उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह पर एक ट्वीट के लिए एफ़आईआर दर्ज की है.
सूर्य प्रताप सिंह पर आईपीसी की धारा 188, 505 (1)b, 505(2), आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 56 और महामारी अधिनियम, 1897 की धारा 3 लगाई गई हैं.
पहली धारा सरकारी काम में हस्तक्षेप की है, दूसरी शांतिभंग के उद्देश्य से अफ़वाह फैलाने से जुड़ी है.
सूर्य प्रताप सिंह पर आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत भी मुक़दमा दर्ज किया गया है. एफ़आईआर यूपी पुलिस की ओर से ही की गई है.
सूर्य प्रताप सिंह ने एक ट्वीट में दावा किया था कि यूपी के मुख्य सचिव ने कोरोना टेस्ट को लेकर डीएम को हड़काया था.
उनके इस दावे को फ़ेक न्यूज़ बताते हुए उन पर मुक़दमा दर्ज किया गया है.
सूर्य प्रताप सिंह का कहना है कि वो एफ़आईआर से डरने वाले नहीं है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया है.
25 साल में 54 ट्रान्स्फ़र जब मेरी सदनीयत व नीतियाँ नहीं बदल सके तो एक FIR क्या बदलेगी?
सत्य पक्ष हमेशा सत्ता पक्ष पर भारी पड़ता है। जय हिंद— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 11, 2020
मुख्यमंत्री @myogiadityanath जी, अगर 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर आवाज़ उठाने पर आप मुझसे नाराज़ हैं तो उसका बदला निकालने के लिए एक अदद ट्वीट को आधार बनाने की जरूरत नहीं है। आप सीधे ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ का गला घोंटते हुए भी मुझपर मुक़दमा कर सकते थे। pic.twitter.com/RBiQPceHM0
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 11, 2020
मैंने IAS अधिकारी रहते पिछली सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया, तब भाजपा के बड़े बड़े नेता मेरी पीठ थपथपाते थकते नहीं थे।
पूर्व CM @yadavakhilesh ने कभी मेरे आंदोलन को निजी तौर पर नहीं लिया। पर आज ‘अभिव्यक्ति की आज़ादी’ की बात करने वाली सरकार का रवैया देख आश्चर्यचकित हूँ, स्तब्ध हूँ।— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 11, 2020
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह सोशल मीडिया के ज़रिए सरकार और प्रशासन से कोरोना के टेस्ट के बारे में लगातार सवाल पूछ रहे हैं.
क्या @ChiefSecyUP बताएँगे कि
1. लॉकडाउन के बाद से प्रदेश प्रदेश के 75 जिलों से प्रति दिन कितने-2 कोरोना Tests के लिए ब्लड सैंपल प्राप्त हुए और कितनों की जाँच कराई गयी?
2. क्या सभी कोरोना संदिग्धों के Tests कराये गए?
3.कितने % प्रवासी मजदूरों के tests हुए?
यदि नहीं,तो क्यों?— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 11, 2020
एफ़आईआर दर्ज होने के बाद सूर्य प्रताप सिंह ने कहा है कि वो डरेंगे नहीं और सवाल पूछते रहेंगे.
मीडिया के सूत्रों से अपुष्ट खबर आ रही है कि टीम-11 पर किए मेरे के ट्वीट पर सरकार ने मेरे ऊपर मुक़दमा कर दिया है। सबसे पहले तो मैं ये साफ कर देना चाहता हूँ कि उत्तरप्रदेश सरकार की पॉलिसी पर दिए ‘No Test, No Corona’ वाले बयान पर मैं अडिग हूँ, और सरकार से निरंतर सवाल पूछता रहूँगा।
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) June 11, 2020
यूपी में कोरोना की क्या है स्थिति?
11 जून तक उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 12088 मामले हैं जिनमें 7972 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 345 की मौत हो चुकी है. फिलहाल यूपी में कोरोना संक्रमण के 4451 सक्रिय केस है.
वहीं सरकार का तर्क है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर ज़रूरी क़दम उठाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण के मामलों में इस समय देश में पांचवें नंबर पर है. सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं, फिर तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात का नंबर है.
कौन हैं सूर्य प्रताप सिंह
सूर्य प्रताप सिंह पूर्व आईएएस अधिकारी हैं जो अयोध्या समेत कई ज़िलों के डीएम रह चुके हैं. तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार के ख़िलाफ़ बाग़ी तेवर अपनाने वाले सूर्य प्रताप सिंह ने 2015 में वीआरएस ले लिया था.