कोरोना महामारी के चलते देशभर में शिक्षण कार्य प्रभावित है और स्कूल कॉलेज बंद हैं.
केंद्रीय मानव संशाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक बयान में कहा है कि स्कूल कॉलेज 15 अगस्त के बाद खोले जाएंगे.
यूपी सरकार भी अभी तक केंद्र के दिशानिर्देशों पर ही चलती दिख रही है. प्रदेश में मार्च महीने से स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थान बंद है.
इसी बीच लखनू यूनिवर्सिटी की परीक्षा समिति की बैठक में यूनिवर्सिटी को एक जुलाई से खोलने और 7 जुलाई से वार्षिक परीक्षाएं कराने का फ़ैसला लिया गया है.
लेकिन अब लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र ही इस फ़ैसले के विरोध में आ गए हैं.
छात्रों ने इस साल परीक्षाएं रद्द करने और सभी छात्रों को प्रमोट करने की मांग की है.
इसके लिए एक ऑनलाइन याचिका दायर की गई है जिस पर इस रिपोर्ट को लिखे जाने के समय तक इस याचिका पर साढ़े चार हज़ार से अधिक छात्र हस्ताक्षर कर चुके हैं.
छात्रों का तर्क है कि लखनू यूनिवर्सिटी में अभी कोर्स ही पूरा नहीं हो सका है.
लखनऊ विश्वविद्यालय बहुत से जुड़े अन्य महाविद्यालयों की तरफ से हमारा आपसे निवेदन है कि छात्रों का भविष्य के साथ खिलवाड़ ना करते हुए परीक्षाएं तुरंत निरस्त करवा दीजिए, और छात्रों को प्रमोट कर दिया जाए।
धन्यवाद।@drdineshbjp— Kshitij Agnihotri (@KshitijAgnihot8) June 12, 2020
छात्रों का ये भी कहना है कि कोरोना का ख़तरा बरकरार है और बहुत से छात्र ऐसे हैं जिन्हें परीक्षा देने के लिए दूरस्थ स्थानों से आना होगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी दूसरे और चौथे सेमेस्टर की यूजी परीक्षाएं निरस्त कर दी है और छात्रों को प्रोमोट करने का फ़ैसला लिया है.
छात्रों का ये भी तर्क है कि तथाकथित ऑनलाइन क्लासेज़ का उन्हें कोई फ़ायदा नहीं मिल सका है.
वैशव मिश्र नाम के एक छात्र ने टिप्पणी करते हुए लिखा है, ‘मैं अपने गृहनगर में हूं. पब्लिक ट्रांस्पोर्ट से आना ख़तरनाक होगा. मेरे कॉलेज ने सिर्फ़ ई-नोट्स उपलब्ध करवाएं हैं. मुझे कोई कांसेप्ट क्लियर नहीं हुआ है.’
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अभी छात्रों के इस विरोध पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.