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यूपी सरकार की टेस्ट नीति पर किया सवाल, पूर्व आईएएस पर एफ़आईआर

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह पर एक ट्वीट के लिए एफ़आईआर दर्ज की है.

सूर्य प्रताप सिंह पर आईपीसी की धारा 188, 505 (1)b, 505(2), आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 56 और महामारी अधिनियम, 1897 की धारा 3 लगाई गई हैं.

पहली धारा सरकारी काम में हस्तक्षेप की है, दूसरी शांतिभंग के उद्देश्य से अफ़वाह फैलाने से जुड़ी है.

सूर्य प्रताप सिंह पर आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत भी मुक़दमा दर्ज किया गया है. एफ़आईआर यूपी पुलिस की ओर से ही की गई है.

सूर्य प्रताप सिंह ने एक ट्वीट में दावा किया था कि यूपी के मुख्य सचिव ने कोरोना टेस्ट को लेकर डीएम को हड़काया था.

उनके इस दावे को फ़ेक न्यूज़ बताते हुए उन पर मुक़दमा दर्ज किया गया है.

सूर्य प्रताप सिंह का कहना है कि वो एफ़आईआर से डरने वाले नहीं है. उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला बताया है.

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह सोशल मीडिया के ज़रिए सरकार और प्रशासन से कोरोना के टेस्ट के बारे में लगातार सवाल पूछ रहे हैं.

एफ़आईआर दर्ज होने के बाद सूर्य प्रताप सिंह ने कहा है कि वो डरेंगे नहीं और सवाल पूछते रहेंगे.

यूपी में कोरोना की क्या है स्थिति?

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11 जून तक उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 12088 मामले हैं जिनमें 7972 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 345 की मौत हो चुकी है. फिलहाल यूपी में कोरोना संक्रमण के 4451 सक्रिय केस है.

वहीं सरकार का तर्क है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर ज़रूरी क़दम उठाया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण के मामलों में इस समय देश में पांचवें नंबर पर है. सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं, फिर तमिलनाडु, दिल्ली और गुजरात का नंबर है.

कौन हैं सूर्य प्रताप सिंह

सूर्य प्रताप सिंह पूर्व आईएएस अधिकारी हैं जो अयोध्या समेत कई ज़िलों के डीएम रह चुके हैं. तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार के ख़िलाफ़ बाग़ी तेवर अपनाने वाले सूर्य प्रताप सिंह ने 2015 में वीआरएस ले लिया था.

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