लखनऊ के लोहिया इंस्टीट्यूट और एसजीपीजीआई में इलाज कराने आ रहे मरीज़ों को अब कोरोना जांच का ख़र्च स्वयं वहन करना होगा. वहीं केजीएमयू में जांच अभी भी फ्री रहेगी.
ओपीडी में आने वाले मरीज़ों और उनके तीमारदारों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य है. पहले ये मुफ़्त में हो रहा था.
अब इस जांच के लिए मरीज़ों और तीमारदारों से पैसा लिया जाएगा. प्रति जांच की दर पंद्रह सौ रुपए तय की गई है. यानी एक मरीज़ और एक तीमारदार पर तीन हज़ार रुपए तक ख़र्च करने होंगे.
हालांकि पीजीआई फ़ीवर क्लिनिक में आने वाले मरीज़ों की जांच अभी भी निशुल्क ही हो रही है. इन्हें कोविड-19 अस्पताल भेजा जाता है.
पीजीआई अस्पताल में बिना कोरोना जांच के प्रवेश पर पाबंदी है. तीमारदारों की जांच भी अनिवार्य है.
जिन मरीज़ों के ऑपरेशन या प्रोसीजर की तारीख़ पहले तय थी उनकी जांच पहले फ्री थी, लेकिन अब उन्हें भी कोरोना जांच का शुल्क देना होगा.
इन संस्थानों में कोरोना टेस्ट की क़ीमत 1500 प्रदेश सरकार ने ही तय की है.
वहीं लोहिया संस्थान की फ़ीवर क्लिनिक और इमरजेंसी में कोरोना जांच मुफ़्त होगी लेकिन ओपीडी में यहां भी मरीज़ों को शुल्क देना होगा.
एसजीपीजीआई में औसतन रोज़ाना ओपीडी में ढाई सौ मरीज़ आते हैं जबकि लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में क़रीब दो सौ मरीज़ आते हैं.