कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल ने अपने भीतर पनप रहे नफ़रत के वायरस के मंज़र-ए-आम पर आ जाने के बाद ‘मुसलमान भाइयों’ से माफ़ी मांगते हुए कहा है कि उनके दिल में मुसलमानों
के लिए ख़ास प्रेम हैं.
मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल आरती लालचंदानी का छुपकर रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो वयारल हुआ है जिसमें वो तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों को आतंकवादी कह रही हैं और उन्हें जंगल में फेंकने की बात कर रही हैं.
दरअसल कानपुर के मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमित और संदिग्ध तब्लीगी जमात के सदस्यों को भर्ती किया गया था. इस दौरान भी लालचंदानी ने एक बयान देकर मीडिया से कहा था कि ‘जमाती दवाइयां नहीं खाते हैं, स्टाफ़ पर थूकते हैं और परिसर गंदा करते हैं और अच्छा खाना मांगते हैं.’
आरती लालचंदानी के इन आरोपों को मीडिया में ख़ूब सुर्ख़ियां मिलीं थीं और तब्लीगी जमात के ख़िलाफ़ लोगों में आक्रोश पैदा हुआ था.
भारत में कोरोना वायरस महामारी के शुरुआती दिनों में तब्लीगी जमात से जुड़े लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे. इन्हें कोरोना संक्रमण के लिए ज़िम्मेदार भी बताया जाने लगा था.
अब वायरल हुए इस वीडियो में लालचंदानी कहती हुई दिख रही हैं, ‘ये आतंकवादी हैं और हम इन्हें वीआईपी ट्रीटमेंट दे रहे हैं. इन्हें डंडे मारकर जंगल में भेज देना चाहिए.’
लालचंदानी ने ये भी कहा कि इन लोगों का इलाज करना दवा बर्बाद करना है. इसके अलावा उन्होंने कई और बातें ऐसी कहीं जो किसी इंसान के ज़ेहन में आना भी ग़ुनाह की श्रेणी में आएगा.
अब अपने वीडियो पर विवाद होने के बाद लालचंदानी ने एक बयान जारी कर रहा है कि वो मुसलमानों से माफ़ी मांगती है और उनके दिल में मुसलमानों के लिए ख़ास प्रेम है.
कानपुर की पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने लालचंदानी के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की सरकार से ये मांग है कि वो उन्हें पद से हटाते हुए इसकी जांच करें और अगर ये वीडियो सही साबित होता है तो उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया जाए.’
मुसलमानों के नाम लिखे एक पत्र में लालचंदानी ने कहा है, ‘मैं आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफ़ी मांगती हूं. मैं आप सभी को प्यार करती हूं और आपकी सेवा करती रहूंगी. किसी भी मदद के लिए आप मुझसे कभी भी संपर्क कर सकते हैं, मैं बीते 38 सालों से सेवा कर रही हूं. कृपया मेरी माफ़ी स्वीकार करें. मुझसे भविष्य में ऐसी ग़लती नहीं होगी.’
लालचंदानी का ये भी कहना है कि ये वीडियो क़रीब दो महीने पुराना है और इसे बनाने वाला पत्रकार उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा था. लालचंदानी का कहना है कि वो वीडियो बनाने वाले पत्रकार रामजी शर्मा के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराएंगी.
इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने लालचंदानी पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है. हालांकि उनके ख़िलाफ़ कानपुर में एक वकील ने मुक़दमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी है.
सोशल मीडिया पर भी उत्तर प्रदेश पुलिस से पूछा जा रहा है कि लालचंदानी के ख़िलाफ क्या कार्रवाई हुई है.