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कानपुर एनकाउंटरः सवालों में घिरे आईपीएस अनंत देव एसटीएफ़ से हटाए गए

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उत्तर प्रदेश पुलिस के चार आईपीएस अधिकारियों का तबादला मंगलवार देर शाम कर दिया गया है. एसटीएफ़ के डीआईजी अनंत देव को पीएसी मुरादाबाद भेज दिया गया है.

अनंत देव के कानपुर के एससपी रहते हुए ही डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र ने पत्र लिखकर विकास दुबे की शिकायत की थी. इस पत्र को नज़रअंदाज़ कर दिया गया था. अब ख़बर है कि ये पत्र एसएसपी कार्यालय से गायब हो गया है.

अनंत देव के साथ बाजपेयी

इस पत्र के सामने आने के बाद अनंत देव पर सवाल उठ रहे थे. वे कानपुर में हुए एनकाउंटर में हो रही पुलिस जांच के दायरे में भी आ गए हैं.

सिर्फ़ तबादले से चलेगा काम?

कानपुर में यूपी पुलिस के आठ कर्मचारियों को घेरकर बर्बरता से मारा गया. जिस विकास दुबे ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है उसके तार अनंत देव से जुड़ें हैं.

मार्च में शहीद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र ने विकास दुबे के विषय में पत्र लिखकर तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को सूचित किया है. उन्होंने अपने पत्र में यह भी कहा था कि यदि विकास दुबे पर क़ानूनी कार्रवाई नहीं की गई तो भविष्य में कोई बड़ी घटना घट सकती है.

आरोप है कि डिप्टी एसपी का पत्र मिलने के बाद भी अनंत देव ने विकास दुबे पर कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में यूपी पुलिस का उनका तबादला करना किसी खानापूर्ती जैसा ही है.

 

पत्र का संज्ञान न लेना और अपराधियों के प्रति आँखें मूंदना डेरेलिक्शन आफ़ ड्यूटी यानी कर्तव्य की उपेक्षा है. होना तो ये चाहिए था कि अनंत देव को निलंबित करके उनके ख़िलाफ़ जांच की जाती और जब तक वो बेग़ुनाह साबित नहीं होते उन्हें निलंबित रखा जाता. लेकिन सिर्फ़ तबादले की कार्रवाई की गई है.

तीन और अधिकारियों का तबादला

वहीं मुरादाबाद के एसएसपी अमित पाठक को अब वाराणासी का एसएसपी बनाया गया है.

वहीं वाराणासी के एसएसपी प्रभाकर चौधरी को मुरादाबाद का एसएसपी बना दिया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणासी भी उत्तर प्रदेश में बेहद अहम शहर है और यहां आमतौर पर शासन के क़रीबी अधिकारी को ही पोस्टिंग दी जाती है.

वहीं 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा के सेनानायक आईपीएस अधिकारी सुधीर कुमार सिंह को एसएसपी एसटीएफ़ के पद पर तैनाती दी है. वो लखनऊ मुख्यालय में रहेंगे.

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