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महामारी के बीच स्कूलों की फ़ीस माफ़ी पर क्या बोले उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री?

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उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने एक बयान में कहा है कि जो अभिभावक स्कूलों की फ़ीस जमा करने में अक्षम हैं उन पर दबाव न बनाया जाए.

मंत्री ने कहा कि अभिभावकों पर दबाव बनाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी.

हालांकि स्कूलों की फ़ीस माफ़ी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी मांग अव्यवहारिक है. उन्होंने कहा कि यदि फ़ीस माफ़ कर दी जाएगी तो यूपी में चलने वाले स्कूल बंद हो जाएंगे.

यूपी सरकार ने स्कूलों से अगस्त में कक्षाएं चलाने की व्यवस्था करने के लिए कहा है. हालांकि स्कूल कब खुलेंगे इस बारे में अंतिम फ़ैसला अभी नहीं लिया गया है.

केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने एक बयान में कहा था कि सरकार 15 अगस्त के बाद स्कूल चलाने पर विचार कर रही है.

निजी स्कूलों में फीस माफ़ी के सवाल पर डॉ. द्विवेदी ने कहा कि ये मांग अव्यवहारिक है. अगर स्कूलों की फ़ीस माफ़ कर दी गई तो निजी स्कूल बंद हो जाएंगे, ऐसे में यूपी में शिक्षा की पूरी व्यवस्था ही चरमरा जाएगी.

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अगर अगस्त में स्कूलों में पढ़ाई शूरू करने की गाइडलाइन जारी कर दी तो कोई नई व्यवस्था अचानक नहीं बनाई जा सकेगी.

लॉकडाउन के कारण लोगों के काम धंधे बंद हैं और आय का संकट है.

स्कूल भी बीते चार महीनों से बंद ही हैं. ऐसे में अभिभावकों ने मांग की थी कि स्कूलों के बंद रहने की अवधि की फीस ना मांगी जाए.

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्कूलों से कहा है कि लॉकडाउन के दौरान वाहन शुल्क न लिया जाए और एक साथ तीन महीनों की फीस ना मांगी जाए.

मंत्री ने ये भी कहा कि कुछ लोग ऐसे पेशों में हैं जिनकी आय का स्रोत जारी है लेकिन वो फिर भी स्कूलों की फीस से राहत चाहते हैं. ये मांग व्यवहारिक नहीं है.

उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में NO School No Fees अभियान चलाया गया है जिसके तहत अभिभावकों ने लॉकडाउन की अवधि की फीस माफ़ करने की मांग की है.

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