कृषि विभाग ने भी किसानों को टिड्डी दलों के ठहरने के दौरान उन पर रसायनिक छिड़काव करने की सलाह दी है.

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