उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले में बाइक से जा रहे एक हेड कांस्टेबिल की गर्दन पर चाइनीज़ मांझा चल गया जिससे ख़ून का फ़व्वारा छूट पड़ा.
ज़मीन पर गिरे कांस्टेबल को देखकर कई लोग रुके तो लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया. पास में ही फ़ोन पर बात कर रहे स्थानीय पत्रकार फ़राज़ कलीम खां की नज़र पड़ी तो वो घायल पुलिसकर्मी की ओर दौड़ पड़े.
आंखों देखी बताते हुए कलीम खां ने कहा, ‘ख़ून का फ़व्वारा देख मे भी हैरान हो गया. गर्दन इस तरह से कटी हुई थी कि उनका नड़खड़ा बाहर आ गया था. बड़ी हिम्मत करके उनके गले से बह रहे ख़ून को रोकने के लिए गमछा बांधा.’
कई राहगीर रुके लेकिन तमाशा देखते रहे. कलीम ख़ां उस मंज़र को बयां करते हुए कहते हैं, “कई कार सवार ओर बाइक सवार वहां रुके लेकिन सिर्फ़ तमाशा देखने के लिए. जैसे ही मैं उनको कार मैं बैठाने को आगे बढ़ा तो कार सवार अपनी गाड़ियां लेकर निकल गए ओर बाइक सवार भी रफूचक्कर हो गए.
आख़िर में एक सिपाही ही अपनी मोटरसाइकिल पर हेड कांस्टेबिल ओमपाल सिंह को ज़िला अस्पताल की ओर लेकर गए. पत्रकार कलीम खां ने तुरंत पुलिस के पीआरओ को फ़ोन करके जानकारी दी और घायल सिपाही की बाइक सैंटमैरी स्कूल के पास खड़ी करके उसकी चाबी गार्ड को सौंप दी.
इसके बाद पत्रकार स्वयं ज़िला अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक घायल पुलिसकर्मी को हालत गंभीर होने की वजह से दूसरे निजी अस्पताल में रेफ़र कर दिया गया था.
कलीम ख़ां कहते हैं कि जिस हादसे का शिकार पुलिसकर्मी हुए वो किसी के भी साथ हो सकता था. उन्हें इस बात का अफ़सोस है कि लोग तमाशबीन बने रहे और कोई मदद को आगे नहीं आया.
कलीम ख़ां कहते हैं, दिन रात अपनी ड्यूटी करने वाला ये घायल पुलिसकर्मी तरसी निगाहों से लोगों की ओर देख रहा था कि कोई मदद के लिए आगे आए लेकिन लोगों ने तस्वीरें-वीडियो तो बनाए लेकिन मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया.
रामपुर में चाइनीज़ मांझे से किसी के घायल होने का यह पहला मामला नहीं हैं. शहर में पतंगबाज़ी के शौकीन लोग इस धारधार मांझे का इस्तेमाल पतंगे काटने के लिए करते हैं.
लेकिन गाहे बगाहे इसके शिकार मासूम पंछी, जानवर और इंसान होते रहते हैं. पुलिसकर्मी के घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले पत्रकार कलीम खां ने शहर के पुलिस अधीक्षक से चाइनीज़ मांझे के ख़िलाफ़ एक्शन लेने की अपील की है.