Latest खबरें

सरकार ने कहा फ़ीस नहीं बढ़ेगी, हाई कोर्ट पहुंच गए प्राइवेट स्कूल

By

उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस साल निजी स्कूल फ़ीस नहीं बढ़ा सकेंगे.

साथ ही सरकार ने स्कूलों से कहा है कि छात्रों से लॉकडाउन के दौरान वाहन शुल्क भी न लिया जाए.

लेकिन अब उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों की एसोसिएशन इस मामले को हाई कोर्ट में ले गई है.

कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए देश में सख़्त लॉकडाउन लागू किया गया जिसकी वजह से बड़े पैमाने पर काम-धंधे बंद हो गए.

लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था ठप्प है और बहुत से लोगों के सामने रोज़ी-रोटी का संकट है.

ऐसे में स्कूलों की फीस चुकाना भी अभिभावकों के लिए मुश्किल हो रहा है.

अभिभावकों को कुछ राहत देने के लिए सरकार ने फ़ीस बढ़ाने पर रोक लगाई.

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा ने स्पष्ट कहा है कि जो स्कूल सरकार के आदेश को नहीं मानेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी.

बावजूद इसके उत्तर प्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अब हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

स्कूलों ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि ऑनलाइन क्लासेज़ चलाई जा रही हैं, शिक्षकों की सैलरी भी बढ़ानी है और स्कूलों के ख़र्च भी चलाने हैं ऐसे में उन्हें फ़ीस बढ़ाने से नहीं रोका जा सकता है.

हाई कोर्ट की लखनऊ बैंच ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस दिया है.

अब इस मामले में अगली सुनवाई 18 जून को होगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने फ़ीस में वृद्धि को सिर्फ़ एक साल के लिए रोका है. स्कूलों ने सरकार के इस फ़ैसले को भी चुनौती दे दी है.

वहीं सरकार का कहना है कि ज़रूरत पड़ने पर वह सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी.

इस सबके बीच अभिभावक अधर में है. एक तो ऑनलाइन पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पा रही है और दूसरी ओर भारी फीस का बोझ है.

उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों की फ़ीस तय करने का कोई पैमाना नहीं है. स्कूल अपने ख़र्चों के हिसाब से फीस तय करते हैं.

कई निजी स्कूल दस हज़ार रुपए प्रति महीने से अधिक तक फ़ीस वसूलते हैं.

You may also like