लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी का दफ़्तर कोरोना संक्रमण की वजह से दोबारा सील हो गया है. कर्मचारी की रिपोर्ट पॉज़िटिव आने के बाद दफ़्तर को दो दिन के लिए सील किया गया है.
सीएमओ का दफ़्तर कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई का केंद्र है. कोरोना की वजह से कार्यालय बंद होने से प्रशासनिक कार्य प्रभावित होगा.
लखनऊ में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले इस बात का सबूत हैं कि लापरवाही बड़े स्तर पर हो रही है.
अभी तो दफ़्तर सील है, लेकिन जब खुला था तब भी जनता के लिए बहुत काम का नहीं था.
लखनऊ के सीएमओ के दफ़्तर में अगर कोई शिकायत के लिए फ़ोन करे तो आमतौर पर कॉल रिसीव ही नहीं होती है.
स्थानीय पत्रकारों का फ़ोन भी सीएमओ के कार्यालय में रिसीव नहीं किया जाता है.
लखनऊ पोस्ट ने भी कई बार सीएमओ के कार्यालय में शहर में कोरोना संक्रमण से जुड़ी जानकारियां लेने के लिए फ़ोन किया है लेकिन कभी जवाब नहीं मिला.
कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में सीएमओ कार्यालय में तैनात कर्मचारी फ्रंटलाइन पर हैं और संक्रमण का ख़तरा भी उठा रहे हैं.
लेकिन स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि सीएमओ कार्यालय में ही कोविड 19 गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा है.
हाल ही में शासन में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने सीएमओ कार्यालय का दौरा किया था और अव्यवस्था पर नाराज़गी भी ज़ाहिर की थी.
लेकिन अभी तक लखनऊ के सीएमओ नरेंद्र अग्रवाल पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उत्तर प्रदेश के की ज़िलों में लापरवाही बरतने पर सीएमओ का तबादला हुआ है.