[speaker]जन्माष्टमी के दिन जब शहर जगमग होने चाहिए था, स्मार्टमीटर की ख़राबी के चलते कई शहरों में अंधेरा छा गया था.
अब सरकार ने स्मार्टमीटरों की खामियों की समीक्षा की बात कही है और फिलहाल स्मार्टमीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी है.
उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में कहा है कि जब तक स्मार्टमीटरों की खामियां दूर नहीं हो जातीं, प्रदेश में स्मार्टमीटर नहीं लगाए जाएंगे.
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को ही एक आदेश जारी कर स्मार्टमीटर के काम को अगले पंद्रह दिनों तक रोक देने के लिए कहा था.
सरकार ने पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एम देवराज को आदेश दिया था कि इनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड के स्मार्टमीटर लगाए जाने के काम को पंद्रह दिन तक के लिए रोक दिया जाए.
सरकार ने ये भी स्पष्ट कहा है कि पावर कार्पोरेशन अपनी ज़िम्मेदारियों से बच नहीं सकती है. जन्माष्टमी के मौके पर बिजली चले जाने की रिपोर्ट भी पंद्रह दिन में पेश करने के लिए कहा गया है.
ऊर्जा मंत्री ने कल दिए एक बयान में कहा गया है कि ये भी जांच की जा रही है कि गड़बड़ी सर्वर में हुई है या कमी मीटरों में है.
ग़ौरतलब है कि 12 अगस्त को स्मार्टमीटरों में ख़राबी आई थी जो 16 अगस्त तक ठीक की जा सकी.
सरकार ने कार्पोरेश से आपात स्थिति के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा है.
कार्पोरेशन के प्रीज़ेंटेशन को विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगा.
एक्सपर्ट कमेटी की सिफ़ारिश के बाद ही फिर से स्मार्ट मीटर लगाए जाने को अनुमति दी जाएगी.
स्मार्टमीटर के ज़रिए सरकार का मक़सद बिजली चोरी रोकना है.
योजना के तहत स्मार्टमीटर उन्हीं इलाक़ों में लगाए जाने हैं जहां सबसे ज़्यादा बिजली चोरी होती है.
लेकिन लार्सन एंड टूब्रो, ईईएसएल और पावर कार्पोरेशन ने सभी जगह स्मार्ट मीटर लगाने शुरू कर दिए थे.
ईईसीएस उत्तर प्रदेश में चालीस लाख स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है.
जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटरों में आई तकनीकी खामी के चलते कई शहरों में लाखों घरों की बिजली चली गई थी.
एक साथ कई शहरों में एक लाख से अधिक घरों में बिजली चले जाने के इस मामले की जांच योगी सरकार ने एसटीएफ़ को सौंप दी थी.
लापरवाही बरतने के आरोप में दो शीर्ष अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था.
भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत ईईएसएल एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) है, जो भारत में स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम को लागू करने का काम करती है.
स्मार्ट मीटर का उद्देश्य बिजली चोरी कम करना है. इसमें किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है.
ये मीटर रियल टाइम में बिजली की खपत का डाटा कंपनी और यूज़र को उपलब्ध करवाता है.