सड़क पर काफ़ी बड़ी तादात में इकट्ठा हुए साधुओं का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के जूना अखाड़ा साधुओं ने चेतावनी दी है कि अग़र पालघर में हुई घटना पर जल्द से जल्द से इंसाफ़ नहीं किया गया तो महाराष्ट्र में इसके खिलाफ़ बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. दरअसल 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर के गढ़चिंचले गांव में 2 साधु और उनके ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. इस मॉब लिंचिंग की घटना का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. 22 अप्रैल की ‘बीबीसी हिन्दी’ की रिपोर्ट के मुताबिक़, “पालघर पुलिस ने इस मामले में 110 लोगों की गिरफ़्तारी की है, जिसमें से 9 लोग नाबालिग़ हैं. मामले में दो पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया है.” सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश भी की गई लेकिन हमने अपनी जांच में पाया कि इस घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
ट्विटर पर खुद को भाजपा और आरएसएस समर्थक बताने वाली गुंजन कश्यप ने ये वीडियो 20 अप्रैल को शेयर किया. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “महाराष्ट्र सरकार । क्या यह तूफान रोक पाएगी? मैं मांग करती हूं जल्द से जल्द पालघर कांड पर इंसाफ हो। नहीं तो जूना अखाड़े ने लोक डाउन के बाद महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3,600 बार देखा जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
महाराष्ट्र सरकार । क्या यह तूफान रोक पाएगी?
मैं मांग करती हूं जल्द से जल्द पालघर कांड पर इंसाफ हो।
नहीं तो जूना अखाड़े ने लोक डाउन के बाद महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। pic.twitter.com/DxXdi9Hcsg— Gunjan Kashyap (@iGunjankashyap) April 20, 2020
20 अप्रैल को एक फ़ेसबुक पेज ने भी एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र सरकार यह तूफान रोक पाएगी महाराष्ट्र सरकार के रोंगटे खड़े हो गए यह देख कर” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 14 लाख बार देखा और करीब 30 हज़ार बार शेयर किया जा चुका है. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)
ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर खूब वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ इस वीडियो की जांच पहले भी कर चुका है, जब सोशल मीडिया में इसे हरिद्वार का बताकर शेयर किया जा रहा था. दावा किया गया था कि हरिद्वार में काफ़ी बड़ी संख्या में ये साधु CAA का समर्थन करने के लिए पहुंचे हैं. हालांकि जांच में हमने इस दावे को ग़लत पाया.
वीडियो के की-फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 7 मार्च 2019 को ट्विटर यूज़र ऐवीऐटर अनिल चोपड़ा द्वारा ट्वीट किया गया ये वीडियो मिला. ट्वीट करते हुए चोपड़ा ने लिखा, “दुनिया का सबसे बड़ा चमत्कार है, शांति से भरपूर और मानवता के लिए इकट्ठा हुए ये लोग, भारत की भव्य सभ्यता #Kumbh2019” ट्वीट के मुताबिक ये वीडियो 2019 के कुम्भ के मेले का है.
The greatest temporary spectacle on earth, peaceful and orderly for such a great mass of humanity. Incredible Indian civilisation. #Kumbh2019 pic.twitter.com/GBQKraOZ6E
— Aviator Anil Chopra (@Chopsyturvey) March 7, 2019
सर्च रिज़ल्ट में हमें एक और फ़ेसबुक पोस्ट मिला. 11 मार्च 2020 को सुरेश कुमार नाम के एक यूज़र ने ये वीडियो पोस्ट किया था. कुमार ने अपनी पोस्ट में इस वीडियो को कुम्भ मेले के नागा साधु का बताया है.
गूगल सर्च से मालूम हुआ कि 2019 में 15 जनवरी से लेकर 4 मार्च तक कुम्भ मेला का आयोजन किया गया था. इसके अलावा ये वीडियो यूट्यूब पर एक अलग दावे के साथ भी अपलोड किया गया है. 3 मार्च 2019 को अपलोड किए गए इस वीडियो के साथ लिखा है कि ये जूनागढ़ के नागा बाबाओं यानी कि नागा साधुओं को दिखाता है.
इस तरह, बड़ी संख्या में साधुओं को दिखलाता ये वीडियो कम से कम एक साल पुराना है. इस वीडियो का पालघर में हुई मॉबलिंचिंग से कोई लेना-देना नहीं है.
सौजन्य: ऑल्ट न्यूज़