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लखनऊः ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने के आरोप में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का क़रीबी गिरफ़्तार

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लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र में ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के क़रीबी कुलदीप पाल को गिरफ़्तार किया गया है.

लखनऊ पूर्व की डीसीपी चारू निगम ने एक बयान में कहा है कि कुलदीप पाल का स्वामी प्रसाद मौर्य से कोई संबंध नहीं है. न वो आधिकारिक तौर पर उनके ओएसडी हैं और ना ही निजी हैसियत से.

हालांकि स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों में उन्हें मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ओसएसडी बताया गया है.

पुलिस के मुताबिक कुलदीप पाल और उसके साथ ज़मीन क़ब्ज़ा करने आए लोगों को गिरफ़्तार करके जेल भेज दिया गया है.

पुलिस के मुताबिक कुलदीप पाल समेत कुल चौदह लोगों को गिरफ़्तार किया गया है जिनमें तीन महिला बाउंसर भी शामिल हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य का करीबी है कुलदीप

कुलदीप पाल उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बेहद क़रीबी हैं. वो अपने आप को उनका ओएसडी यानी ऑफ़िस ऑन स्पेशल ड्यूटी बताते हैं.

कुलदीप पाल ने अपने फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल पर अपने परिचय में स्वंय को मंत्री का पर्सनल असिस्टेंट और सोशल मीडिया प्रभारी भी बताया है.

क्या है मामला

पुलिस के मुताबिक कुलदीप पाल महिला और पुरुष बाउंसरों के साथ एक प्रापर्टी पर क़ब्ज़ा करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की और सीसीटीवी का डीवीआर तोड़ने की कोशिश की. मारपीट में एक महिला घायल भी हुई हैं.

मौके पर पहुंची पीजीआई थाने की पुलिस के साथ भी कुलदीप पाल ने बदसलूकी की. पुलिस के मुताबिक कुलदीप पाल और उसके साथी भारी तादाद में ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने के उद्देश्य से पहुंचे थे. उन्होंने एक परिवार के साथ मारपीट भी की और उन्हें घर से बाहर निकालने की कोशिश की.

स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से इस बारे में अभी कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

पुलिस पर भी धौंस जमाने की कोशिश

कुलदीप पाल ने पुलिस के पहुंचने के बाद पुलिस पर भी धौंस जमाने की कोशिश की थी. वो अपने आप को मंत्री का ओएसडी बता रहा था.

डीसीपी चारू निगम ने अपने बयान में कहा है, ‘मुक़दमा दर्ज कर सभी को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है. गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति कुलदीप पाल ने अपने आप को मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का ओएसडी बताया गया है. जांच में पता चला है कि वो न ही सरकारी हैसियत में और न ही निजी हैसियत में किसी भी पद पर मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के यहां नियुक्त नहीं हैं.’

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