उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 लाख महिलाओं को हर महीने 8 से 15 हज़ार रुपए कमाने का अवसर देने की कार्य योजना तैयार की है.
सरकार दो लाख नए महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन करेगी जिसके तहत कुल 22 लाख महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा.
सरकार का मक़सद महिलाओं को बाज़ार उपलब्ध करवाना है जिसमें वो अपना सामान बेच सकें.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत प्रदेश में इस समय 3 लाख 61 हज़ार 140 महिला स्वयं सहायता समूह काम कर रहे हैं.
इन से क़रीब 38 लाख 37 हज़ार महिलाएं जुड़ी हुई हैं.
ये महिलाएं मोमबत्ती बनाने, सोलर लैंप, मास्क, सेनेटाइज़र, ई-रिक्शा, दोना पत्ता आदि बनाने के काम में लगी हैं.
अब सरकार प्रदेश में इन महिलाओं को रोज़गार के नए-नए अवसर मुहैया कराएगी.
ये होंगे मौके-
- गांव में बैंकिंग में मदद के लिए 58 हज़ार बैंकिंग सखी रखी जाएंगी. ये सभी महिलाएं ही होंगी.
- एक लाख से अधिक परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील बनाने का काम भी इन समूहों को ही सौंपा जाएगा.
- गांव में राशन की दुकानें भी महिला स्वयं सहायता समूहों को आवंटित की जाएंगी.
- इन समूहों को फुड प्रोसेसिंग और पशुपालन कार्य से भी जोड़ा जाएगा.
- इन समूहों को एमसएमई और ज़िला एक ज़िला एक उत्पाद योजना में भी शामिल किया जाएगा.
- मनरेगा में हर 50 श्रमिकों पर एक मेट की नियुक्ति की जाएगी. ये भी महिला ही होगी.