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ग्राम्य विकास विभाग देगा 58 हज़ार नौकरियां, लेकिन सिर्फ़ महिलाओं को

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उत्तर प्रदेश में ग्राम्य विकास विभाग प्रदेश की 58 हज़ार ग्राम पंचायतों बैकिंग कोरोस्पोंडेंट सखी की नियुक्ती करेगा.

ये नियुक्तियां महिला स्वयं सहायता समूहों के ज़रिए की जाएंगी.

प्रत्येक बैकिंग सखी को चार हज़ार रुपए प्रति माह का वेतन छह महीनों तक के लिए दिया जाएगा.

यही नहीं हार्डवेयर ख़रीदने के लिए बैंकिंग सखियों को 75 हज़ार रुपए का आसान क़र्ज़ भी दिया जाएगा.

इस योजना में चयन आरक्षण के प्रावधानों के तहत ही होगा.

ग्राम्य विकास विभाग ने प्रदेश में बैंकिंग सखियों की नियुक्ति के लिए शासनादेश मंगलवार को जारी किया है.

बैंकिंग सखी का मुख्य काम बैंकों और स्वयं सहायता समूहों के बीच एक पुल के तौर पर काम करना होगा. इस योजना का एक मक़सद ग्रामीणों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाना भी है.

बैंकिंग सखी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजीटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा और लोग बैंकों की सेवाएं आसानी से ले सकेंगे.

कैसे होगी बैकिंग सखी की नियुक्ती?

बैकिंग सखियां स्वयं सहायता समूहों से ही नियुक्त की जाएंगी. समूह की सबसे वरिष्ठ सदस्य और संचालन में अहम भूमिका निभाने वाली सदस्य को चुना जाएगा.

वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कमज़ोर और ग़रीब वर्ग की मदद के लिए कार्य कर रहीं महिलाओं का भी चयन किया जा सकेगा. हालांकि चयन के लिए इन महिलाओं को किसी स्वयं सहायता समूह यानी सेल्फ़ हेल्प ग्रुप से जुड़ना होगा.

नियुक्ति के लिए ग्राम्य विकास विभाग कल यानी 11 जून को एक एप लांच करेगा. इस एप के माध्यम से 11 जुलाई तक आवेदन किए जा सकेंगे.

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