उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ीवाड़ा सामने आने के बाद योगी सरकार ने बेहद सख़्त रुख अख़्तियार किया है.
सरकार ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वो सभी फ़र्ज़ी शिक्षकों के बारे में रिपोर्ट तैयार करके तीन जुलाई तक शासन को सौंपे.
अभी तक की जांच में फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों पर नौकरी करने वाले 1427 शिक्षकों का पता चला है.
इन सभी को बर्ख़ास्त करके इनसे 60-60 लाख रुपए वसूले जाएंगे . ये रकम लगभग 900 करोड़ रुपए है.
लेकिन जांच सिर्फ़ फ़र्ज़ी शिक्षकों तक ही नहीं रुकेगी. अनामिक शुक्ला प्रकरण के बाद से शर्मिंदगी उठा रही सरकार अब सख़्त एक्शन की तैयारी में हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन सभी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं जो इस फ़र्ज़ीवाड़े में शामिल पाए जाएंगे.
इतने बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ी शिक्षक सामने आने के बाद सरकार की तो किरकिरी हो ही रही है, शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठे हैं.
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से फ़र्ज़ी शिक्षकों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है.
निदेशालय का कहना है कि तीन जुलाई यानी शुक्रवार तक ये ब्यौरा निदेशालय पहुंच जाएगा जिसके बाद वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी.
आगरा की भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी के डिग्रीधारक रडार पर
उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फ़ोर्स आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी से बीएड की फ़र्ज़ी डिग्री लेने वाले शिक्षकों पर ख़ास नज़र रखे हुए है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक एसटीएफ की जांच में साठ प्रतिशत तक डिग्रियां फ़र्ज़ी पाई गई हैं. दावा किया गया है कि इन फ़र्ज़ी डिग्रियों के आधार पर बडे़ पैमाने पर जालसाजों ने शिक्षा विभाग में नौकरी पाई है.
एटा में 117 फ़र्ज़ी शिक्षकों को वसूली का नोटिस
अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने बाद से सिर्फ़ एटा ज़िले में ही 117 फ़र्ज़ी शिक्षक सामने आए हैं.
इन सभी शिक्षकों को नोटिस जारी कर दिया गया है और और एक सप्ताह के भीतर पैसा जमा करने के लिए कहा गया है. जिन फ़र्ज़ी शिक्षकों ने समय पर पैसा नहीं जमा किया उनकी आरसी काट दी जाएगी.
वहीं अनामिका शुक्ला प्रकरण सामने आने के बाद कासगंज ज़िले में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी पकड़ी गई है.
सैकड़ों शिक्षक ऐसे भी सामने आए हैं जिन्होंने अपना पैन नंबर बदलकर वेतन लिया है.
ये फ़र्ज़ीवाड़ा मानव संपदा पोर्टल और प्रेरणा एप पर डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया में पकड़ा गया है.
माध्यमिक और उच्च शिक्षा में भी होगी जांच
बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर फ़र्ज़ीवाड़ा सामने आने के बाद माध्यमिक शिक्षा और उच्च शिक्षा में नियुक्त शिक्षकों के दस्तावेज़ों की भी जांच की जाएगी.
सरकार ने फ़र्ज़ी तरीक़े से नियुक्त हुए शिक्षकों पर सख़्त रवैया अख़्तियार किया है.
उत्तर प्रदेश में नियुक्तों में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. हाल ही में 69000 शिक्षकों की भर्ती में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. प्रयागराज में नकल कराने के आरोप में परीक्षा के टॉपर समेत 11 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.