Latest – Lucknow Post https://lucknowpost.com The Lucknow Observer Sat, 19 Sep 2020 06:17:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.6.13 https://lucknowpost.com/wp-content/uploads/2020/04/cropped-icon-1-1-32x32.png Latest – Lucknow Post https://lucknowpost.com 32 32 योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी https://lucknowpost.com/yogi-accepts-demands-of-kalbe-jawwad/ Sun, 23 Aug 2020 09:13:32 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2833 [speaker]उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया धर्मगुरुओं से मुलाक़ात के बाद मोहर्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं. पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद की मांगों को स्वीकार कर लिया है और मोहर्रम के दौरान ताजिएदारी से पाबंदी हटा ली है. मौलाना के प्रतिनिधिमंडल में शामिल … Continue reading योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी

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[speaker]उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया धर्मगुरुओं से मुलाक़ात के बाद मोहर्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं.

पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद की मांगों को स्वीकार कर लिया है और मोहर्रम के दौरान ताजिएदारी से पाबंदी हटा ली है.

मौलाना के प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे शमील शम्शी ने मीडिया को बताया है कि पूरे प्रदेश में अज़ादारी से पाबंदी हटा ली गई है.

प्रशासन की ओर से घर में ताजिए रखने पर दर्ज एफ़आईआर को भी वापस लेने का आश्वासन दिया गया है.

हालांकि मजलिस में अभी भी पांच ही लोग मौजूद रहेंगे. वहीं सड़कों और चौराहों पर भी ताजिए नहीं रखे जा सकेंगे.

यौमै आशूर यानी मोहर्रम की दस तारीख़ को ताजिए दफ़नाने को लेकर अभी फ़ैसला नहीं लिया गया है.

Azadari Lucknow
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मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी ने सरकार की ओर से मोहर्रम को लेकर जारी की गईं गाइडलाइन का विरोध किया था.

सरकार ने पहले ताजिएदारी पर पूर्ण पाबंदी लगाई थी और मजलिस को भी प्रतिबंधित किया था.

उन्होंने शिया धर्मगुरुओं को साथ लेकर अनिश्चितकालीन धरना भी शुरू कर दिया था.

मौलाना ने आरोप लगाया था कि पुलिस लोगों को अपने घरों में भी ताजिए नहीं रखने दे रही है.

उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को अत्याचार बताते हुए गिरफ़्तारी देने की धमकी भी दी थी.

लखनऊ कमिश्नरेट के पश्चिमी ज़िले के डीसीपी भी मौलाना कल्बे जव्वाद से मिलने पहुंचे थे.

मौलाना ने सरकार से मांग की थी कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख़्याल रखते हुए ताजिए रखने और मजलिस पढ़ने की अनुमति दी जाए.

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सीसीटीवी पर घर से ले जाती दिखी पुलिस, बाद में एनकाउंटर, एनएचआरसी ने मांगा जवाब https://lucknowpost.com/nhrc-notice-in-pulast-tiwari-encounter-case/ Sun, 23 Aug 2020 08:36:40 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2826 प्रशांत शुक्ल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 9 अगस्त की रात को लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी पुलस्त तिवारी के साथ कथित मुठभेड़ के मामले में पुलिस से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इस कथित एनकाउंटर के ख़िलाफ़ मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. 25 हजार … Continue reading सीसीटीवी पर घर से ले जाती दिखी पुलिस, बाद में एनकाउंटर, एनएचआरसी ने मांगा जवाब

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प्रशांत शुक्ल

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 9 अगस्त की रात को लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी पुलस्त तिवारी के साथ कथित मुठभेड़ के मामले में पुलिस से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इस कथित एनकाउंटर के ख़िलाफ़ मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी.

25 हजार का ईनामी है पुलस्त

इसी महीने 9 अगस्त को लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को गिरफ्तार किया है, जिसके दाहिने पैर में गोली लगी है.

पुलिस के दावे के मुताबिक आशियाना पुलिस जोन-8 दफ्तर के पास चेकिंग कर रही थी, जहां पुलस्त बिना नंबर प्लेट की काले रंग की बाइक पर आया तथा पीछा करने पर उसने पुलिस पर गोली चला दी थी.

क्या और कैसे हुआ

डॉ. नूतन ने अपनी शिकायत में कहा कि पुलस्त की मां मंजुला तिवारी तथा परिवार वालों के अनुसार 09 अगस्त की शाम करीब 6.30 बजे दो पुलिस वाले उनके घर आये और वे पुलस्त को अपने साथ ले गए. इनमें एक आशियाना थाने के दरोगा महेश दुबे थे.

 

पुलस्त की बहन ने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर के पीआरओ से भी फोन से बात की थी. पुलस्त के परिवार वालों के पास उसे ले जाते समय के सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी हैं. इसके विपरीत पुलिस ने उसी रात पुलस्त को भागता हुआ दिखा कर उसके पैर में गोली मार दी थी.

चार सप्ताह में अवगत कराने के निर्देश

आयोग ने शिकायत की प्रति लखनऊ पुलिस को प्रेषित करते हुए इस संबंध में की गयी कार्यवाही से चार सप्ताह में अवगत कराने का निर्देश दिया है.

उत्तर प्रदेश में एनकाउंटरों पर उठते रहे हैं सवाल

योगी आदित्यनाथ के साल 2017 में आने के बाद से यूपी पुलिस ने दो हज़ार से अधिक एनकाउंटर किए हैं जिनमें सौ से अधिक कथित अपराधी मारे गए हैं. इनमें से कई एनकाउंटरों पर गंभीर सवाल उठे हैं.

हाल ही में कानपुर के बिकरऊ कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के एनकाउंटर पर भी गंभीर सवाल उठे थे. पुलिस ने विकास दुबे को मध्य प्रदेश से लाते वक़्त कानपुर के नज़दीक एक कथित एनकाउंटर में मार दिया था.

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उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक https://lucknowpost.com/uttar-pradesh-government-stops-installation-of-smartmeters/ Thu, 20 Aug 2020 23:11:38 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2811 [speaker]जन्माष्टमी के दिन जब शहर जगमग होने चाहिए था, स्मार्टमीटर की ख़राबी के चलते कई शहरों में अंधेरा छा गया था. अब सरकार ने स्मार्टमीटरों की खामियों की समीक्षा की बात कही है और फिलहाल स्मार्टमीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी है. उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में … Continue reading उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक

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[speaker]जन्माष्टमी के दिन जब शहर जगमग होने चाहिए था, स्मार्टमीटर की ख़राबी के चलते कई शहरों में अंधेरा छा गया था.

अब सरकार ने स्मार्टमीटरों की खामियों की समीक्षा की बात कही है और फिलहाल स्मार्टमीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी है.

उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में कहा है कि जब तक स्मार्टमीटरों की खामियां दूर नहीं हो जातीं, प्रदेश में स्मार्टमीटर नहीं लगाए जाएंगे.

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को ही एक आदेश जारी कर स्मार्टमीटर के काम को अगले पंद्रह दिनों तक रोक देने के लिए कहा था.

सरकार ने पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एम देवराज को आदेश दिया था कि इनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड के स्मार्टमीटर लगाए जाने के काम को पंद्रह दिन तक के लिए रोक दिया जाए.

सरकार ने ये भी स्पष्ट कहा है कि पावर कार्पोरेशन अपनी ज़िम्मेदारियों से बच नहीं सकती है. जन्माष्टमी के मौके पर बिजली चले जाने की रिपोर्ट भी पंद्रह दिन में पेश करने के लिए कहा गया है.

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ऊर्जा मंत्री ने कल दिए एक बयान में कहा गया है कि ये भी जांच की जा रही है कि गड़बड़ी सर्वर में हुई है या कमी मीटरों में है.

ग़ौरतलब है कि 12 अगस्त को स्मार्टमीटरों में ख़राबी आई थी जो 16 अगस्त तक ठीक की जा सकी.

सरकार ने कार्पोरेश से आपात स्थिति के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा है.

कार्पोरेशन के प्रीज़ेंटेशन को विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगा.

एक्सपर्ट कमेटी की सिफ़ारिश के बाद ही फिर से स्मार्ट मीटर लगाए जाने को अनुमति दी जाएगी.

स्मार्टमीटर के ज़रिए सरकार का मक़सद बिजली चोरी रोकना है.

योजना के तहत स्मार्टमीटर उन्हीं इलाक़ों में लगाए जाने हैं जहां सबसे ज़्यादा बिजली चोरी होती है.

लेकिन लार्सन एंड टूब्रो, ईईएसएल और पावर कार्पोरेशन ने सभी जगह स्मार्ट मीटर लगाने शुरू कर दिए थे.

ईईसीएस उत्तर प्रदेश में चालीस लाख स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है.

जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटरों में आई तकनीकी खामी के चलते कई शहरों में लाखों घरों की बिजली चली गई थी.

एक साथ कई शहरों में एक लाख से अधिक घरों में बिजली चले जाने के इस मामले की जांच योगी सरकार ने एसटीएफ़ को सौंप दी थी.

लापरवाही बरतने के आरोप में दो शीर्ष अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था.

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत ईईएसएल एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) है, जो भारत में स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम को लागू करने का काम करती है.

स्मार्ट मीटर का उद्देश्य बिजली चोरी कम करना है. इसमें किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है.

ये मीटर रियल टाइम में बिजली की खपत का डाटा कंपनी और यूज़र को उपलब्ध करवाता है.

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तीन दिन के लिए शुरू हुआ मानसून सत्र, पीपीई किट पहन सपा विधायकों ने किया विरोध https://lucknowpost.com/up-assembly-monsoon-session-begins-from-today/ Thu, 20 Aug 2020 10:45:48 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2801 प्रशांत शुक्ला 17वीं विधानसभा का मानसून सत्र आज से तीन दिन के लिए शुरू हो गया है. कोरोना महामारी के कारण सत्र में कई व्यवस्थाएं की गई हैं, जो विधानसभा के इतिहास में पहली बार दिखाई दी. जैसे विधायकों को दर्शक दीर्घा व लॉबी में भी बैठाया गया है. सत्र के पहले दिन पीपीई किट … Continue reading तीन दिन के लिए शुरू हुआ मानसून सत्र, पीपीई किट पहन सपा विधायकों ने किया विरोध

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प्रशांत शुक्ला

17वीं विधानसभा का मानसून सत्र आज से तीन दिन के लिए शुरू हो गया है. कोरोना महामारी के कारण सत्र में कई व्यवस्थाएं की गई हैं, जो विधानसभा के इतिहास में पहली बार दिखाई दी. जैसे विधायकों को दर्शक दीर्घा व लॉबी में भी बैठाया गया है. सत्र के पहले दिन पीपीई किट में पहुंचे सपा विधायकों व एमएलसी ने कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया है. सत्र के पहले दिन आज मृत सदस्यों, गलवानी घाटी में शहीद जवानों व दिवंगत कोरोना वॉरियर्स के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी जाएगी.

60 साल आयु के ऊपर के सदस्य वर्चुअल जुड़ेंगे

इस सत्र के दौरान तकरीबन 16 विधेयकों को मंजूर किए जाने की तैयारी है. इस सत्र की खास बात यह है कि पहली बार सदन में वर्चुअल कार्यवाही हो रही है. दरअसल, 60 साल से अधिक उम्र के विधायकों को सत्र में वर्चुअल तरीके से जोड़ा गया है, सिर्फ 60 साल से कम उम्र के विधायकों को ही सदन में मास्क और ग्लब्स के साथ प्रवेश दिया गया.

सत्र के दौरान यह रहेगी व्यवस्था

सदस्य एक सीट छोड़कर बैठेंगे.
नेता सदन के पास कोई नहीं बैठेगा.
संसदीय कार्यमंत्री की सीट अलग होगी.
सत्र के दौरान कैफेटेरिया बंद रहेगा.
केवल गर्म पानी व काढ़ा मिलेगा.
कार्यवाही का यूट्यूब पर प्रसारण होगा.
8 से 10 विधायक नहीं होंगे शामिल

कोरोना महामारी के चलते इस बार सत्र में 8 से 10 विधायक शामिल नहीं होंगे. खादी एवं एमएसएमई राज्यमंत्री उदयभान सिंह, विधायक संजू यादव (अकबरपुर), तेजपाल नागर (दादरी), धनंजय कनौजिया (बेल्थरा रोड, बलिया) और एमएलसी परवेज अली बुधवार को कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार शाम तक 250 विधायकों की जांच की है. करीब 20 विधायकों के घर से सैंपल कलेक्ट किए गए हैं. वहीं, मंत्री कमला रानी वरुण व चेतन चौहान, विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही, पारसनाथ यादव की मौत हो चुकी है.

वेल में समूह में आकर नहीं हो सकेगा विरोध

इस बार सत्र चलने के दौरान विशेष नियम भी लागू होंगे. विधानसभा की लॉबी और गलियारे मे लोगों को खड़े होने की इजाजत नहीं होगी. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए विधानसभा कैंटीन में खाने के लिए दस लोग ही एक साथ बैठ सकेंगे. पहले ग्रुप के हटने के बाद ही दूसरा ग्रुप बैठ सकेगा. यहां तक कि वेल में विरोध कराते वक्त भी झुंड में खड़े होने की इजाज़त नहीं होगी.

विधानमंडल में यह विधेयक कराए जाएंगे मंजूर

उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कारखाना विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) विधेयक 2020
कारागार अधिनियम 1894 में (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर संशोधन विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता, और प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2020
कारागार उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2020

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देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां https://lucknowpost.com/total-corona-cases-in-india-reaches-28-lakhs/ Wed, 19 Aug 2020 06:15:45 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2793 लेखकः मोहम्मद जावेद देश में किये जा रहे तमाम प्रयासों के बीच कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के मामले बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. बीते चौबीस घंटों में 64 हज़ार से अधिक नए मामलों के साथ भारत में कुल संक्रमण के मामलों की तादाद अब 28 लाख के क़रीब … Continue reading देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां

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लेखकः मोहम्मद जावेद

देश में किये जा रहे तमाम प्रयासों के बीच कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के मामले बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. बीते चौबीस घंटों में 64 हज़ार से अधिक नए मामलों के साथ भारत में कुल संक्रमण के मामलों की तादाद अब 28 लाख के क़रीब पहुंच गई है.

बुधवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 64531 नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2767273 पहुंच गई है. इनमें से 6,76514 एक्टिव केस हैं साथ ही अभी तक 2037870 मरीजों को या तो अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है या फिर वह स्वस्थ हो चुके हैं.

वहीं इस दौरान 1092 लोगों की मौत हुई है और कुल मृतकों की संख्या 53 हजार के करीब पहुंच चुकी है. आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 से अब तक 52889 लोगों की मौत हो चुकी है. वर्तमान स्थिति में देश में 24.45 फीसदी एक्टिव केस हैं

भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था. इसके 110 दिन के बाद यानी 10 मई को देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख हो गई थी. इसके बाद देश में महामारी की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ी, केवल 88 दिन में ही एक लाख से बढ़कर आंकड़ा 25 लाख पार कर गया. महामारी की रफ्तार को कम करने के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है और रोज़ाना रिकॉर्डतोड़ टेस्ट हो रहे हैं.

कुल टेस्टिंग की बात करें तो मुल्कभर में तीन करोड़ से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के की ओर से जारी डाटा के मुताबिक 801518 सैंपलों के टेस्ट कल किए गए हैं.

जिस प्रकार देश में कोरोना संक्रमण, मौत के आंकड़े  और टेस्टिंग को बढ़ रही है वैसे वैसे लोगों में दिन व दिन कोरोना के प्रति उदासीनता और लापरवाही बढ़ती जा रही है. एक ओर जहां स्वास्थ्य महकमा, पुलिस प्रशासन और कुछ NGOs  लोगों को जागरूक करने की कोशिश में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी ओर स्वास्थय महकमे की लापरवाहियां भी लगातार सामने आ रही.

परिणामस्वरूप लोगों में कोरोना, सामाजिक दूरी व मास्क के प्रयोग के प्रति उदासीनता बड़ी है. खबरों के मुताबिक़ यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य कई हिस्सों में स्वास्थय विभाग की लापरवाही के अनगिनत केस सामने आये हैं.

कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां

पिछले दो चार दिन से सोशल मीडिया पर एक पुलिसकर्मी का वीडियो बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है जिसमे एक पुलिसकर्मी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर सवाल उठा रहा है, उसने अपने एक वायरल वीडियो में कहा है कि उसकी बिना कोरोना जांच के ही उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव बता दी गयी जबकि उसने किसी प्रकार का कोई सैंपल ही नहीं दिया है. इस वायरल वीडियो से जिलेभर में हड़कम्प मचा हुआ है तो वहीं इस मामले में स्वास्थ्य विभाग भी उसके कोरोना पाॅजिटिव होने की पुष्टि कर रहा है.

https://www.facebook.com/LucknowPost/posts/2855256144575762

 

मामला यूपी के कन्नौज जिले का है. पुलिस लाइन कन्नौज में तैनात सिपाही श्याम बाबू ने बताया कि वह 29 जुलाई को फतेहपुर गया था, वापसी में फतेहपुर जिला अस्पताल में उससे कोरोना जांच का फार्म भरवाया गया उसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग हुई और कहा गया कि जांच डेढ़ बजे होगी. छुट्टी सेंक्शन के लिए अप्लाई करने के इरादे से वह वापस अपने दफ्तर गया इसी बीच 7 अगस्त को उसके पास सीएमओ व अन्य 3 डॉक्टरों के फोन आते हैं कि आप कोरोना पाॅजिटिव हैं. उनका कहना है उन्होंने सैंपल ही नहीं दिया है. जबकि सीएमओ कृष्ण स्वरूप का कहना है कि हमारे द्वारा इस तरह का कोई भी फोन नही किया गया है. सीएमओ का कहना है कि उस दिन 40 सैंपल लिये गये जिसमें इस नाम का कोई दूसरा आदमी भी नही था तो इसने वहाॅं सैंपल दिया होगा और तभी रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी होगी.

दूसरा मामला भी उत्तर प्रदेश के लखनऊ से है जहां 21 वर्षीय शिवांश मिश्रा को फोन कॉल के माध्यम से जानकारी दी गई कि वह कोरोना पॉजिटिव है. हमने शिवांश को फोन पर संपर्क कर मामला जानने की कोशिश की, प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़ उसने बीती 8 अगस्त को सीएचसी चिनहट में कोरोना टेस्ट कराया था और 9 अगस्त की शाम को उसे फोन आता है कि वह रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. शिवांश का कहना है कि “मैंने 8 अगस्त को टेस्ट कराया, 9 अगस्त को फोन के माध्यम से जानकारी दी गई कि मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है लेकिन मुझे अभी तक रिपोर्ट की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है. शिवांश ने साथ ही ये भी बताया कि उसके अन्य कई साथियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है जिनको फोन पर ही उनकी पॉजिटिव आयी रिपोर्ट की जानकारी दी गई है. शिवांश की टेस्टिंग RTPCR मैथड से की गई है.

एक अन्य मामला भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से है जहां स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. यहां बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पति के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट को लेकर गलत जानकारी परिवार तक पहुंच गई, जिससे सांसद के परिवार में हड़कंप मच गया. बाद में पता चला कि विभागीय गलती के कारण सांसद पति की नेगेटिव रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग के डेटा में पॉजिटिव दिखाया गया था. सच्चाई सामने आने के बाद सांसद जोशी ने अपनी नाराजगी जाहिर की. प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनिवार 15 अगस्त को प्रयागराज में रीता बहुगुणा जोशी के पति पूरन चन्द्र जोशी की रैपिड एंटीजेन टेस्ट और RTPCR मैथड से जांच हुई. रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट तो नेगेटिव आई लेकिन RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट अभी आना वाक़ी थी. इस बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई पॉजिटिव लोगों की सूची में सीरियल नम्बर 98 पर जोशी का नाम था जिससे परिवार काफी परेशान हो गया और रीता बहुगुणा जोशी ने तो पति के दिल्ली में इलाज के लिए एंबुलेंस भी बुक कर ली थी.

बिहार में तो सूरत ए हाल ये है कि प्रदेश के एएनएम कार्यकर्ता बिना सुरक्षा के अपनी जान जोखिम में डालकर सैंपलिंग का काम कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, जमुई में कोरोना जांच सैंपलिंग में बड़े पैमाने पर घोर लापरवाही बरती जा रही है. यहां बिना सुरक्षा मानकों (बिना पीपीई किट) के सैंपल लिए जा रहे हैं. लैब टेक्नीशियन के स्ट्राइक पर जाने के कारण, स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम कार्यकर्ताओं को ही सैंपलिंग के काम पर लगा दिया है. जिसके नतीजे में एक महिला की बगैर सैंपल लिये कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव भेज दी गयी. महिला के मोबाइल पर रिपोर्ट का मैसेज भेजा गया जिसको देखते ही महिला समेत परिवारवाले परेशान हो गए.

जानकारी के अनुसार विठलपुर गांव में बीते 11 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर लोगों का कोरोना सैंपल लिया था. शिविर में इस महिला का भी पंजीकरण किया गया था. जब घर में काम आ जाने के चलते महिला बिना सैंपल दिये घर लौट गई लेकिन शुक्रवार को उसके मोबाइल पर रिपोर्ट का मैसेज आ गया जिसमें उसे नेगेटिव बताया गया है हालांकि उस दिन सैंपल देने वालों में 8 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये. उनमें महिला का बेटा भी शामिल है. महिला इस बात से परेशान है कि जब उसका सैंपल लिया ही नहीं गया, तो कैसे उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. बता  दें कि जमुई में इस तरह का ये नया मामला नहीं है. इससे पहले बीते 7 अगस्त को गिद्धौर प्रखंड में एक शिक्षक की रिपोर्ट बगैर सैंपल लिये नेगेटिव आ गई.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मामले को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है, ‘यह नीतीश मार्का वर्ल्ड क्लास कोरोना टेस्टिंग है. बिना पीपीई किट और शारीरिक दूरी के जांच हो रही है. विपक्ष के भारी दबाव के बाद 15 वर्षीय सुशासनी सह विज्ञापनी सरकार अब प्रतिदिन 1 लाख 20 हजार जांच का आंकड़ा ऐसे पूरा कर रही है. 10 हजार जांच में 3000 पॉजिटिव थे और 1 लाख 20 हजार में भी.’ तेजस्वी समेत पूरा विपक्ष बिहार में कोरोना जांच पर सवाल उठा रहा है. तेजस्वी का आरोप है कि, सरकार सही से टेस्टिंग नहीं करा रही है. साथ ही, सरकार द्वारा कोरोना के गलत आकड़ें पेश किए जा रहे हैं.

इस प्रकार देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ साथ लोगों में कोरोना के प्रति उदासीनता भी बढ़ी है. इन चार-पांच महीनों में कोरोना पर हमारी समझ के रंग भी गिरगिट के मानिंद बदलते रहे हैं. लॉकडाउन में दारू की इजाजत मिलने से लेकर रामदेव की दवा की चर्चायें हों या थाली-ताली और दिया जलाने के दिन हों, इन बुरे दिनों में भी दिलचस्प माहौल भी बना रहा. इस वैश्विक महामारी के शुरुआती दौर मार्च-अप्रैल में लग रहा था कि भारत में इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा. उन दिनों दुनिया के नज़रिए में हम सेफ ज़ोन मे थे. लेकिन दुर्भाग्य कि अब भारत विश्व के सबसे अधिक संक्रमित देशों में टॉप थ्री में पहुंच रहा है.

इससे बचने के तमाम रास्ते इख्तियार किए जा रहे हैं लेकिन इस खतरनाक वायरस को लेकर हमारी सोच का सांचा बदलता रहा है. कोरोना पर चर्चाएं भी कभी हमें डराती हैं, कभी रुलातीं हैं, तो कभी हंसाती भी है. ये सच है कि शुरु में इसकी आहट भर से दिल दहल जाता था पर अब जब ये तेज़ी से फैल रहा है तब हमारे अंदर इसका डर धीरे-धीरे कुछ कम भी होता जा रहा है. इस मर्ज में मुब्तिला लोगों के ठीक होने की बढ़ती रफ्तार से इत्मिनान हुआ है तो तेजी से बढ़ रही इसमें मरने वालों की तादाद देखकर डर भी लग रहा है.

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क्या है आगरा में सवारियों से भरी बस के हाईजैक का मामला? जानिए सबकुछ https://lucknowpost.com/know-everything-about-agra-bus-hijack/ Wed, 19 Aug 2020 05:47:39 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2787 आज सुबह उत्तर प्रदेश में एक बस के 34 सवारियों के साथ अगवा किए जाने की ख़बर आग की तरह फैली. ख़बर ही ऐसी थी कि जिसने भी सुना सकते में आ गया. उत्तर प्रदेश के सबसे सुरक्षित हाईवे में से एक दिल्ली लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आगरा के पास एक सवारियों से भरी बस … Continue reading क्या है आगरा में सवारियों से भरी बस के हाईजैक का मामला? जानिए सबकुछ

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आज सुबह उत्तर प्रदेश में एक बस के 34 सवारियों के साथ अगवा किए जाने की ख़बर आग की तरह फैली.

ख़बर ही ऐसी थी कि जिसने भी सुना सकते में आ गया.

उत्तर प्रदेश के सबसे सुरक्षित हाईवे में से एक दिल्ली लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आगरा के पास एक सवारियों से भरी बस को बीती रात अग़वा कर लिया जाना कोई मामली बात नहीं है. पुलिस बस की कई टीमें बस की तलाश में जुटी हैं लेकिन सुबह 11 बजे तक भी बस का पता नहीं चल सका है.

फ़ाइनेंस कंपनी ने लिया क़ब्ज़े में

अब इस मामले में आगरा पुलिस का कहना है कि बस को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने अपने क़ब्ज़े में लिया है.

आगरा के पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने एक बयान में कहा है कि ये बस को अग़वा किए जाने का नहीं बल्कि क़ब्ज़े में लिए जाने का मामला है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि बस के कंडक्टर और ड्राइवर को उतारकर फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बस को ले गए थे. इसमें चौंतीस सवारियां भी थीं.

अब पुलिस फाइनेंस कंपनी पर अपहरण का मुक़दमा दर्ज कर रही है.

लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बस को सवारियों के साथ क्यों लेकर गए और सवारियों को क्यों नहीं उतारा गया.

ग्वालियर में पंजीकृत ये बस गुरुग्राम से चली थी और मध्य प्रदेश के पन्ना की ओर जा रही थी.

आगरा के एसपी बबलू कुमार के मुताबिक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने बस को ओवरटेक करके अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने पुलिस को बुधवार सुबह को सूचना दी है.

बस अब कहां है?

आगरा पुलिस ने लखनऊ पोस्ट को बताया है कि पुलिस की कई टीमें बस की खोज कर रही हैं. बस और सवारियों तक अभी तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है.

हालांकि पुलिस का कहना है कि सवारियों से संपर्क हो गया है और वो सुरक्षित हैं.

उठते सवाल

इस प्रकरण में कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे अहम सवाल ये है कि कई घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस बस और सवारियों तक क्यों नहीं पहुंच सकी है. सवाल ये भी है कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों को अगर बस को क़ब्ज़े में लेना था तो इसके लिए सवारियों के साथ बस को क्यों अग़वा किया गया.

सोशल मीडिया पर कई यूज़र ये सवाल उठा रहे हैं कि इस प्रकरण में दाल में कहीं कुछ काला भी हो सकता है.

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डॉ. कफ़ील ख़ान पर फिर से एनएसए लगाए जाने पर आज होगी हाई कोर्ट में सुनवाई https://lucknowpost.com/hearing-in-kafeel-khan-case-today/ Wed, 19 Aug 2020 04:38:33 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2784 [speaker]राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के डॉक्टर कफ़ील ख़ान की अर्ज़ी पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी. हाई कोर्ट ने कफ़ील ख़ान की रिहाई करने की मांग करते हुए दायर की गई याचिका पर बुधवार को यानी आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब दाख़िल … Continue reading डॉ. कफ़ील ख़ान पर फिर से एनएसए लगाए जाने पर आज होगी हाई कोर्ट में सुनवाई

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[speaker]राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत जेल में बंद उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के डॉक्टर कफ़ील ख़ान की अर्ज़ी पर आज इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होगी.

हाई कोर्ट ने कफ़ील ख़ान की रिहाई करने की मांग करते हुए दायर की गई याचिका पर बुधवार को यानी आज केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जवाब दाख़िल करने के लिए कहा था.

डॉक्टर कफ़ील ख़ान की मां नुज़हत परवीन की ओर से दायर याचिका पर जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस दीपक वर्मा की पीठ ने यह आदेश पारित किया था.

कफ़ील ख़ान की मां की ओर से दायर याचिका में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून की कार्रवाई रद्द करके उन्हें रिहा करने की मांग की गई है. इस याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में आज सुनवाई होगी.

डॉक्टर कफ़ील ख़ान को भड़काऊ बयानबाज़ी के आरोपों में गिरफ़्तार किया गया था. अलीगढ़ के ज़िलाधिकारी ने उन पर 13 फ़रवरी को रासुका लगाई थी.

कफ़ील ख़ान को गोरखपुर के गुलहरिया थाने में दर्ज एक मुकदमे में 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. डॉ. ख़ान पर रासुका जेल में रहते हुए ही लगाई गई थी.

कफ़ील ख़ान को हाल ही में ज़मानत भी मिल गई थी लेकिन इस दौरान रासुका की अवधि को फिर से बढ़ा दिया गया था.

राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किए गए लोगों को छह महीने तक जेल में रखा जा सकता है. डॉ ख़ान इस समय उत्तर प्रदेश के मथुरा की जेल में बंद हैं.

14 अगस्त को उन पर लगी रासुका की अवधि को तीन और महीनों के लिए बढ़ा दिया गया था.

पत्नी ने उठाए आज़ादी पर सवाल

इसी बीच डॉ. ख़ान की पत्नी शाबिस्ता ख़ान ने एक वीडियो बयान जारी कर सवाल उठाया है कि उनके पति को किस आधार पर जेल में रखा जा रहा है.

रासुका लगाए जाने पर सवाल उठाते हुए शाबिस्ता ख़ान ने कहा था, ‘वह डॉक्टर जिसने मुश्किल वक्त में जगह-जगह देश के लोगों की सेवा की हो, उससे देश को क्या खतरा हो सकता है?’

डॉ. कफ़ील ख़ान पर लगाई गई रासुका को तीन बार आगे बढ़ाया जा चुका है. उनकी पत्नी ने कहा, ‘सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आज हम वाकई आजाद हैं? अगर आज हम अपने हक के लिए आवाज उठाते हैं तो हमें जेल में डाल दिया जा रहा है. आज मेरे पति के साथ यह हो रहा है, कल किसी और के पति या बेटे के साथ होगा. अगर आज आप हमारे लिए आवाज नहीं उठाएंगे तो कल आपके लिए भी कोई आवाज नहीं उठाएगा.’

2017 में चर्चा में आए थे ख़ान

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले के दौरान डॉक्टर कफ़ील चर्चा में आए थे. उन्होंने निजी तौर पर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाए थे जिसके बाद मीडिया में उन्हें हीरो की तरह पेश किया गया था.

इस प्रकरण ने तब सत्ता में आए योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. योगी इस प्रकरण से इतने खिन्न हुए थे कि डॉ. ख़ान पर ही मुक़दमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया था.

कफ़ील ख़ान उस समय अस्पताल में बच्चों के वॉर्ड के नोडल अधिकारी थे. उन पर लापरवाही के आरोप लगाए गए थे.

डॉ. ख़ान अब एक चर्चित चेहरा बन चुके हैं और उन्हें उत्तर प्रदेश में मुसलमानों के उभरते नेतृत्व के तौर पर देखा जा रहा है.

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यूपी पुलिसः 111 डिप्टी एसपी के तबादले, लखनऊ में आए आधा दर्जन से अधिक नए अधिकारी https://lucknowpost.com/111-dy-sp-transferred-in-uttar-pradesh/ Mon, 10 Aug 2020 02:56:33 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2725 उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबे समय से एक ही ज़िले में तैनात 111 पुलिस उपाधीक्षकों के तबादले कर दिए गए हैं. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में तैनात आधा दर्जन से अधिक पुलिस अपाधीक्षक भी इसमें शामिल हैं. ये सभी एसीपी के पद पर तैनात थे. लखनऊ में इनका हुआ तबादला एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा को … Continue reading यूपी पुलिसः 111 डिप्टी एसपी के तबादले, लखनऊ में आए आधा दर्जन से अधिक नए अधिकारी

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उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबे समय से एक ही ज़िले में तैनात 111 पुलिस उपाधीक्षकों के तबादले कर दिए गए हैं.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में तैनात आधा दर्जन से अधिक पुलिस अपाधीक्षक भी इसमें शामिल हैं. ये सभी एसीपी के पद पर तैनात थे.

लखनऊ में इनका हुआ तबादला

एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा को गाजियाबाद में पुलिस उपाधीक्षक बना दिया गया है.

चौक सर्किल के एसीपी दुर्गा प्रसाद तिवारी को सहारनपुर भेजा गया है.

लखनऊ कमिश्नरेट में तैनात दीपक कुमार सिंह को मेरठ, संतोष कुमार सिंह को हाथरस, संजीव कुमार सिन्हा को जीआरपी लखनऊ, अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव को बिजनौर और लाल प्रताप सिंह का देवरिया ट्रांसफ़र किया गया है.

इनकी जगह अलीगढ़ से पंकज कुमार श्रीवास्तव, हाथरस से योगेश कुमार, कानपुर नगर से सैफुद्दीन बेग, पीलीभीत से प्रवीण मालिक, मुजफ्फरनगर से हरीश सिंह भदौरिया, बुलंदशहर से राघवेंद्र कुमार मिश्र और सिद्धार्थनगर से दिलीप कुमार सिंह को लखनऊ कमिश्नरेट में एसीपी बनाया गया है.

यहां देखें पूरी सूची

police transfer list_compressed
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आज से खुलेंगे जिम और योग संस्थान, जानें किन नियमों का करना होगा पालन https://lucknowpost.com/guidelines-for-opening-of-gym-and-yoga-centers/ Tue, 04 Aug 2020 17:33:12 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2685 केंद्र सरकार ने अनलॉक तीन के तहत खुलने जा रहे जिम और योग संस्थान जैसी सेवाओं के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. ये संस्थान 5 अगस्त यानी आज से खोले जाएंगे. हालांकि स्पा, स्टीम बॉथ और स्वीमिंग पूल पहसे की ही तरह अब भी बंद ही रहेंगे. जिम और योग संस्थानों को कुछ … Continue reading आज से खुलेंगे जिम और योग संस्थान, जानें किन नियमों का करना होगा पालन

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केंद्र सरकार ने अनलॉक तीन के तहत खुलने जा रहे जिम और योग संस्थान जैसी सेवाओं के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. ये संस्थान 5 अगस्त यानी आज से खोले जाएंगे.

हालांकि स्पा, स्टीम बॉथ और स्वीमिंग पूल पहसे की ही तरह अब भी बंद ही रहेंगे.

जिम और योग संस्थानों को कुछ ख़ास दिशानिर्देशों के साथ खुलने की अनुमति दी जा रही है.

यहां एक व्यक्ति के लिए कम से कम चार वर्ग मीटर एरिया होना चाहिए. यही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए मशीनें पर्याप्त दूरी पर रखी जानी अनिवार्य हैं.

परिसर में आने जाने के लिए अलग-अलग रास्तों का इस्तेमाल होना चाहिए. यदि परिसर के बाहर खुली जगह हो तो वहां भी उपकरण रखे जा सकते हैं.

परिसर में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम का ध्यान रखते हुए दो व्यक्तियों के बीच कम से कम छह फिट की दूरी अनिवार्य की गई है.

भुगतान के लिए बिना संपर्क वाली प्रणाली जैसे डिजीटल पेमेंट पर ज़ोर दिया गया है.

यही नहीं आद्रता का स्तर 40-70 फ़ीसदी और एसी का तापमान 24-30 के बीच रखने के लिए कहा गया है.

परिसर के रास्ते, इमारत, कमरों, वॉशरूम और टॉयलेट्स को नियमित सेनेटाइज़ किया जाना चाहिए.

योग क्रिया को खुली जगह में किया जाना चाहिए. योग के लिए आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देश भी देखें जाएं.

सेशन में 15-30 मिनट का अंतराल होना चाहिए ताकि आने-जाने वाले लोगों का आपस में संपर्क कम से कम हो.

संभव हो तो फिटनेस की क्लास ऑनलाइन ही दी जानी चाहिए. कमरे के आकार के हिसाब से क्लास में शामिल होने वाले लोगों की योजना बनाई जानी चाहिए.

पर्सनल ट्रेनर को भी छह फिट की दूरी बनाए रखने के लिए कहा गया है. ऐसी एक्सरसाइज़ करानी चाहिए जिनमें ट्रेनर और एक्सरसाइज़ करने वालों का शारीरिक संपर्क न हो.

सिर्फ़ उन ही जिम और योग संस्थानों को खोलने की इजाज़त दी गई है जो कंटेनमेंट ज़ोन में नहीं आते हैं.

परिसर में रहने के दौरान फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. हालांकि एक्सरसाइज़ या योग करते वक़्त मास्क हटाया जा सकता है.

परिसर में आने वाले सभी लोगों के लिए आरोग्य सेतू एप इस्तेमाल करना भी अनिवार्य किया गया है.

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लखनऊः ग़लत नंबर और पता देकर ग़ायब हो गए दो हज़ार से अधिक संक्रमित? https://lucknowpost.com/more-than-two-thousand-corona-infected-missing-in-lucknow/ Mon, 03 Aug 2020 09:55:45 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2662 न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो हज़ार से अधिक कोरोना संक्रमित स्वास्थ्य विभाग में ग़लत जानकारी और पता देकर ‘ग़ायब’ हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक दो हज़ार से अधिक संक्रमितों ने टेस्ट कराने के दौरान अपने बारे में ग़लत जानकारियां स्वास्थ्य विभाग … Continue reading लखनऊः ग़लत नंबर और पता देकर ग़ायब हो गए दो हज़ार से अधिक संक्रमित?

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न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो हज़ार से अधिक कोरोना संक्रमित स्वास्थ्य विभाग में ग़लत जानकारी और पता देकर ‘ग़ायब’ हो गए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक दो हज़ार से अधिक संक्रमितों ने टेस्ट कराने के दौरान अपने बारे में ग़लत जानकारियां स्वास्थ्य विभाग को दी.

नतीजे पॉज़ीटिव आने पर इनसे संपर्क नहीं किया जा सका. बाद में सर्विंलास टीम के ज़रिए 1171 कोरोना पॉज़ीटिवों को तलाश लिया गया है. जबकि अभी भी 1119 संक्रमितों की तलाश जारी है.

इन लापता संक्रमितों की सूची अब पुलिस को सौंपी गई है. सर्विलांस टीम इनकी तलाश में जुटी है. जबकि अब तक मिले 1171 मरीज़ों को अस्पतालों में भर्ती करा दिया गया है.

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे का कहना है कि अपने बारे में ग़लत जानकारी देने वाले लोगों पर क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी.

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने लापता मरीज़ों का मुद्दा उठाते हुए ट्विटर पर लिखा है कि सरकार कर क्या रही है?

वहीं लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने संजय सिंह को जवाब देते हुए कहा है कि ये सूचना ग़लत है.

लखनऊ पुलिस की ओर से कहा गया है कि कांटेक्ट ट्रेसिंग एक निरन्तर प्रक्रिया है जिसमें पुलिस प्रशासन द्वारा 100 प्रतिशत कार्रवाही की जा रही है.

हालांकि पुलिस कमिश्नर ने 2290 कोरोना संक्रमितों के लापता होने के बारे में कुछ नहीं कहा है.

वहीं लखनऊ के सीएमओ आरपी सिंह का कहना है कि कुछ लोगों ने ग़लत जानकारियां दी होंगी लेकिन इतनी बड़ी तादाद की एक वजह ये भी हो सकती है कि बहुत से लोग लखनऊ में रहकर काम करते हैं लेकिन उनका मूल निवास कहीं और होता है. आधार से डाटा मैच कराने पर भी अलग डाटा आ रहा है.

आरपी सिंह के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग एल-1 कैटेगरी के अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ा रहा है और उन्हें एल-टू की श्रेणी में ला रहा है.

लखनऊ में प्रतिदिन पांच हज़ार से अधिक कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं.

संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए टेस्ट करके संक्रमितों का पता करना और उन्हें बाक़ी लोगों से अलग करना ज़रूरी है.

टेस्ट प्रक्रिया के दौरान कई लोगों ने अपने नाम, पते और फ़ोन नंबर ग़लत दर्ज करवा दिए.

टेस्ट नतीजे पॉज़ीटिव आने के बाद जब संक्रमितों की तलाश हुई तो कई के नाम पते ग़लत पाए गए.

लखनऊ इस समय उत्तर प्रदेश का सबसे संक्रमित शहर है. कल तक संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 8700 के क़रीब थी जिनमें से चार हज़ार से अधिक एक्टिव केस हैं.

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