उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार अगल छह महीने के भीर दस लाख लोगों को रोजगार के मौके देगी.
मुख्यमंत्री का कहना है कि इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है.
कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए लॉकडाउन के कारण बड़ी तादाद में श्रमिक वापस उत्तर प्रदेश लौटे हैं. प्रदेश सरकार अब इन श्रमिकों और कामगारों को उत्तर प्रदेश में ही रोज़गार देना चाहती है.
बुधवार को अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने मंडियों को एक्सपोर्ट हब के तौर पर विकसित करने के निर्देश भी दिए.
प्रवासी श्रमिकों को उनके गांव में ही स्वरोजगार के लिए योगी सरकार लोन देने की भी योजना बनाई है.
यूपी सरकार ने अब तक क्या किया है?
- हर श्रमिक की स्किल मैपिंग की जाएगी और उनकी दक्षता के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के लिए 29 मई को फिक्की, आईआईए, लघु उद्योग भारती और नारडेको से समझौता किया गया. इसके तहत 11 लाख श्रमिकों को उनकी दक्षता के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार दिया जाएगा.
- सरकार अर्द्धकुशल और अकुशल श्रमिकों का हुनर निखारने के लिए अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम की योजना लाने जा रही है.
- एमएसएमई, ओडीओपी, मनरेगा और स्वयं सहायता समूहों के जरिए सरकार श्रमिकों को रोजगार के अवसर दे रही है. कौन विभाग कितने रोजगार देगा इसकी कार्ययोजना बनाई जा चुकी है.
हालांकि अभी सरकार ने ये डाटा नहीं दिया है कि कुल कितने लोगों को किस स्तर पर रोज़गार दिया जा चुका है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार ये कह चुके हैं कि वो प्रदेश के श्रमिकों को प्रदेश में ही बेहतर मौके देने के लिए काम कर रहे हैं.