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‘मेरे कोविड संक्रमित पिता का शव केजीएमयू में है, मैं बस अब ये कामना करता हूं’

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बस्ती के रहने वाले सुधीर ने जब अपने कोरोना संक्रमित पिता को लखनऊ के केजीएमयू में भर्ती कराया था तो उन्हें उम्मीद थी कि उनके पिता इस संक्रमण को मात देकर सकुशल घर लौट आएंगे.

लेकिन वायरस से लड़ते-लड़ते उनका पिता का चौदह जुलाई को निधन हो गया. उनकी इच्छा थी कि वो अपने पिता का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर पाएं, लेकिन काफ़ी मशक्कत के बाद भी उन्हें अपने पिता का शव नहीं मिल सका. मौत के दो दिन बाद भी उनके पिता का पार्थिव शव अस्पताल में ही है.

लखनऊ पोस्ट से बात करते हुए सुधीर ने कहा, हम बस अब यही चाहते हैं कि प्रशासन हमारे पिता का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दे. उन्होंने हमें पाल पोस कर इतना बड़ा किया और हम अभागे उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर पा रहे हैं.

स्वास्थ्य की नहीं मिली जानकारी

सुधीर के पिता ज्वाला प्रसाद को कोरोना संक्रमण का पता दो जुलाई को चला था जिसके बाद उन्हें लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

सुधीर कहते हैं कि जब उन्हें भर्ती कराया गया था तो उनका स्वास्थ्य सही था और उन्हें उम्मीद थी कि वो ठीक हो जाएंगे.

कोरोना वार्ड में भर्ती होने के बाद ज्वाला प्रसाद के किसी परिजन को उनसे नहीं मिलने दिया गया था.

सुधीर कहते हैं कि वो एक फ़ोन अपने पिता के पास छोड़कर आए थे ताकि उनसे बात होती रहे, लेकिन उनकी बात नहीं हो सकी.

बाद में जब उनके पिता को आईसीयू में भर्ती कराया गया तो फ़ोन वार्ड में ही छूट गया था.

पिता से बात करने के लिए सुधीर ने एक और फ़ोन अस्पताल में भिजवाया लेकिन इस पर भी बस घंटी ही बजती थी, उनकी कभी भी अपने पिता से बात नहीं हो सकी.

सुधीर बताते हैं कि शुरुआत में तो अस्पताल की ओर से एक मैसेज आया था जिसमें उनके पिता के स्वास्थ्य के बारे में अपडेट दिया गया था. लेकिन इसके बाद कोई जानकारी उन्हें नहीं मिल सकी.

लखनऊ पोस्ट से बात करते हुए सुधीर ने कहा कि पिता की मौत के बाद उन्होंने अस्पताल से शव लेने की भरसक कोशिश की लेकिन नाकाम रहे.

उन्होंने कहा, मेरा छोटा भाई दिनभर अस्पताल में भागदौड़ करता रहा. कागज़ बनवाता रहा. वो एंबुलेंस भी लेकर आया, लेकिन सुबह सात बजे से शाम सात-आठ बजे तक भागदौड़ करने के बावजूद अस्पताल से शव नहीं मिल सका.

वो कहते हैं कि इस दौरान उनके भाई की भी हालत ख़राब हो गई और वो अब लखनऊ में अपने एक रिश्तेदार के घर पर है. उसे देखने वाले डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है.

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है और अब तक दुनियाभर में पांच लाख अस्सी हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

भारत में कुल संक्रमित लोगों की तादाद नौ लाख को पार कर गई है. उत्तर प्रदेश में भी संक्रमितों का आंकड़ा चालीस हज़ार के पार चला गया है.

संक्रमण के ख़तरे की वजह से कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार करना चुनौतीपूर्ण होता है. इसके लिए प्रशासन ने प्रोटोकॉल तय किए हैं.

कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार की ज़िम्मेदारी प्रशासन की ही है. नियमों के तहत मृतकों का संस्कार पूरे सम्मान से किया जाना चाहिए.

लेकिन भारत में कई इलाक़ों से कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के ऐसे वीडियो आए हैं जो विचलित करने वाले हैं.

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