कानपुर के बालिका गृह मामले में ज़िला परिवीक्षा अधिकारी अजीत कुमार और बाल गृह की सहायक अधीक्षिका श्रीमती मिथिलेश पाल को शासन ने निलंबित कर दिया है.
कानपुर में बालिका गृह में रह रही 57 किशोरियों के कोविड-19 संक्रमित होने और सात के गर्भवती होने की ख़बर के बाद प्रदेश सरकार की ख़ूब फ़ज़ीहत हुई थी.
बाद में प्रशासन ने सफ़ाई देते हुए कहा था कि जिन बालिकाओं को गर्भवती पाया गया है वो पॉक्सो एक्ट के तहत बालिका गृह में लाई गईं थीं और पहले से ही गर्भवती थी.
ज़िला प्रशासन के स्पष्टीकरण के बावजूद इस ख़बर को लेकर सरकार को शर्मिंदा होना पड़ा था.
विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो गया था. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके योगी सरकार पर निशाना साधा था.
https://www.facebook.com/priyankagandhivadra/posts/604920163781873
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रियंका गांधी की पोस्ट पर आपत्ति जताते हुए उन्हें नोटिस भी भेजा है.
जनता के एक सेवक के रूप में मेरा कर्तव्य यूपी की जनता के प्रति है, और वह कर्तव्य सच्चाई को उनके सामने रखने का है। किसी सरकारी प्रॉपगैंडा को आगे रखना नहीं है। यूपी सरकार अपने अन्य विभागों द्वारा मुझे फिज़ूल की धमकियाँ देकर अपना समय व्यर्थ कर रही है।..1/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) June 26, 2020
राज्य सरकार ने अब इन दो अधिकारियों को शर्मींदगी का ज़िम्मेदार बताते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है.
निलंबन आदेश में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने समय पर ज़िला प्रशासन को जानकारी नहीं दी और बालिका गृह के बारे में ख़बरें प्रकाशित होने के बाद सही से विभाग का पक्ष नहीं रखा.
ये है निलंबन आदेश