फैक्ट चेक – Lucknow Post https://lucknowpost.com The Lucknow Observer Mon, 01 Jun 2020 23:03:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.6.13 https://lucknowpost.com/wp-content/uploads/2020/04/cropped-icon-1-1-32x32.png फैक्ट चेक – Lucknow Post https://lucknowpost.com 32 32 UP में रोड एक्सीडेंट में हुई मां-बेटी की मौत को हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा बनाकर शेयर किया गया https://lucknowpost.com/video-of-hit-and-run-case-in-up-shared-with-false-communal-angle/ Fri, 01 May 2020 11:05:36 +0000 https://lucknowpost.com/?p=1014 सोशल मीडिया में 23 सेकंड की एक सीसीटीवी फ़ुटेज का वीडियो ख़ूब वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि एक गाड़ी आती है और सड़क पर चल रहे कुछ लोगों को टक्कर मार देती है. टक्कर के बाद गाड़ी तेज़ी से आगे बढ़ जाती है. फ़ेसबुक पर ‘न्यूज़ आइडॉल’ नाम के एक … Continue reading UP में रोड एक्सीडेंट में हुई मां-बेटी की मौत को हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा बनाकर शेयर किया गया

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सोशल मीडिया में 23 सेकंड की एक सीसीटीवी फ़ुटेज का वीडियो ख़ूब वायरल हो रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि एक गाड़ी आती है और सड़क पर चल रहे कुछ लोगों को टक्कर मार देती है. टक्कर के बाद गाड़ी तेज़ी से आगे बढ़ जाती है. फ़ेसबुक पर ‘न्यूज़ आइडॉल’ नाम के एक पेज ने 27 अप्रैल को ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

“#Islamophobia_in_India ये कल की घटना है यूपी में बलिया जिले के रसड़ा इलाके की सड़क के किनारे एक मुस्लिम नकाबपोश औरत अपने बच्ची के साथ जा रही थी पीछे से एक ऑल्टो वाला जानबूझकर गाड़ी किनारे ले जाकर उस नकाबपोश महिला और उसकी बच्ची पर चढ़ा देता जिनसे दोनों वहीं दम तोड़ देते है। एफआईआर हो चुकी है अज्ञात दोषियों को सजा मिलेंगी या नहीं पता नहीं, क्या किया था इस बेगुनाह औरत और उसकी बच्ची ने जो सरे आम सड़कों पर मार दिया जाता है? ये हत्या है दुर्घटना नहीं ये नफ़रत फ़ैल चुकी है इस देश में मुसलमां कोरोना और इन नफरती लोग दोनों से लड़ रहा है” आर्टिकल लिखे जाने तक इस पोस्ट को 1 लाख 65 हज़ार बार देखा और 7,800 से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

अबिद अली ने भी ये वीडियो फ़ेसबुक पर इसी मेसेज के साथ पोस्ट किया है. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 1 लाख 18 हज़ार बार देखा और 15 हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव वर्ज़न)

फ़ैक्ट-चेक

ट्विटर पर ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के पत्रकार कंवारदीप सिंह ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “This incident in Rasra area of Ballia district in UP doesn’t seem to be just an accident. A woman and her minor daughter was killed in the accident. Would request @uppolice to deeply look into this matter.@Benarasiyaa @shaileshNBT See the Alto car” सिंह ने बताया कि ये घटना उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रसड़ा एरिया की है. इस एक्सीडेंट में एक महिला और एक बच्ची की मौत हुई हैं. ट्विटर पर इस घटना के बारे पूछे जाने पर बलिया पुलिस ने इस मामले में की गई FIR की कॉपी शेयर की है.

FIR के मुताबिक उत्तर प्रदेश के रसड़ा गांव के रहनेवाले प्रार्थी शेषनाथ की 27 वर्षीय पत्नी ऊषा देवी और उनकी 12 वर्षीय बेटी पुष्पांजलि की मौत हो गई है. वो दोनों 26 अप्रैल को दोपहर 12 बजे अपने घर छितौनी जा रहे थे तभी एक तेज़ रफ़्तार गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी जिसकी वजह से उन दौनों की मौत हो गई.

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की-वर्ड्स सर्च से हमें 26 अप्रैल की ‘अमर उजाला’ की एक रिपोर्ट मिली जिसमें इस घटना के बारे में खबर दी गई है.

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इस तरह सोशल मीडिया में वीडियो के साथ किया गया दावा कि एक मुस्लिम महिला को गाड़ी ने टक्कर मारी जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई, ग़लत साबित होता है. इस टक्कर में मरने वाली महिला मुस्लिम नहीं बल्कि हिन्दू थी.

वायरल है ये वीडियो

हमने पाया कि ये वीडियो इन्हीं दावों के साथ फ़ेसबुक से लेकर ट्विटर पर वायरल है.

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यूट्यूब पर भी इस वीडियो इसी दावे से अपलोड किया गया है.

उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में एक्सीडेंट के चलते हुई मां-बेटी की मौत की घटना को सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया.

सौजन्य: ऑल्ट न्यूज़

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फ़ैक्ट-चेक : क्या इंडिया के HCQ देने के बाद अमरीका के स्टूडेंट्स ने ‘जन गण मन’ गाकर धन्यवाद कहा? https://lucknowpost.com/old-video-falsely-viral-as-us-students-sing-indian-national-anthem-to-thank-india-for-hcq/ Wed, 29 Apr 2020 13:04:13 +0000 https://lucknowpost.com/?p=1009 मधु कीश्वर, जिन्हें कई बार ट्विटर पर गलत जानकारी फैलाते हुए देखा गया है, उन्होंने एक वीडियो कोट ट्वीट किया. वीडियो में अलग-अलग जगहों के लोगों को भारत का राष्ट्रगान गाते हुए देखा जा सकता है. इस ट्वीट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी द्वारा अमेरिका को Hydrocholoquine (HCQ) देने के फैसले के बाद अमरीकी … Continue reading फ़ैक्ट-चेक : क्या इंडिया के HCQ देने के बाद अमरीका के स्टूडेंट्स ने ‘जन गण मन’ गाकर धन्यवाद कहा?

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मधु कीश्वर, जिन्हें कई बार ट्विटर पर गलत जानकारी फैलाते हुए देखा गया है, उन्होंने एक वीडियो कोट ट्वीट किया. वीडियो में अलग-अलग जगहों के लोगों को भारत का राष्ट्रगान गाते हुए देखा जा सकता है. इस ट्वीट में दावा किया गया है कि पीएम मोदी द्वारा अमेरिका को Hydrocholoquine (HCQ) देने के फैसले के बाद अमरीकी छात्रों ने धन्यवाद कहते हुए ये शो किया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने HCQ, जो मलेरिया के लिए एक दवा है, को कोरोना वायरस ठीक करने के लिए या रोकने के लिए एक चमत्कारी दवा बताया था. भारत ने HCQ का निर्यात पूरी तरह प्रतिबंधित कर रखा था लेकिन ट्रम्प की धमकी भरी मांग के बाद इस प्रतिबंध को हटा दिया गया.

ये वीडियो इस दावे से सोशल मीडिया पर वायरल है कि अमरीकी छात्रों ने HCQ के सप्लाई की सहमति के बाद देश को धन्यवाद कहने के राष्ट्रगान गाया.

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पुराना वीडियो

एक आसान से यूट्यूब सर्च से इस वीडियो की सच्चाई सामने आ जाती है. तीन साल पहले एक यूट्यूबर अनिता दीक्षित, जिनका स्क्रीन नाम रिक्शावाली है, उन्होंने ये वीडियो अपलोड किया था. इस वीडियो में सबसे पहले वही गाना शुरू करती हैं.

12 अगस्त, 2017 को अपलोड किए गए इस वीडियो का डिस्क्रिप्शन है, “रिक्स्टर्स! स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं, 71वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर, मैं वैश्विक स्वतंत्रता और विविधता का जश्न मनाना चाहती हूं. भारत के लिए एकता और विविधता ही सब कुछ है और यही इस वीडियो में है. दुनिया भर के अलग-अलग लोगों को भारत के राष्ट्रगान गाते हुए देखकर जश्न मनाइए.”

इसीलिए ये वीडियो एक यूट्यूबर ने 2017 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपलोड किया था. इसका भारत द्वारा US को HCQ सप्लाय किए जाने से कोई लेना-देना नहीं है. कुछ दिन पहले स्विट्ज़रलैंड ने एक पहाड़ को इंडिया के झंडे के रंग में रंगे जाने की तस्वीर भी इसी दावे से वायरल हुई थी कि ऐसा भारत को धन्यवाद कहने के लिए किया गया. जबकि सच ये था कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कई देशों के प्रति एकजुटता दर्शाते हुए झंडों की रोशनी की गई थी.

सौजन्य: ऑल्ट न्यूज़

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BJP के गुंडों द्वारा मुस्लिम युवक की पिटाई के नाम पर चल रहा वीडियो MP में सफ़ाई कर्मचारी पर हमले का था https://lucknowpost.com/video-of-sanitation-worker-attacked-in-mp-falsely-shared-bjp-goons-attack-muslim-youth/ Wed, 29 Apr 2020 18:26:25 +0000 https://lucknowpost.com/?p=1004 साफ़ी मलिक नाम के एक यूज़र, जो खुद को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से कांग्रेस के मीडिया को-ऑर्डिनेटर बताते हैं, ने 20 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया. उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में BJP के गुंडे लॉकडाउन के नाम पर एक मुस्लिम युवक को टॉर्चर कर रहे थे. बंगाली में किया गया दावा है: … Continue reading BJP के गुंडों द्वारा मुस्लिम युवक की पिटाई के नाम पर चल रहा वीडियो MP में सफ़ाई कर्मचारी पर हमले का था

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साफ़ी मलिक नाम के एक यूज़र, जो खुद को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले से कांग्रेस के मीडिया को-ऑर्डिनेटर बताते हैं, ने 20 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया. उन्होंने दावा किया कि मध्यप्रदेश में BJP के गुंडे लॉकडाउन के नाम पर एक मुस्लिम युवक को टॉर्चर कर रहे थे. बंगाली में किया गया दावा है: “মধ্যপ্রদেশে লক ডাউনের নামে বিজেপির গুন্ডা বাহিনী এক মুসলিম যুবকে কেমন ভাবে অত্যাচার করছে দেখুন ।।”

18 अप्रैल को किये गए इस पोस्ट को 14 हज़ार से ज़्यादा शेयर मिल चुके हैं. वीडियो में एक व्यक्ति पर हमला होते दिखता है, जिसमें कुछ लोग उसे पकड़ कर वहां से निकालते हुए भी दिखते हैं. कुछ लोगों के हाथ में डंडे हैं और कुछ पुलिसकर्मी भी दिखते हैं. वीडियो में हिंसा है. इसे देखने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करें.

सेव इंडिया नाम के एक और पेज ने इसे इसी दावे के साथ शेयर किया है.

फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो के एक फ़्रेम का रिर्वस इमेज सर्च करने से हमें NDTV के पत्रकार अनुराग द्वारी का 18 अप्रैल का एक ट्वीट मिला. जिसमें यही वीडियो है. उन्होंने इसे ट्वीट करते हुए लिखा है, “मप्र के देवास में अब सफाई में जुटे कर्मचारियों पर हमला!”

NDTV इंडिया की 18 अप्रैल, 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मध्यप्रदेश के देवास में एक सफ़ाई कर्मचारी पर कुल्हाड़ी से हमला हुआ था. इस वीडियो रिपोर्ट में अभी वायरल हो रहे वीडियो का कुछ हिस्सा भी चलाया जाता है. रिपोर्ट में इस हमले का आरोपी आदिल फरार बताया जाता है. साथ ही ये भी बताया जाता है कि सफ़ाई कर्मचारी के संगठन ने ये तय किया है कि वो अब मुस्लिम बहुल इलाके में सफ़ाई नहीं करेंगे.

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17 अप्रैल को भास्कर की एक रिपोर्ट बताती है, “ये घटना है देवास जिले के खातेगांव नगर पंचायत की, यहां दीपक नामक सफ़ाईकर्मी सुबह क्षेत्र में पहुंचा था. सफ़ाई करते हुए वह कोयला मोहल्ले पहुंचा, जहां आदिल नामक युवक से उसकी किसी बात को लेकर बहस हो गई. गुस्साए युवक ने दीपक पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया. दीपक ने बचने की कोशिश की, लेकिन कुल्हाड़ी उसके हाथ में लग गई, जिससे उसे गंभीर चोट आई. ”

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18 अप्रैल की इंडिया टुडे की रिपोर्ट में बताया गया है कि आदिल और उसके पिता गोप खान को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है. गोप खान पर कथित तौर पर हमला करवाने का आरोप है. ASP नीरज चौरसिया ने इंडिया टुडे को बताया, “पूछताछ के दौरान आदिल ने बताया कि उसने इसलिए हमला किया क्यूंकि उसके पिता गोप खान ने उससे कहा था कि लॉकडाउन के दौरान कई तबलीग़ी जमात के लोगों और नमाज़ पढ़ने वालों को सरकारी कर्मचारी ने खदेड़ा है.”

इस तरह ये वीडियो मध्यप्रदेश में सफ़ाई कर्मचारी पर हुए हमले को दर्शाता है. और ये दावा कि BJP के गुंडे मुस्लिम युवक को पीट रहे गलत साबित होता है.

सौजन्य: ऑल्ट न्यूज़

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म्यांमार के बाज़ार में सोशल डिस्टेंसिंग फ़ॉलो किये जाने की तस्वीर को मिज़ोरम का बताकर शेयर किया गया https://lucknowpost.com/vendors-and-buyers-practice-social-distancing-in-a-market-in-myanmar-shared-as-mizoram/ Mon, 27 Apr 2020 08:33:50 +0000 https://lucknowpost.com/?p=995 ट्विटर पर एक मार्केट की कुछ तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं. फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाली वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े  ने ये तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “Pictures are from Mizoram People who are violating social distancing must definitely learn from this! (अनुवाद – मिज़ोरम की तस्वीरें. वो लोग जो सोशल डिस्टेन्सिंग … Continue reading म्यांमार के बाज़ार में सोशल डिस्टेंसिंग फ़ॉलो किये जाने की तस्वीर को मिज़ोरम का बताकर शेयर किया गया

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ट्विटर पर एक मार्केट की कुछ तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं. फ़ेक न्यूज़ फैलाने वाली वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े  ने ये तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, “Pictures are from Mizoram People who are violating social distancing must definitely learn from this! (अनुवाद – मिज़ोरम की तस्वीरें. वो लोग जो सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं कर रहे हैं उन्हें इनसे कुछ सीखना चाहिए.)” (आर्काइव लिंक) हेगड़े के ट्वीट को आर्टिकल लिखे जाने तक 2,100 बार रीट्वीट किया जा चुका है. पहले भी कई बार महेश विक्रम हेगड़े को भ्रामक जानकारियां फैलाते हुए पाया गया है.

मशहूर लेखिका सोनाली खुल्लर श्रॉफ़ ने ये तस्वीरें ट्वीट की हैं. श्रॉफ ने ट्वीट करते हुए लिखा, “A friend has shared images of these vegetable markets from Mizoram. Would be great if these could be replicated in other cities as well. @AUThackeray (अनुवाद – एक दोस्त ने मुझे मिज़ोरम के इस मार्केट की तस्वीरें भेजी हैं. अगर बाकी के शहरों में भी ऐसा ही किया जाए तो बढ़िया है. @AUThackeray)” आर्टिकल लिखे जाने तक उनके ट्वीट को 8,400 बार लाइक और 2,200 रीट्वीट किया जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

‘न्यूज़वीक’ मीडिया ग्रुप के एडिटोरियल विभाग के एडिटर दानिश मंज़ूर ने ये तस्वीरें मिज़ोरम की बताते हुए शेयर कीं. आर्टिकल लिखे जाने तक उनके इस ट्वीट को हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिले है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक) इसेक अलावा, एविएटर अनिल चोपड़ा (आर्काइव लिंक), पत्रकार शोभा डे (आर्काइव लिंक) ने भी ये तस्वीरें मिज़ोरम की बताते हुए ट्वीट की हैं.

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फोटोस्टॉक वेबसाइट रेडिट पर भी ये तस्वीर मिज़ोरम की बताते हुए शेयर की गई.

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ये तस्वीरें मिज़ोरम की होने के दावे से फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल हैं.

फ़ैक्ट-चेक

गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ‘VSK ASSAM’ नाम के ट्विटर हैन्डल द्वारा 20 अप्रैल को शेयर की गई ये तस्वीरें मिलीं. ट्वीट में इन तस्वीरों को म्यांमार का बताया गया है. इसके चलते ट्विटर पर की-वर्ड्स – ‘Myanmar social distancing’ – सर्च करने पर बर्मा के इतिहासकार थांट मायिंट-यू का एक ट्वीट मिला. 24 अप्रैल को शेयर किये गए इस ट्वीट में थांट ने इस तस्वीर को म्यांमार के कलाव हिल स्टेशन का बताया है.

इसके अलावा तस्वीरों को गौर से देखने पर हमें चौराहे पर एक होर्डिंग दिखाई दिया जिसमें – ‘High Class’ – लिखा हुआ था. सर्च करने पर मालूम हुआ कि ये म्यांमार में बनाई जाने वाली व्हिस्की की कंपनी है.

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मीडिया कंपनी ‘ABS-CBN’ ने भी 20 अप्रैल को ट्विटर पर इन तस्वीरों को म्यांमार की बताते हुए शेयर किया है.

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सौजन्य: ऑल्ट न्यूज़

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फ़ैक्ट-चेक : पालघर में साधुओं की मॉबलिंचिंग के बाद साधुओं ने प्रदर्शन की दी धमकी? https://lucknowpost.com/fact-check-huge-rally-by-sadhus-against-palghar-mob-lynching/ Mon, 27 Apr 2020 00:43:51 +0000 https://lucknowpost.com/?p=989 सड़क पर काफ़ी बड़ी तादात में इकट्ठा हुए साधुओं का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के जूना अखाड़ा साधुओं ने चेतावनी दी है कि अग़र पालघर में हुई घटना पर जल्द से जल्द से इंसाफ़ नहीं किया गया … Continue reading फ़ैक्ट-चेक : पालघर में साधुओं की मॉबलिंचिंग के बाद साधुओं ने प्रदर्शन की दी धमकी?

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सड़क पर काफ़ी बड़ी तादात में इकट्ठा हुए साधुओं का एक वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है. वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र के जूना अखाड़ा साधुओं ने चेतावनी दी है कि अग़र पालघर में हुई घटना पर जल्द से जल्द से इंसाफ़ नहीं किया गया तो महाराष्ट्र में इसके खिलाफ़ बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा. दरअसल 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर के गढ़चिंचले गांव में 2 साधु और उनके ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. इस मॉब लिंचिंग की घटना का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. 22 अप्रैल की ‘बीबीसी हिन्दी’ की रिपोर्ट के मुताबिक़, “पालघर पुलिस ने इस मामले में 110 लोगों की गिरफ़्तारी की है, जिसमें से 9 लोग नाबालिग़ हैं. मामले में दो पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया गया है.” सोशल मीडिया में वीडियो शेयर कर इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश भी की गई लेकिन हमने अपनी जांच में पाया कि इस घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

ट्विटर पर खुद को भाजपा और आरएसएस समर्थक बताने वाली गुंजन कश्यप ने ये वीडियो 20 अप्रैल को शेयर किया. ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “महाराष्ट्र सरकार । क्या यह तूफान रोक पाएगी? मैं मांग करती हूं जल्द से जल्द पालघर कांड पर इंसाफ हो। नहीं तो जूना अखाड़े ने लोक डाउन के बाद महाराष्ट्र में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 3,600 बार देखा जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

20 अप्रैल को एक फ़ेसबुक पेज ने भी एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “महाराष्ट्र सरकार यह तूफान रोक पाएगी महाराष्ट्र सरकार के रोंगटे खड़े हो गए यह देख कर” आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 14 लाख बार देखा और करीब 30 हज़ार बार शेयर किया जा चुका है. (फ़ेसबुक पोस्ट का आर्काइव लिंक)

ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर खूब वायरल है.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ इस वीडियो की जांच पहले भी कर चुका है, जब सोशल मीडिया में इसे हरिद्वार का बताकर शेयर किया जा रहा था. दावा किया गया था कि हरिद्वार में काफ़ी बड़ी संख्या में ये साधु CAA का समर्थन करने के लिए पहुंचे हैं. हालांकि जांच में हमने इस दावे को ग़लत पाया.

वीडियो के की-फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 7 मार्च 2019 को ट्विटर यूज़र ऐवीऐटर अनिल चोपड़ा द्वारा ट्वीट किया गया ये वीडियो मिला. ट्वीट करते हुए चोपड़ा ने लिखा, “दुनिया का सबसे बड़ा चमत्कार है, शांति से भरपूर और मानवता के लिए इकट्ठा हुए ये लोग, भारत की भव्य सभ्यता #Kumbh2019” ट्वीट के मुताबिक ये वीडियो 2019 के कुम्भ के मेले का है.

सर्च रिज़ल्ट में हमें एक और फ़ेसबुक पोस्ट मिला. 11 मार्च 2020 को सुरेश कुमार नाम के एक यूज़र ने ये वीडियो पोस्ट किया था. कुमार ने अपनी पोस्ट में इस वीडियो को कुम्भ मेले के नागा साधु का बताया है.

गूगल सर्च से मालूम हुआ कि 2019 में 15 जनवरी से लेकर 4 मार्च तक कुम्भ मेला का आयोजन किया गया था. इसके अलावा ये वीडियो यूट्यूब पर एक अलग दावे के साथ भी अपलोड किया गया है. 3 मार्च 2019 को अपलोड किए गए इस वीडियो के साथ लिखा है कि ये जूनागढ़ के नागा बाबाओं यानी कि नागा साधुओं को दिखाता है.

इस तरह, बड़ी संख्या में साधुओं को दिखलाता ये वीडियो कम से कम एक साल पुराना है. इस वीडियो का पालघर में हुई मॉबलिंचिंग से कोई लेना-देना नहीं है.

सौजन्य: ऑल्ट न्यूज़

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बिजनौर के बुज़ुर्ग पर ‘बोतल में पेशाब कर फलों पर छिड़कने’ का फ़र्ज़ी आरोप लगाकर वीडियो शेयर किया गया https://lucknowpost.com/muslim-fruit-seller-caught-contaminating-bananas-with-his-urine-in-bijnor-up/ Sat, 25 Apr 2020 13:00:28 +0000 https://lucknowpost.com/?p=955 21 अप्रैल की सुबह से दो वीडियोज़ सोशल मीडिया पर बहुत ज़्यादा वायरल हुए हैं. दोनों में फल बेचने वाला एक बुज़ुर्ग व्यक्ति दिखता है. पहले वीडियो में वो अपने ठेले के पास होता है. जब उससे कहा जाता है कि वो बोतल में पेशाब कर रहा था तो वो ये कहकर निकल जाता है … Continue reading बिजनौर के बुज़ुर्ग पर ‘बोतल में पेशाब कर फलों पर छिड़कने’ का फ़र्ज़ी आरोप लगाकर वीडियो शेयर किया गया

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21 अप्रैल की सुबह से दो वीडियोज़ सोशल मीडिया पर बहुत ज़्यादा वायरल हुए हैं. दोनों में फल बेचने वाला एक बुज़ुर्ग व्यक्ति दिखता है. पहले वीडियो में वो अपने ठेले के पास होता है. जब उससे कहा जाता है कि वो बोतल में पेशाब कर रहा था तो वो ये कहकर निकल जाता है कि ‘बेकार की बात न करो’. और दूसरे वीडियो में वो एक घर के सामने खड़ा है. बीच-बीच में कई बार वो माफ़ी मांगता हुआ दिखता है. हाथ जोड़ता है और कान पकड़ कर उठक-बैठक भी करता है.

माफ़ी मांगते हुए वो कहता है गलती हो गयी, मजदूर गरीब आदमी हूं, हार्ट की बीमारी है. और वहां से जाने की कोशिश करता है लेकिन वीडियो बनाने वाला शख़्स उससे चिल्ला कर कहता है “जाना मत कहीं. यहीं खड़े रहो. जाना मत वरना गन्दा पड़ेगा. तुम्हारे चक्कर में औरों को दिक्कत हो जाएगी, नाश हो जाएगा बिजनौर का.” बुज़ुर्ग माफ़ी मांगते हुए उठक-बैठक करने लगते हैं. एक शख़्स बुज़ुर्ग को ये भी कहता है कि ऐसा न करो बस खड़े रहो. फिर बुज़ुर्ग को वहीं खड़े रहने का बोलकर वो लोग वीडियो रिकॉर्ड करते हैं.

खुद को RSS से जुड़ा बताने वाले रूपेन्द्र सिंह नाम के यूज़र ने इन दोनों वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा है, “ये मुल्ला बिजनौर में पेशाब बोतल में करके केलो पर छिड़क रहा था। हिरासत में ले लिया गया है ओर लो केले इनसे, सावधान रहें।” इस आर्टिकल ले लिखे जाने तक इस पोस्ट को 17 हजार से ज़्यादा बार शेयर किया जा चुका है.

22 अप्रैल को दोपहर 1 बजे के आस-पास भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी यही वीडियो ट्वीट किया. अपने चिर-परिचित अंदाज़ में थाली की आरती मंगवाते हुए उन्होंने भी यही दावा किया कि वीडियो में दिखने वाला शख्स बोतल से पेशाब को केले पर छिड़क रहा था. संबित पात्रा ने ये भी कहा कि इस कथित हरकत के बावजूद पुलिस उस फल वाले से बड़ी अदब से पेश आ रही है.

भारतीय जनता पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट रोहित चहल ने दोनों वीडियो ट्वीट किये. दोनों वीडियोज़ को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “ये मुल्ला जी बोतल में पेशाब भर के केलो पर छिड़क रहे थे ।।” (पहला ट्वीटदूसरा ट्वीटआशुतोष नाम के यूज़र, जिन्हें पीएम मोदी फॉलो करते हैं, उन्होंने भी एक वीडियो शेयर किया और लिखा – “इस मुस्लिम फल बेचने वाले को रंगे हाथ बोतल में पेशाब करते हुए और उसे केलों पर छिड़कते हुए पकड़ा गया.” तारिक़ फ़तह ने भी इन्हीं दावों से साथ वीडियो ट्वीट किया. इसके अलावा भी कई लोगों ने ये वीडियो शेयर करते हुए  है.दावा किया है.

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Screenshots from Twitter

फ़ैक्ट-चेक

जैसा कि हमने सबसे पहले बताया वीडियो रिकॉर्ड करने वाला एक व्यक्ति एक जगह पर खुद कहता है कि “बिजनौर का नाश हो जाएगा,” मतलब ये वीडियो बिजनौर का है. इसके अलावा रूपेन्द्र सिंह के पोस्ट के कमेंट में जब एक ने पूछा कि ये वीडियो कहां का है, तो उन्होंने बताया कि ये बिजनौर के बुखारा कॉलोनी का है.

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Screenshot from Facebook

इन दोनों बातों के आधार पर हमने बिजनौर पुलिस से संपर्क किया. मामले की जानकारी के लिए उन्हें फ़ेसबुक पोस्ट के वीडियोज़ व्हाट्सऐप पर भेजे. उन्होंने बताया कि ये वीडियोज़ सर्विलांस टीम को भेजा है, वो जांच कर रहे हैं और मामले की जानकारी मिलते ही अवगत कराएंगे. कुछ घंटों बाद हमें बिजनौर पुलिस से मेसेज मिला. मेसेज के अनुसार वीडियो में दिख रहे बुज़ुर्ग का नाम इरफ़ान अहमद है जो सीज़न के अनुसार घूम-घूम कर फल बेचते हैं. 20 अप्रैल को मोहल्ला बुखारा में फल बेचने के दौरान उन्हें पेशाब लगी तो वह उसी गली में पेशाब करने लगे. इसके बाद ठेले पर रखी पानी की बोतल से अपने हाथ धोए तथा केलों पर पानी छिड़का और उसी बोतल से खुद पानी पिया. इस दौरान एक व्यक्ति ने शोर मचाया कि वो पेशाब करके केलों पर छिड़क रहा है. वीडियो में व्यक्ति ऐसा कुछ भी करता नहीं दिखता है. पुलिस ने बताया कि पहली नज़र में ही ये वीडियो अफ़वाह के लिए बनाया गया मालूम पड़ता है. इरफ़ान अहमद को शुरू में गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन अब उसे जमानत पे रिहा करके क्वॉरंटाइन के लिए भेजा गया है. बाकी, वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले व्यक्तियों की तलाश की जा रही है.

व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत में पूरा मेसेज आप यहां देख सकते हैं :

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Screenshot from WhatsApp Chat

इसके अलावा हमको इस सन्दर्भ में एक FIR कॉपी मिली, इसे ट्विटर पर नजीबाबाद एक्सप्रेस नाम के हैंडल ने पोस्ट की है. FIR में भी कहीं बोतल में पेशाब कर केलों पर छिड़कने की बात नहीं की गई है. FIR में लिखी बात हमें मिले पुलिस के बयान से मेल खाते हैं. FIR में लिखा है, “इस व्यक्ति ने इस बोतल के पानी से पेशाब करने के बाद हाथ धोए तथा गंदा पानी अपने ठेली जिसपर केले रखे थे, छिड़क दिया.”

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Copy of FIR

हमने FIR दर्ज़ कराने वालों में से एक व्यक्ति से भी बात की, उन्होंने भी इस बात की पुष्टि की कि पेशाब कर केलों पर छिकड़ने बात नहीं थी.

बिजनौर पुलिस के ट्विटर हैंडल से भी एक व्यक्ति को इस मामले की जानकारी देते हुए ट्वीट किया गया है. हालांकि इससे पहले किए गए हर रिप्लाय में ये बताया जा रहा था, “उक्त प्रकरण में अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया।”

इस वजह से हो रहे कन्फ़्यूज़न को क्लियर करने के किए हमने फिर से बिजनौर पुलिस से संपर्क किया और स्पष्ट किया कि किसकी गिरफ़्तारी हुई है. पुलिस ने स्पष्ट किया – “मामले की जानकारी के लिए पहले बुज़ुर्ग व्यक्ति को कस्टडी में लिया गया था, फ़िलहाल उसे क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया गया है. अब पुलिस उन लोगों की तलाश कर रही है, जिन्होंने सबसे पहले ये वीडियो गलत सन्दर्भ में शेयर किया.”

हमने नजीबाबाद एक्सप्रेस हैंडल को चलाने वाले व्यक्ति से भी ट्विटर के माध्यम से संपर्क किया, जिन्होंने FIR की कॉपी पोस्ट की थी. उन्होंने बुज़ुर्ग व्यक्ति के बयान का एक वीडियो भेजा, जिसमें वो किसी के सवालों का जवाब दे रहे हैं. हमें बताया गया कि ये वीडियो 22 अप्रैल का है. बुज़ुर्ग से घटना के बारे में पूछे जाने पर वो कहते हैं, “घटना ये है कि मैं पेशाब करने के बाद इस्तंजा करके हाथ धोया. हाथ धोने के बाद मैं चल पड़ा. इसके बाद 10-12 आदमियों ने घेर लिया.” नजीबाबाद एक्सप्रेस ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा है, “बिजनौर पुलिस के अनुसार बुजुर्ग के पास एक पानी की बोतल थी जिसमें पानी था पेशाब करने के बाद वह उससे इस्तंजा करता था कल भी उसने वहीं किया धोने के बाद पानी की बोतल ठेले पर रख दी थी.”

लेकिन यहां पर कुछ बातें और हैं जिनपर नज़र डालना ज़रूरी है. मसलन, एक मोहल्ले में घूम रहे फलवाले पर इतनी निगरानी? याद दिला दिया जाये कि जिस शख्स ने इस मामले पर पुलिस में जाकर एफ़आईआर लिखवाई है, वो वीडियो नहीं बना रहा था और न ही उन लोगों के साथ था जिन्होंने ये वीडियो बनाया वो बस उस घटनास्थल पर मौजूद था. यहां पर कई बातें संदेह पैदा करती हैं.

इन सभी बातों और पुलिस के जवाब को ध्यान में रखकर ये समझ में आता है कि सोशल मीडिया पर किये जा रहे दावे बेबुनियाद हैं. ऐसे सभी दावे एक ख़ास मकसद से किये गए हैं जिसमें शामिल सभी लोग अपने साम्प्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करने वाले सोशल मीडिया के सभी बड़े नाम सांप्रदायिक मसलों पर अक्सर तर्कहीन बातें करते रहे हैं और ये वीडियो भी इसी क्रम में इनका एक और कदम है. इस मामले में पुलिस ने जांच में पाया कि बुज़ुर्ग व्यक्ति ने बोतल में पेशाब करके केले पर नहीं छिड़का. यहां तक कि दर्ज़ की गई FIR में भी इस तरह का कोई दावा नहीं है. फ़िलहाल पुलिस उन लोगों की तलाश कर रही है जिन्होंने इस वीडियो को गलत सन्दर्भ में शेयर किया.

पुलिस द्वारा ये बताए जाने के बाद वो लोग जिन्होंने सबसे पहले ये वीडियो गलत सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया था, उस मेसेज को बदलकर लिख रहे हैं. इसका एक उदाहऱण आप यहां नीचे देख सकते हैं. रूपेंद्र सिंह के पोस्ट के कमेंट सेक्शन से हमें वीडियो की पड़ताल में मदद मिली. पहले इन्होंने वीडियो शेयर करते हुए खुद दावा किया था, बाद में इसे बदल दिया.

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Screenshot from Facebook

[अपडेट : इरफ़ान अहमद की गिरफ़्तारी और जमानत की जानकारी से आर्टिकल को अपडेट किया गया]

सौजन्य: ऑल्ट न्यूज़

The post बिजनौर के बुज़ुर्ग पर ‘बोतल में पेशाब कर फलों पर छिड़कने’ का फ़र्ज़ी आरोप लगाकर वीडियो शेयर किया गया appeared first on Lucknow Post.

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