[speaker]उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया धर्मगुरुओं से मुलाक़ात के बाद मोहर्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं.
पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद की मांगों को स्वीकार कर लिया है और मोहर्रम के दौरान ताजिएदारी से पाबंदी हटा ली है.
मौलाना के प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे शमील शम्शी ने मीडिया को बताया है कि पूरे प्रदेश में अज़ादारी से पाबंदी हटा ली गई है.
प्रशासन की ओर से घर में ताजिए रखने पर दर्ज एफ़आईआर को भी वापस लेने का आश्वासन दिया गया है.
हालांकि मजलिस में अभी भी पांच ही लोग मौजूद रहेंगे. वहीं सड़कों और चौराहों पर भी ताजिए नहीं रखे जा सकेंगे.
यौमै आशूर यानी मोहर्रम की दस तारीख़ को ताजिए दफ़नाने को लेकर अभी फ़ैसला नहीं लिया गया है.
मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी ने सरकार की ओर से मोहर्रम को लेकर जारी की गईं गाइडलाइन का विरोध किया था.
सरकार ने पहले ताजिएदारी पर पूर्ण पाबंदी लगाई थी और मजलिस को भी प्रतिबंधित किया था.
उन्होंने शिया धर्मगुरुओं को साथ लेकर अनिश्चितकालीन धरना भी शुरू कर दिया था.
मौलाना ने आरोप लगाया था कि पुलिस लोगों को अपने घरों में भी ताजिए नहीं रखने दे रही है.
उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को अत्याचार बताते हुए गिरफ़्तारी देने की धमकी भी दी थी.
लखनऊ कमिश्नरेट के पश्चिमी ज़िले के डीसीपी भी मौलाना कल्बे जव्वाद से मिलने पहुंचे थे.
मौलाना ने सरकार से मांग की थी कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख़्याल रखते हुए ताजिए रखने और मजलिस पढ़ने की अनुमति दी जाए.