दिन प्रतिदिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश भी अब प्लाज्मा थेरेपी को बढ़ावा देगा. इसके लिए केजीएमयू में देश का सबसे बड़ा प्लाज्मा बैंक स्थापित किया जायेगा. वर्तमान में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के शताब्दी भवन स्थित ब्लड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में प्लाज्मा संग्रह यूनिट चलाई जा रही है. इसमे कोरोना को मात दे चुके 21 लोग अब तक प्लाज्मा दान कर चुके हैं.वहीं, 14 मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया भी जा चुका है.
विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक यहां के प्लाज्मा बैंक की क्षमता दिल्ली और महाराष्ट्र के अस्पतालों से अधिक होगी. यह देश का सबसे बड़ा प्लाज्मा बैंक होगा जहां 830 यूनिट प्लाज्मा संग्रह किया जा सकेगा.
प्रदेश में प्लाज़्मा डोनर की संख्या अधिक
प्रदेश में सोमवार तक 51,660 मरीज कोरोना की चपेट मेें आए थे। इनमें से 30,831 लोग कोरोना से जंग जीत चुके हैं. इनमें से बहुत से लोग प्लाज़्मा दान कर सकते हैं.
120 लोग कर सकेंगे एक दिन में प्लाज़्मा दान
केजीएमयू के प्लाज़्मा बैंक में एक दिन में 120 लोग प्लाज्मा दान कर सकेंगे. इसके लिए यहां पर पांच एफेरेसिस मशीनें लगी हैं.
एक व्यक्ति से प्लाज्मा संग्रह करने में करीब एक घंटे का वक्त लगता है. ब्लड से प्लाज़्मा निकाल लेने के बाद बाकी ब्लड वापस शरीर में चला जाता है.
-40 डिग्री पर प्लाज़्मा रहेगा एक साल सुरक्षित
डॉ. तूलिका चंद्रा के मुताबिक प्लाज्मा को माइनस 40 डिग्री तापमान पर रखा जाता है. यहां अभी एक डीप फ्रीजर है, जिसमें 30 यूनिट प्लाज्मा संग्रह किया जा सकता है. वहीं, दो डीप फ्रीजर का ऑर्डर और भेजा जा चुका है. इनमें 400-400 यूनिट प्लाज्मा एक वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकेगा.
प्लाज्मा थेरेपी के परिणाम अबतक सार्थक
कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में आइजीजी एंटीबॉडी बन जाती हैं. उनके ब्लड से लिए गए प्लाज्मा में मौजूद एंटीबॉडी को गंभीर मरीजों में चढ़ाया जाता है. यह एंटीबॉडी कोरोना वायरस के खिलाफ काम करती हैं. दुनिया के कई देशों और भारत में प्लाज़्मा थेरेपी के सकारात्मक नतीजे मिले हैं.
कैसे और कौन कर सकेगा प्लाज़्मा दान?
- कोरोना से ठीक हो चुके मरीज डिस्चार्ज होने के 14 दिन बाद
- ऐसे मरीज, जिनमें जांच के बाद एंटीबॉडी मौजूद मिले
- मरीजों की उम्र 18 वर्ष से 65 वर्ष के बीच हो
- 14 दिन बाद दोबारा प्लाज्मा दान किया जा सकता है
- एक बार में 500 एमएल प्लाज्मा निकाला जाता है।