लखनऊ की रहने वाली बिंदू पांडे बीते कई दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट करके मदद की मांग कर रही हैं.
बिंदू का आरोप है कि उनके मकान पर जबरन क़ब्ज़ा कर लिया गया है और स्थानीय पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
बिंदू ने कई वीडियो भी ट्वीट किए हैं जिनमें कुछ महिलाएं हथौड़े से दरवाज़ें पर लगा ताला तोड़ती दिख रही हैं.
एक वीडियो में एक महिला अपने आप को डीआईजी की बहू होने का दावा भी कर रही है.
लखनऊ रजनी खंड में हमारे घर के गेट को कुछ महिलाओं ने आकर तोड़ दिया।मैंने 19 जून को भी सबको इस बारे में बताया,,फिर क्यों किसी ने कोई कार्यवाही नही की,,स्थानीय पुलिस ने हमारी शिकायत भी नही सुनी,,,कृपया कार्यवाही कीजिये।@AdminLKO @CMOfficeUP @myogioffice @lkopolice @Dcp_CAWAS pic.twitter.com/rFSeYaTC1y
— Bindu Pandey (@BinduPa67487141) June 22, 2020
बिंदू पांडे के मुताबिक ये घटनाक्रम बीते सप्ताह का है. उनका कहना है कि उनके पिता ने इस मकान को संदीप साहू के नाम बेचने का एग्रीमेंट 2006 में किया था जिसे संदीप साहू पूरा नहीं कर सके.
बिंदू का आरोप है कि अब उन्होंने ज़बरदस्ती मकान पर क़ब्ज़ा कर लिया है. संपत्तियों पर विवाद लड़ाई झगड़ा होना और क़ब्ज़े के मामले का अदालतों में लंबे चलना आम बात है.
आदरणीय @myogiadityanath जी, रजनी खंड लखनऊ में निवास है हमारा।
19 जून को घर मे आकर हमसे मार पीट की,,
हमारे मकान पर भी कब्जा कर लिया है आज उन माफियाओं ने सर,,,
स्थानीय पुलिस को सब पता है फिर भी कुछ ना कर रही है।कृपया अतिशीघ्र कुछ कीजिये।@Uppolice @CMOfficeUP @lkopolice @LkoCp pic.twitter.com/NO5AMPddM0— Bindu Pandey (@BinduPa67487141) June 22, 2020
वहीं आशियाना थाने के एसएचओ संजय राय ने लखनऊ पोस्ट से बात करते हुए बताया कि ये पूरा विवाद मकान पर क़ब्ज़े को लेकर है.
संजय राय के मुताबिक पुलिस ने दोनों पक्षों पर शांति भंग के तहत कार्रवाई की है और विवाद के निपटारे के लिए अदालत का रुख करने की सलाह दी है.
संजय राय कहते हैं, ‘ट्वीट करने वाली महिला के आरोपों की जांच की गई तो पता चला उनके पिता ने इस मकान को बेचने का एग्रीमेंट साल 2006 में किया था. तब से संदीप साहू ही इस मकान में रह रहे थे. पड़ोस के लोगों ने इस बात की पुष्टि की है. बीते सप्ताह ट्वीटकर्ता और उनके परिवार ने उन्हें जबरन घर से बाहर निकालकर अपना ताला लगा दिया.’
वो कहते हैं, ‘बाद में संदीप साहू पक्ष ने अपने मकान पर दोबार कब्ज़ा लिया. अब मकान पर उन्हीं का ताला है. ये पूरा विवाद संपत्ति का है, संपत्ति किसकी है ये अदालत तय करेगी.’
ताला तोड़ने वाली महिला कौन हैं
वीडियो में जो महिला ताला तोड़ रही हैं उनका नाम अतुल सिंह है और वो अपने आप को सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता बताती हैं.
अतुल सिंह से जब इस वीडियो को बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि संदीप साहू, जिसे वो अपना भाई मानती हैं, उसे जबरन घर से निकाल दिया गया था.
— Bindu Pandey (@BinduPa67487141) June 23, 2020
वो कहती हैं, ‘वो बेहद ग़रीब है, जब उसे घर से निकाला गया तो वो मेरे पास मदद मांगने आया. मैं उसे लंबे समय से जानती हूं. ये मकान ख़रीदने में भी मैंने उसकी आर्थिक मदद की थी.’
वो कहती हैं, ‘वीडियो में जो दिख रहा है वो पूरा घटनाक्रम नहीं है. इससे पहले बिंदू पांडे और उनके परिवार ने रात के अंधेरे में इस मकान का दरवाज़ा काटकर इस पर अपना ताला लगा दिया था.’
मकान के विवादित होने पर वो कहती हैं, ‘इसे ख़रीदने का एग्रीमेंट साल 2006 में किया गया था. पूरे पैसे चुका दिए थे, बस पांच हज़ार रुपए और रजिस्ट्रेशन रह गया था. इसके दस्तावेज़ मौजूद हैं.’
अतुल सिंह कहती हैं, ‘अब मकान बेचने वाले पक्ष की नीयत बदल गई है और वो मकान पर वापस क़ब्ज़ा करके ग़रीब का पैसा हड़पना चाहते हैं.’
वहीं बिंदू पांडे का कहना है कि एग्रीमेंट तो हुआ था लेकिन पूरा पैसा नहीं चुकाया गया था. वो कहती हैं, ‘हम लिया गया पैसा लौटाने के लिए तैयार हैं.’
फिलहाल इस घटनाक्रम में पुलिस ने किसी को गिरफ़्तार नहीं किया है और समझा-बुझाकर मामला शांत करने की कोशिश नहीं की है.
एसएचओ संजय राय कहते हैं, ‘अब तक की जांच रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी गई है. हमने दोनों पक्षा को समझाया है. यदि आगे भी कुछ होता है तो हम क़ानून के हिसाब से कार्रवाई करेंगे.’