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बेरोज़गार है 25 स्कूलों में ‘नौकरी’ करने वाली असली अनामिका शुक्ला

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अनामिका शुक्ला

बीते कई दिनों से सुर्ख़ियों में छाया ये नाम उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है.

एक टीचर के एक साथ 25 स्कूलों में पढ़ाने और तेरह महीनों में क़रीब एक करोड़ रुपए का वेतन उठाने की ख़बर ने सनसनी फैला दी थी.

हर कोई जानना चाहता था कि ये अनामिका शुक्ला क्या जादू है जो एक साथ 25 स्कूलों में तैनात है.

विज्ञान की इस टीचर की तलाश गोंडा में समाप्त हुई है. अब पता चला है कि जो अनामिका शुक्ला सुर्ख़ियां बटोर रहीं थी वो तो दरअसल बेरोज़गार है.

सच ये है कि उनके दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके जालसाज मलाई खा रहे थे.

मीडिया में ख़बरें आने के बाद अपने आपको अनामिका शुक्ला बताने वाली एक महिला ने अब गोंडा में बेसिक शिक्षा अधिकारी से मुलाक़ात कर अपने दस्तावेज़ों के ग़लत इस्तेमाल की रिपोर्ट दर्ज कराई है.

आवेदन तो किया लेकिन नौकरी नहीं मिली

अपनी रिपोर्ट में अनामिका शुक्ला ने कहा है कि उसने साल 2017 में पांच जिलो में कस्तूरबा विद्यालय में विज्ञान टीचर की नौकरी के लिए आवेदन किया था.

ये ज़िले थे सुल्तानपुर, जौनपुर, लखनऊ, बस्ती और मिर्ज़ापुर. लेकिन अनामिका को काउंसलिंग के लिए बुलाया ही नहीं गया.

अनामिका शुक्ला की शिकायत

अनामिका शुक्ला का कहना है कि उसके दस्तावेज़ों का ग़लत इस्तेमाल किया गया है.

अनामिका का दावा है कि उसने अपने दस्तावेज़ वापस नहीं लिए थे और अब इनका इस्तेमाल फ़र्ज़ीवाड़े के लिए कर लिया गया है.

अनामिका का कहना है कि उसने कभी भी कस्तूरबा बालिका विद्यालय में नौकरी नहीं की है.

उत्तर प्रदेश में 746 कस्तूरबा विद्यालय हैं. यानी हर ब्लॉक में एक विद्यालय है. इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती सालाना कांट्रेक्ट पर होती है.

गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति का कहना है कि अनामिका शुक्ला ने मंगलवार को उनके दफ़्तर आकर मुलाक़ात की और अपनी शिकायत दी.

अनामिका ने कभी नौकरी ही नहीं की

प्रजापित के मुताबिक अनामिका शुक्ला का कहना है कि उसने कभी नौकरी नहीं की है. वह इस समय एक गृहिणी हैं.

अनामिका का जन्म, शादी और शिक्षा गोंडा में ही हुई है.

अनामिका शुक्ला के मामले ने यूपी में शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है.

सवाल उठता है कि ये कैसे संभव है कि एक ही टीचर के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर 25 स्कूलों में लोगों को नौकरी दे दी जाए.

स्कूली शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय करण आनंद ने एक बयान में कहा है कि अनामिका शुक्ला के बयान और दावों के आधार पर आगे की जांच की जाएगी.

यूपी पुलिस इस मामले में एक महिला टीचर को गिरफ़्तार कर चुकी है जो कथित तौर पर अनामिका शुक्ला के दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके नौकरी कर रही थी.

वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि, ‘भाजपा के लोगों के शामिल हुए बिना कस्तूरबा स्कूलों में यह फर्जीवाड़ा संभव नहीं है.’

वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अनामिका शुक्ला के परिवार को मुआवज़ा देने की मांग की है. एक ट्वीट में प्रियंका गांधी ने कहा,

‘ये इंतिहा है भ्रष्टाचार की. यूपी सरकार को अनामिका शुक्ला के घर जाकर उनके पूरे परिवार से माफी मांगनी चाहिए. गरीबी की पीड़ा झेल रही अनामिका शुक्ला को पता भी नहीं था उसके नाम पर ये चल रहा है. यूपी सरकार और उनके शिक्षा विभाग की नाक के नीचे चल रही लूट की व्यवस्था ने एक साधारण महिला को अपना शिकार बनाया. ये चौपट राज की हद है.’

प्रियंका गांधी ने अनामिका के लिए न्याय की मांग करते हुए कहा है कि उन्हें मानहानि का मुआवज़ा दिया जाए.

प्रियंका ने अनामिका के लिए सरकारी नौकरी और उनके परिवार के लिए सुरक्षा की मांग भी की है.

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