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69000 शिक्षक भर्ती मामलाः प्रयागराज पुलिस ने टॉपर को ही किया गिरफ़्तार

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रयागराज से सहायक शिक्षक भर्ती के कथित टॉपर को गिरफ़्तार किया है.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रयागराज के सोरावं थाना क्षेत्र से टॉपर को गिरफ्तार किया गया है.

वहीं प्रयागराज के पुलिस अधीक्षक अनिरुद्ध पंकज के मुताबिक अब तक शिक्षक भर्ती में फ़र्ज़ीवाड़े के संबंध में कुल 11 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘धर्मेंद्र पटेल नाम के एक युवक को गिरफ़्तार किया गया है. वो टॉपर है या नहीं इसकी जांच की जा रही है.’

पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है और पचास से अधिक अभ्यर्थियों की तलाश की जा रही है

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रयागराज में हुई परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है.

आरोप है कि अभ्यर्थियों से 8-10 लाख रुपए तक लेकर उन्हें पास कराया गया है.

प्रयागराज के सेंटरों पर हुई परीक्षा को रद्द भी किया जा सकता है.

उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती में घोटाले के आरोप लग रहे हैं.

अभ्यर्थी ने की थी पुलिस से शिकायत

प्रयागराज पुलिस से राहुल नाम के एक युवक प्रयागराज के एसएसपी अनिरुद्ध पंकज को लिखित शिकायत देकर कहा था कि उससे सहायक शिक्षक भर्ती के नाम पर साढ़े सात लाख रुपए लेकर पास करने का ठेका लिया गया था. लेकिन जब रिज़ल्ट आया तो पास अभ्यर्थियों में उसका नाम नहीं था.

पुलिस जांच में पता चला है कि अभियुक्तों ने अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर सात-आठ लाख रुपए में ठेका लिया था.

परीक्षा के दौरान अभियुक्तों को ऐसे रुमाल दिए गए थे जिन पर उत्तर अंकित थे. जालसाजों ने पास कराने के नाम पर एक लाख रुपए एडवांस लिए थे और बाकी पास होने के बाद देने के लिए कहा था.

पुलिस का कहना है कि अभ्यर्थियों के ओरिजनल डाक्यूमेंट जालसाजों ने अपने ही पास रख लिए थे और वो पास हुए अभ्यर्थियों से पैसों की वसूली कर रहे थे.

हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रही है सुनवाई

इससे जुड़ी अलग-अलग याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बैंच और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने आज ही यूपी सरकार को सैंतीस हज़ार से अधिक पदों को होल्ड करने का आदेश दिया है.

यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा का अंतिम परीणाम 2 जून को मेरिट के आधार पर जारी किया गया था.

अब टॉपर के ही गिरफ़्तार होने की ख़बर ने पूरी भर्ती प्रक्रिया पर प्रश्न लगा दिए हैं.

सबसे ज़्यादा नुक़सान उन अभ्यर्थियों का हो जो सालों साल मेहनत करके परीक्षा देते हैं. अब उनका भविष्य भी अधर में लटक गया है.

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