Lucknow Post – Lucknow Post https://lucknowpost.com The Lucknow Observer Fri, 02 Oct 2020 07:11:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=5.6.13 https://lucknowpost.com/wp-content/uploads/2020/04/cropped-icon-1-1-32x32.png Lucknow Post – Lucknow Post https://lucknowpost.com 32 32 राजधानी लखनऊ में बंधक बनाकर दलित छात्रा से गैंगरेप, महीने भर बाद पुलिस ने लिखी रिपोर्ट https://lucknowpost.com/dalit-student-gangrape-in-lucknow/ Fri, 02 Oct 2020 06:49:14 +0000 https://lucknowpost.com/?p=3072 [speaker] हाथरस, बुलंदशहर, भदोही, बलरामपुर ये उत्तर प्रदेश के उन शहरों के नाम है जहां बेटियों के साथ बलात्कार हुआ। बलात्कार से थर्राए प्रदेश में अब लखनऊ शहर का नाम भी जुड़ गया है । लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को एक हफ्ते तक बंधक बनाकर गैंगरेप किया … Continue reading राजधानी लखनऊ में बंधक बनाकर दलित छात्रा से गैंगरेप, महीने भर बाद पुलिस ने लिखी रिपोर्ट

The post राजधानी लखनऊ में बंधक बनाकर दलित छात्रा से गैंगरेप, महीने भर बाद पुलिस ने लिखी रिपोर्ट appeared first on Lucknow Post.

]]>
[speaker]

हाथरस, बुलंदशहर, भदोही, बलरामपुर ये उत्तर प्रदेश के उन शहरों के नाम है जहां बेटियों के साथ बलात्कार हुआ। बलात्कार से थर्राए प्रदेश में अब लखनऊ शहर का नाम भी जुड़ गया है ।

लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में 11वीं क्लास में पढ़ने वाली छात्रा को एक हफ्ते तक बंधक बनाकर गैंगरेप किया गया। हाथरस से लेकर लखनऊ तक बेटियों के साथ घट रही घिनौनी घटनाओं में पुलिस की भूमिका बेहद शर्मनाक रही है।

लखनऊ में भी पीड़ित बेटी एक महीनें से इंसाफ के लिए पुलिस के चक्कर काट रही थी। हाथरस कांड के बाद हरकत में आई पुलिस नींद से जागी तब जाकर पीड़ित बेटी की बात को सुना।

दरअसल मामला 23 अगस्त का है जब नौकरी के बहाने घर बुलाकर छात्रा को अगवा कर लिया गया था। परिजन बेटी को खोजने के लिए पुलिस के पास पहुंचे लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। जिसके बाद बेटी खुद घर लौट आई। बेटी ने जब आपबीती परिजनों को बताई फिर भी पुलिस आरोपी को बचाने में लगी रही।

इस बीच आरोपी खुलेआम बेटी और उसके परिजनों को धमकी देते रहे। करीब एक महीने के बाद हाथरस कांड से जागी पुलिस को लखनऊ की बेटी की सुध आई। तब जाकर आनन-फानन में 2 आरोपियों को जेल भेजा।

पूरे प्रदेश में गैंगरेप जैसी अमानवीय घटनाएं घट रही हैं लेकिन पुलिस का चेहरा उससे ज्यादा घिनौना सामने आ रहा है।

हाथरस में दलित बेटी के परिजन एक हफ्ते तक इंसाफ के लिए पुलिस के चक्कर काटते रहे वैसा ही लखनऊ में हुआ।

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश में बेटियों के साथ हो रहे अपराध पर जनता गुस्से में है। विपक्ष सड़कों पर प्रदर्शन कर रहा है। बेटियाँ कब सुरक्षित होंगी? उन्हें कब सुरक्षित माना जाएगा।

The post राजधानी लखनऊ में बंधक बनाकर दलित छात्रा से गैंगरेप, महीने भर बाद पुलिस ने लिखी रिपोर्ट appeared first on Lucknow Post.

]]>
जौनपुर में ट्रिपल मर्डरः अपराध की जड़ में है ज़मीन विवाद https://lucknowpost.com/triple-murder-in-jaunpur/ Sun, 23 Aug 2020 12:49:01 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2846 उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रविवार दोपहर दो पक्षों में ज़मीन विवाद को लेकर हुई मारपीट में तीन लोगों की मौत हो गई है. इनमें दो सगे भाई है. स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक जौनपुर ज़िले के खुटहन थाना क्षेत्र के फ़िरोज़पुर गांव में ज़मीन विवाद को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए. … Continue reading जौनपुर में ट्रिपल मर्डरः अपराध की जड़ में है ज़मीन विवाद

The post जौनपुर में ट्रिपल मर्डरः अपराध की जड़ में है ज़मीन विवाद appeared first on Lucknow Post.

]]>
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में रविवार दोपहर दो पक्षों में ज़मीन विवाद को लेकर हुई मारपीट में तीन लोगों की मौत हो गई है. इनमें दो सगे भाई है.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक जौनपुर ज़िले के खुटहन थाना क्षेत्र के फ़िरोज़पुर गांव में ज़मीन विवाद को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए.

दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई. इसमें एक पक्ष के 70 वर्षीय रामचंद्र पासवान और उनके 50 वर्षीय भाई बैजनाथ की मौत हो गई.

जबकि दूसरे पक्ष के 60 वर्षीय रामखिलावन पासवान की भी मौत हो गई है.

पुलिस के मुताबिक कुल दस लोग घायल हुए हैं जिन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है.

दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है जिन्हें ज़िला अस्पताल भेजा गया है.

गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश में सरकार क़ानून का राज होने का दावा करती रही है.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार ये कहते हैं कि उनके शासन में अपराध कम हुआ है.

लेकिन इस तरह की वारदातें क़ानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर देती हैं.

इलहाबदा में संदिग्ध हालत में मिले दो भाइयों के शव

आज ही प्रयागराज में दो सगे भाइयों के शव संदिग्ध हालत में मिले हैं.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बड़े भाई का शव खेत में मिला है जबकि छोटे भाई का शव रेलवे ट्रैक पर मिला है.

दोनों भाइयों के शव पर चोट के निशान है. खेत के पास मिली कुछ ईंटों पर भी खून के धब्बे मिले हैं.

पुलिस अलग-अलग एंगल से इन मौतों की जांच कर रही है.

परिवार ने किसी भी रंज़िश से इनकार किया है.

पुलिस का कहना है कि हो सकता है एक भाई ने दूसरे की हत्या करके आत्महत्या कर ली हो.

पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं. मौत किन परिस्थितियों में हुई इसका पता लगाने के लिए जांच की जा रही है.

The post जौनपुर में ट्रिपल मर्डरः अपराध की जड़ में है ज़मीन विवाद appeared first on Lucknow Post.

]]>
सीने से मासूम की लाश चिपकाए एंबुलेंस के लिए गिड़गिड़ाते रहे गरीब मां-बाप https://lucknowpost.com/driver-ask-poor-parents-for-rs-1800-for-ambulance-in-sultanpur/ Sun, 23 Aug 2020 12:28:12 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2843 सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सबकुछ ठीक होने के दावों के बीच एक न एक मामला ऐसा आ ही जाता है जो पूरी व्यवस्था की कलई खोल देता है. अब शर्मिंदा करने वाली घटना हुई है उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल में जहां एक तीन साल के बच्चे के शव को ले जाने के लिए … Continue reading सीने से मासूम की लाश चिपकाए एंबुलेंस के लिए गिड़गिड़ाते रहे गरीब मां-बाप

The post सीने से मासूम की लाश चिपकाए एंबुलेंस के लिए गिड़गिड़ाते रहे गरीब मां-बाप appeared first on Lucknow Post.

]]>
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सबकुछ ठीक होने के दावों के बीच एक न एक मामला ऐसा आ ही जाता है जो पूरी व्यवस्था की कलई खोल देता है.

अब शर्मिंदा करने वाली घटना हुई है उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल में जहां एक तीन साल के बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस के ड्राइवर ने पीड़ित परिवार से 1800 रुपए मांग लिए.

परिवार के पास पैसे नहीं थे, लिहाज़ा वो अपने कलेजे के टुकड़े को सीने से चिपकाए रोडवेज़ बस स्टैंड ले गए जहां एक सब इंस्पेक्टर ने उन्हें सरकारी बस में बिठा कर घर रवाना किया.

दरअसल जौनपुर के सरपतहा थाना क्षेत्र के उसरौली गांव के रहने वाले रामनयन के तीन साल के बेटे दिव्यांश को सांप ने काट लिया था.

वो उसे लोकर सुल्तानपुर ज़िला अस्पताल पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई.

उन्होंने अस्पताल से घर जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस की मांग की लेकिन कोई एंबुलेंस उनके लिए मुहैया नहीं कराई जा सकी.

बाद में एक एंबुलेंस चालक ने उनसे कहा कि वो उन्हें घर छोड़ देगा लेकिन इसके बदले में 18 सौ रुपए देने होंगे.

गरीब रामनयन के पास इतने पैसे नहीं थे. वो और उनकी पत्नी सुमित्रा अपने कलेजे के टुकड़े की लाश को सीने से चिपकाए रोडवेज़ बस स्टेंड की ओर पैदल ही चले गए.

रोते-बिलखते माता-पिता को देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी तो मौके पर नियाज़ नाम के एक चौकी इंचार्ज पहुंचे जिन्होंने उन्हें सरकारी बस में बिठा कर घर भिजवा दिया.

इस बारे में जब स्थानीय पत्रकारों ने अस्पताल प्रशासन से सवाल किए तो वही रटा-रटाया जवाब मिला कि हमें जानकारी नहीं है, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता और असंवेदनशीलता का यह पहला मामला नहीं है.

हर बार जब भी ऐसी घटना सामने आती है, प्रशासन जांच की बात करता है, वो जांच जो शायद कभी होती ही नहीं.

Telegram

The post सीने से मासूम की लाश चिपकाए एंबुलेंस के लिए गिड़गिड़ाते रहे गरीब मां-बाप appeared first on Lucknow Post.

]]>
योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी https://lucknowpost.com/yogi-accepts-demands-of-kalbe-jawwad/ Sun, 23 Aug 2020 09:13:32 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2833 [speaker]उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया धर्मगुरुओं से मुलाक़ात के बाद मोहर्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं. पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद की मांगों को स्वीकार कर लिया है और मोहर्रम के दौरान ताजिएदारी से पाबंदी हटा ली है. मौलाना के प्रतिनिधिमंडल में शामिल … Continue reading योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी

The post योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी appeared first on Lucknow Post.

]]>
[speaker]उत्तर प्रदेश सरकार ने शिया धर्मगुरुओं से मुलाक़ात के बाद मोहर्रम को लेकर नई गाइडलाइन जारी की हैं.

पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे जव्वाद की मांगों को स्वीकार कर लिया है और मोहर्रम के दौरान ताजिएदारी से पाबंदी हटा ली है.

मौलाना के प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे शमील शम्शी ने मीडिया को बताया है कि पूरे प्रदेश में अज़ादारी से पाबंदी हटा ली गई है.

प्रशासन की ओर से घर में ताजिए रखने पर दर्ज एफ़आईआर को भी वापस लेने का आश्वासन दिया गया है.

हालांकि मजलिस में अभी भी पांच ही लोग मौजूद रहेंगे. वहीं सड़कों और चौराहों पर भी ताजिए नहीं रखे जा सकेंगे.

यौमै आशूर यानी मोहर्रम की दस तारीख़ को ताजिए दफ़नाने को लेकर अभी फ़ैसला नहीं लिया गया है.

Azadari Lucknow
Azadari Lucknow

मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी ने सरकार की ओर से मोहर्रम को लेकर जारी की गईं गाइडलाइन का विरोध किया था.

सरकार ने पहले ताजिएदारी पर पूर्ण पाबंदी लगाई थी और मजलिस को भी प्रतिबंधित किया था.

उन्होंने शिया धर्मगुरुओं को साथ लेकर अनिश्चितकालीन धरना भी शुरू कर दिया था.

मौलाना ने आरोप लगाया था कि पुलिस लोगों को अपने घरों में भी ताजिए नहीं रखने दे रही है.

उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को अत्याचार बताते हुए गिरफ़्तारी देने की धमकी भी दी थी.

लखनऊ कमिश्नरेट के पश्चिमी ज़िले के डीसीपी भी मौलाना कल्बे जव्वाद से मिलने पहुंचे थे.

मौलाना ने सरकार से मांग की थी कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख़्याल रखते हुए ताजिए रखने और मजलिस पढ़ने की अनुमति दी जाए.

Telegram

 

The post योगी ने मानी शिया धर्मगुरू की मांगे, ताजिएदारी से पाबंदी हटी, मोहर्रम के लिए नई गाइडलाइन जारी appeared first on Lucknow Post.

]]>
सीसीटीवी पर घर से ले जाती दिखी पुलिस, बाद में एनकाउंटर, एनएचआरसी ने मांगा जवाब https://lucknowpost.com/nhrc-notice-in-pulast-tiwari-encounter-case/ Sun, 23 Aug 2020 08:36:40 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2826 प्रशांत शुक्ल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 9 अगस्त की रात को लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी पुलस्त तिवारी के साथ कथित मुठभेड़ के मामले में पुलिस से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इस कथित एनकाउंटर के ख़िलाफ़ मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी. 25 हजार … Continue reading सीसीटीवी पर घर से ले जाती दिखी पुलिस, बाद में एनकाउंटर, एनएचआरसी ने मांगा जवाब

The post सीसीटीवी पर घर से ले जाती दिखी पुलिस, बाद में एनकाउंटर, एनएचआरसी ने मांगा जवाब appeared first on Lucknow Post.

]]>
प्रशांत शुक्ल

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 9 अगस्त की रात को लखनऊ के इंदिरा नगर निवासी पुलस्त तिवारी के साथ कथित मुठभेड़ के मामले में पुलिस से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है.

मानवाधिकार कार्यकर्ता और अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने इस कथित एनकाउंटर के ख़िलाफ़ मानवाधिकार आयोग में शिकायत की थी.

25 हजार का ईनामी है पुलस्त

इसी महीने 9 अगस्त को लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को गिरफ्तार किया है, जिसके दाहिने पैर में गोली लगी है.

पुलिस के दावे के मुताबिक आशियाना पुलिस जोन-8 दफ्तर के पास चेकिंग कर रही थी, जहां पुलस्त बिना नंबर प्लेट की काले रंग की बाइक पर आया तथा पीछा करने पर उसने पुलिस पर गोली चला दी थी.

क्या और कैसे हुआ

डॉ. नूतन ने अपनी शिकायत में कहा कि पुलस्त की मां मंजुला तिवारी तथा परिवार वालों के अनुसार 09 अगस्त की शाम करीब 6.30 बजे दो पुलिस वाले उनके घर आये और वे पुलस्त को अपने साथ ले गए. इनमें एक आशियाना थाने के दरोगा महेश दुबे थे.

 

पुलस्त की बहन ने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर के पीआरओ से भी फोन से बात की थी. पुलस्त के परिवार वालों के पास उसे ले जाते समय के सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी हैं. इसके विपरीत पुलिस ने उसी रात पुलस्त को भागता हुआ दिखा कर उसके पैर में गोली मार दी थी.

चार सप्ताह में अवगत कराने के निर्देश

आयोग ने शिकायत की प्रति लखनऊ पुलिस को प्रेषित करते हुए इस संबंध में की गयी कार्यवाही से चार सप्ताह में अवगत कराने का निर्देश दिया है.

उत्तर प्रदेश में एनकाउंटरों पर उठते रहे हैं सवाल

योगी आदित्यनाथ के साल 2017 में आने के बाद से यूपी पुलिस ने दो हज़ार से अधिक एनकाउंटर किए हैं जिनमें सौ से अधिक कथित अपराधी मारे गए हैं. इनमें से कई एनकाउंटरों पर गंभीर सवाल उठे हैं.

हाल ही में कानपुर के बिकरऊ कांड के मुख्य अभियुक्त विकास दुबे के एनकाउंटर पर भी गंभीर सवाल उठे थे. पुलिस ने विकास दुबे को मध्य प्रदेश से लाते वक़्त कानपुर के नज़दीक एक कथित एनकाउंटर में मार दिया था.

The post सीसीटीवी पर घर से ले जाती दिखी पुलिस, बाद में एनकाउंटर, एनएचआरसी ने मांगा जवाब appeared first on Lucknow Post.

]]>
78 करोड़ खर्च फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पीलीभीत ज़िला रहा फिसड्डी https://lucknowpost.com/pilihit-spent-78-crore-on-cleanliness-but-nothing-happened-on-ground/ Sun, 23 Aug 2020 08:08:25 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2823 मोहम्मद जावेद उत्तर प्रदेश का भाजपा शासित ज़िला पीलीभीत इस महामारी के समय मे भी स्वास्थ्य को लेकर कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा आप इस घटना से लगा सकते हैं कि बीते दिनों एक भिखारी को पीपीई किट पहने घूमता हुआ देख गया था. महामारी नियंत्रण और निरंतर बढ़ रहे संक्रमण के लिहाज़ … Continue reading 78 करोड़ खर्च फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पीलीभीत ज़िला रहा फिसड्डी

The post 78 करोड़ खर्च फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पीलीभीत ज़िला रहा फिसड्डी appeared first on Lucknow Post.

]]>
मोहम्मद जावेद

उत्तर प्रदेश का भाजपा शासित ज़िला पीलीभीत इस महामारी के समय मे भी स्वास्थ्य को लेकर कितना गंभीर है इस बात का अंदाजा आप इस घटना से लगा सकते हैं कि बीते दिनों एक भिखारी को पीपीई किट पहने घूमता हुआ देख गया था.

महामारी नियंत्रण और निरंतर बढ़ रहे संक्रमण के लिहाज़ से ये स्वास्थ्य विभाग की बहुत बड़ी लापरवाही है कि यहां इस्तेमाल किए गए पीपीई किट को ऐसे ही कूड़े में फेंक दिया गया, जिसे पहनकर भिखारी पूरे शहर में घूमता रहा.

कोरोनावायरस से ग्रस्त लोगों की देखभाल व संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर व कर्मचारी पीपीई किट को पहनते हैं जो सिर्फ एक बार इस्तेमाल की जा सकती है. इस्तेमाल के बाद इसको एक पैकेट में बंद करके हाइड्रो क्लोराइड सॉल्यूशन में डाला जाता है, फिर मेडिकल वेस्ट कम्पनी इसको लेकर जाकर नष्ट कर देती है ताकि इससे संक्रमण न फ़ैल सके.

जिला पीलीभीत में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की ख़बरें अक्सर अखबारों में छपती रहती हैं. इस बार भी मामला लोगों के स्वास्थ्य से ही जुड़ा हुआ है.
पीलीभीत नगर क्षेत्र में सफाई व्यवस्था के नाम पर नगर पालिका ने 78 करोड़ रुपये की मोटी रकम का बजट खर्च दिया लेकिन सूरत ए हाल में कोई तब्दीली नही है. ना कूड़ा हटा और ना ही नालों की तालझाड सफाई हुई. कोरोना संक्रमण की इस नाज़ुक घड़ी में हालात ऐसे हैं कि ज़िले की सड़कों पर अगर आप बिना मास्क पहनें निकल जाएं तो शायद ही बीमार होने से बच पाए.

पीलीभीत नगर पालिका द्वारा हर महीने स्वच्छ भारत अभियान के नाम पर 65 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं. स्वास्थ्य की अत्यंत दयनीय स्तिथि के बाद भी नगरपालिका के जिम्मेदार दावा करते हैं कि उनसे अच्छी सफाई व्यवस्था कोई कर ही नहीं सकता. हाल ही में हुई स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग इस दावे की पोल खोलकर रख देती है जिसमें पीलीभीत को 259 वह नंबर पर रखा गया है और इतना ही नहीं मंडल में पीलीभीत नगर पालिका सबसे पीछे है.

इसके अलावा पीलीभीत नगर पालिका अभी तक शहर में एक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं लगवा पाई है जिसके चलते शहर भर से निकला कूड़ा पीलीभीत शहर से निकलने वाली नदी देवहा के किनारे डाला जाता है. इस कूड़े से तेज दुर्गंध आती है और रोड से निकलने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

स्वच्छता के लगभग सारे पैमानों पर ज़िला पीलीभीत का सफाई विभाग खरा उतारने में फेल होता नजर आ रहा है लेकिन फिर भी सबसे बेहतर होने का दावा कर रहा, जो सोचनीय है. पीलीभीत जलभराव की समस्या से भी निरंतर कई सालों से जूझ रहा है. हाल ही में हुई नालों की सिल्ट सफाई कराई गई हो, फिर भी हालात कुछ ऐसे हैं कि जगह-जगह हल्की-फुल्की बरसात के बाद ही जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

पीलीभीत नगर पालिका क्षेत्र में सफाई करने का जिम्मा 180 स्थाई और 250 ठेका कर्मचारियों के कंधे पर है. नगरपालिका आउटसोर्सिंग और ठेके पर नाला सफाई कर आती है, लेकिन तब भी सफाई के हालात ऐसे हैं कि अगर सड़कों पर निकल कर अधिकारी एक बार ठीक से हालात देख लें तो जिम्मेदारों का कार्रवाई से बच पाना मुश्किल है.

Telegram

The post 78 करोड़ खर्च फिर भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पीलीभीत ज़िला रहा फिसड्डी appeared first on Lucknow Post.

]]>
उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक https://lucknowpost.com/uttar-pradesh-government-stops-installation-of-smartmeters/ Thu, 20 Aug 2020 23:11:38 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2811 [speaker]जन्माष्टमी के दिन जब शहर जगमग होने चाहिए था, स्मार्टमीटर की ख़राबी के चलते कई शहरों में अंधेरा छा गया था. अब सरकार ने स्मार्टमीटरों की खामियों की समीक्षा की बात कही है और फिलहाल स्मार्टमीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी है. उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में … Continue reading उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक

The post उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक appeared first on Lucknow Post.

]]>
[speaker]जन्माष्टमी के दिन जब शहर जगमग होने चाहिए था, स्मार्टमीटर की ख़राबी के चलते कई शहरों में अंधेरा छा गया था.

अब सरकार ने स्मार्टमीटरों की खामियों की समीक्षा की बात कही है और फिलहाल स्मार्टमीटर लगाए जाने पर रोक लगा दी है.

उत्तर प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने एक बयान में कहा है कि जब तक स्मार्टमीटरों की खामियां दूर नहीं हो जातीं, प्रदेश में स्मार्टमीटर नहीं लगाए जाएंगे.

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को ही एक आदेश जारी कर स्मार्टमीटर के काम को अगले पंद्रह दिनों तक रोक देने के लिए कहा था.

सरकार ने पावर कार्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एम देवराज को आदेश दिया था कि इनर्जी एफिसिएंशी सर्विसेज लिमिटेड के स्मार्टमीटर लगाए जाने के काम को पंद्रह दिन तक के लिए रोक दिया जाए.

सरकार ने ये भी स्पष्ट कहा है कि पावर कार्पोरेशन अपनी ज़िम्मेदारियों से बच नहीं सकती है. जन्माष्टमी के मौके पर बिजली चले जाने की रिपोर्ट भी पंद्रह दिन में पेश करने के लिए कहा गया है.

Image

ऊर्जा मंत्री ने कल दिए एक बयान में कहा गया है कि ये भी जांच की जा रही है कि गड़बड़ी सर्वर में हुई है या कमी मीटरों में है.

ग़ौरतलब है कि 12 अगस्त को स्मार्टमीटरों में ख़राबी आई थी जो 16 अगस्त तक ठीक की जा सकी.

सरकार ने कार्पोरेश से आपात स्थिति के लिए कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा है.

कार्पोरेशन के प्रीज़ेंटेशन को विशेषज्ञों की समिति के समक्ष रखा जाएगा.

एक्सपर्ट कमेटी की सिफ़ारिश के बाद ही फिर से स्मार्ट मीटर लगाए जाने को अनुमति दी जाएगी.

स्मार्टमीटर के ज़रिए सरकार का मक़सद बिजली चोरी रोकना है.

योजना के तहत स्मार्टमीटर उन्हीं इलाक़ों में लगाए जाने हैं जहां सबसे ज़्यादा बिजली चोरी होती है.

लेकिन लार्सन एंड टूब्रो, ईईएसएल और पावर कार्पोरेशन ने सभी जगह स्मार्ट मीटर लगाने शुरू कर दिए थे.

ईईसीएस उत्तर प्रदेश में चालीस लाख स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है.

जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटरों में आई तकनीकी खामी के चलते कई शहरों में लाखों घरों की बिजली चली गई थी.

एक साथ कई शहरों में एक लाख से अधिक घरों में बिजली चले जाने के इस मामले की जांच योगी सरकार ने एसटीएफ़ को सौंप दी थी.

लापरवाही बरतने के आरोप में दो शीर्ष अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया था.

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत ईईएसएल एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) है, जो भारत में स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम को लागू करने का काम करती है.

स्मार्ट मीटर का उद्देश्य बिजली चोरी कम करना है. इसमें किसी भी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है.

ये मीटर रियल टाइम में बिजली की खपत का डाटा कंपनी और यूज़र को उपलब्ध करवाता है.

Telegram

 

The post उत्तर प्रदेशः खामियां ख़त्म होने तक स्मार्ट मीटर लगाने पर सरकार ने लगाई रोक appeared first on Lucknow Post.

]]>
तीन दिन के लिए शुरू हुआ मानसून सत्र, पीपीई किट पहन सपा विधायकों ने किया विरोध https://lucknowpost.com/up-assembly-monsoon-session-begins-from-today/ Thu, 20 Aug 2020 10:45:48 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2801 प्रशांत शुक्ला 17वीं विधानसभा का मानसून सत्र आज से तीन दिन के लिए शुरू हो गया है. कोरोना महामारी के कारण सत्र में कई व्यवस्थाएं की गई हैं, जो विधानसभा के इतिहास में पहली बार दिखाई दी. जैसे विधायकों को दर्शक दीर्घा व लॉबी में भी बैठाया गया है. सत्र के पहले दिन पीपीई किट … Continue reading तीन दिन के लिए शुरू हुआ मानसून सत्र, पीपीई किट पहन सपा विधायकों ने किया विरोध

The post तीन दिन के लिए शुरू हुआ मानसून सत्र, पीपीई किट पहन सपा विधायकों ने किया विरोध appeared first on Lucknow Post.

]]>
प्रशांत शुक्ला

17वीं विधानसभा का मानसून सत्र आज से तीन दिन के लिए शुरू हो गया है. कोरोना महामारी के कारण सत्र में कई व्यवस्थाएं की गई हैं, जो विधानसभा के इतिहास में पहली बार दिखाई दी. जैसे विधायकों को दर्शक दीर्घा व लॉबी में भी बैठाया गया है. सत्र के पहले दिन पीपीई किट में पहुंचे सपा विधायकों व एमएलसी ने कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया है. सत्र के पहले दिन आज मृत सदस्यों, गलवानी घाटी में शहीद जवानों व दिवंगत कोरोना वॉरियर्स के निधन पर शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी जाएगी.

60 साल आयु के ऊपर के सदस्य वर्चुअल जुड़ेंगे

इस सत्र के दौरान तकरीबन 16 विधेयकों को मंजूर किए जाने की तैयारी है. इस सत्र की खास बात यह है कि पहली बार सदन में वर्चुअल कार्यवाही हो रही है. दरअसल, 60 साल से अधिक उम्र के विधायकों को सत्र में वर्चुअल तरीके से जोड़ा गया है, सिर्फ 60 साल से कम उम्र के विधायकों को ही सदन में मास्क और ग्लब्स के साथ प्रवेश दिया गया.

सत्र के दौरान यह रहेगी व्यवस्था

सदस्य एक सीट छोड़कर बैठेंगे.
नेता सदन के पास कोई नहीं बैठेगा.
संसदीय कार्यमंत्री की सीट अलग होगी.
सत्र के दौरान कैफेटेरिया बंद रहेगा.
केवल गर्म पानी व काढ़ा मिलेगा.
कार्यवाही का यूट्यूब पर प्रसारण होगा.
8 से 10 विधायक नहीं होंगे शामिल

कोरोना महामारी के चलते इस बार सत्र में 8 से 10 विधायक शामिल नहीं होंगे. खादी एवं एमएसएमई राज्यमंत्री उदयभान सिंह, विधायक संजू यादव (अकबरपुर), तेजपाल नागर (दादरी), धनंजय कनौजिया (बेल्थरा रोड, बलिया) और एमएलसी परवेज अली बुधवार को कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार शाम तक 250 विधायकों की जांच की है. करीब 20 विधायकों के घर से सैंपल कलेक्ट किए गए हैं. वहीं, मंत्री कमला रानी वरुण व चेतन चौहान, विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही, पारसनाथ यादव की मौत हो चुकी है.

वेल में समूह में आकर नहीं हो सकेगा विरोध

इस बार सत्र चलने के दौरान विशेष नियम भी लागू होंगे. विधानसभा की लॉबी और गलियारे मे लोगों को खड़े होने की इजाजत नहीं होगी. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए विधानसभा कैंटीन में खाने के लिए दस लोग ही एक साथ बैठ सकेंगे. पहले ग्रुप के हटने के बाद ही दूसरा ग्रुप बैठ सकेगा. यहां तक कि वेल में विरोध कराते वक्त भी झुंड में खड़े होने की इजाज़त नहीं होगी.

विधानमंडल में यह विधेयक कराए जाएंगे मंजूर

उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कारखाना विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) विधेयक 2020
कारागार अधिनियम 1894 में (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर संशोधन विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता, और प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) विधेयक 2020
उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2020
कारागार उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2020

Telegram

The post तीन दिन के लिए शुरू हुआ मानसून सत्र, पीपीई किट पहन सपा विधायकों ने किया विरोध appeared first on Lucknow Post.

]]>
देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां https://lucknowpost.com/total-corona-cases-in-india-reaches-28-lakhs/ Wed, 19 Aug 2020 06:15:45 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2793 लेखकः मोहम्मद जावेद देश में किये जा रहे तमाम प्रयासों के बीच कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के मामले बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. बीते चौबीस घंटों में 64 हज़ार से अधिक नए मामलों के साथ भारत में कुल संक्रमण के मामलों की तादाद अब 28 लाख के क़रीब … Continue reading देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां

The post देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां appeared first on Lucknow Post.

]]>
लेखकः मोहम्मद जावेद

देश में किये जा रहे तमाम प्रयासों के बीच कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के मामले बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. बीते चौबीस घंटों में 64 हज़ार से अधिक नए मामलों के साथ भारत में कुल संक्रमण के मामलों की तादाद अब 28 लाख के क़रीब पहुंच गई है.

बुधवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 64531 नए मामले सामने आने के बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2767273 पहुंच गई है. इनमें से 6,76514 एक्टिव केस हैं साथ ही अभी तक 2037870 मरीजों को या तो अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है या फिर वह स्वस्थ हो चुके हैं.

वहीं इस दौरान 1092 लोगों की मौत हुई है और कुल मृतकों की संख्या 53 हजार के करीब पहुंच चुकी है. आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 से अब तक 52889 लोगों की मौत हो चुकी है. वर्तमान स्थिति में देश में 24.45 फीसदी एक्टिव केस हैं

भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था. इसके 110 दिन के बाद यानी 10 मई को देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख हो गई थी. इसके बाद देश में महामारी की रफ्तार काफी तेजी से बढ़ी, केवल 88 दिन में ही एक लाख से बढ़कर आंकड़ा 25 लाख पार कर गया. महामारी की रफ्तार को कम करने के लिए देश में टेस्टिंग को लगातार बढ़ाया जा रहा है और रोज़ाना रिकॉर्डतोड़ टेस्ट हो रहे हैं.

कुल टेस्टिंग की बात करें तो मुल्कभर में तीन करोड़ से ज्यादा टेस्ट किए जा चुके हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के की ओर से जारी डाटा के मुताबिक 801518 सैंपलों के टेस्ट कल किए गए हैं.

जिस प्रकार देश में कोरोना संक्रमण, मौत के आंकड़े  और टेस्टिंग को बढ़ रही है वैसे वैसे लोगों में दिन व दिन कोरोना के प्रति उदासीनता और लापरवाही बढ़ती जा रही है. एक ओर जहां स्वास्थ्य महकमा, पुलिस प्रशासन और कुछ NGOs  लोगों को जागरूक करने की कोशिश में जुटे हुए हैं वहीं दूसरी ओर स्वास्थय महकमे की लापरवाहियां भी लगातार सामने आ रही.

परिणामस्वरूप लोगों में कोरोना, सामाजिक दूरी व मास्क के प्रयोग के प्रति उदासीनता बड़ी है. खबरों के मुताबिक़ यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश सहित देश के अन्य कई हिस्सों में स्वास्थय विभाग की लापरवाही के अनगिनत केस सामने आये हैं.

कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां

पिछले दो चार दिन से सोशल मीडिया पर एक पुलिसकर्मी का वीडियो बहुत ज्यादा वायरल हो रहा है जिसमे एक पुलिसकर्मी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर सवाल उठा रहा है, उसने अपने एक वायरल वीडियो में कहा है कि उसकी बिना कोरोना जांच के ही उसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव बता दी गयी जबकि उसने किसी प्रकार का कोई सैंपल ही नहीं दिया है. इस वायरल वीडियो से जिलेभर में हड़कम्प मचा हुआ है तो वहीं इस मामले में स्वास्थ्य विभाग भी उसके कोरोना पाॅजिटिव होने की पुष्टि कर रहा है.

https://www.facebook.com/LucknowPost/posts/2855256144575762

 

मामला यूपी के कन्नौज जिले का है. पुलिस लाइन कन्नौज में तैनात सिपाही श्याम बाबू ने बताया कि वह 29 जुलाई को फतेहपुर गया था, वापसी में फतेहपुर जिला अस्पताल में उससे कोरोना जांच का फार्म भरवाया गया उसके बाद थर्मल स्क्रीनिंग हुई और कहा गया कि जांच डेढ़ बजे होगी. छुट्टी सेंक्शन के लिए अप्लाई करने के इरादे से वह वापस अपने दफ्तर गया इसी बीच 7 अगस्त को उसके पास सीएमओ व अन्य 3 डॉक्टरों के फोन आते हैं कि आप कोरोना पाॅजिटिव हैं. उनका कहना है उन्होंने सैंपल ही नहीं दिया है. जबकि सीएमओ कृष्ण स्वरूप का कहना है कि हमारे द्वारा इस तरह का कोई भी फोन नही किया गया है. सीएमओ का कहना है कि उस दिन 40 सैंपल लिये गये जिसमें इस नाम का कोई दूसरा आदमी भी नही था तो इसने वहाॅं सैंपल दिया होगा और तभी रिपोर्ट पाॅजिटिव आयी होगी.

दूसरा मामला भी उत्तर प्रदेश के लखनऊ से है जहां 21 वर्षीय शिवांश मिश्रा को फोन कॉल के माध्यम से जानकारी दी गई कि वह कोरोना पॉजिटिव है. हमने शिवांश को फोन पर संपर्क कर मामला जानने की कोशिश की, प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक़ उसने बीती 8 अगस्त को सीएचसी चिनहट में कोरोना टेस्ट कराया था और 9 अगस्त की शाम को उसे फोन आता है कि वह रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. शिवांश का कहना है कि “मैंने 8 अगस्त को टेस्ट कराया, 9 अगस्त को फोन के माध्यम से जानकारी दी गई कि मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है लेकिन मुझे अभी तक रिपोर्ट की कॉपी प्राप्त नहीं हुई है. शिवांश ने साथ ही ये भी बताया कि उसके अन्य कई साथियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है जिनको फोन पर ही उनकी पॉजिटिव आयी रिपोर्ट की जानकारी दी गई है. शिवांश की टेस्टिंग RTPCR मैथड से की गई है.

एक अन्य मामला भी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से है जहां स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है. यहां बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पति के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट को लेकर गलत जानकारी परिवार तक पहुंच गई, जिससे सांसद के परिवार में हड़कंप मच गया. बाद में पता चला कि विभागीय गलती के कारण सांसद पति की नेगेटिव रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग के डेटा में पॉजिटिव दिखाया गया था. सच्चाई सामने आने के बाद सांसद जोशी ने अपनी नाराजगी जाहिर की. प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनिवार 15 अगस्त को प्रयागराज में रीता बहुगुणा जोशी के पति पूरन चन्द्र जोशी की रैपिड एंटीजेन टेस्ट और RTPCR मैथड से जांच हुई. रैपिड टेस्ट की रिपोर्ट तो नेगेटिव आई लेकिन RTPCR टेस्ट की रिपोर्ट अभी आना वाक़ी थी. इस बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई पॉजिटिव लोगों की सूची में सीरियल नम्बर 98 पर जोशी का नाम था जिससे परिवार काफी परेशान हो गया और रीता बहुगुणा जोशी ने तो पति के दिल्ली में इलाज के लिए एंबुलेंस भी बुक कर ली थी.

बिहार में तो सूरत ए हाल ये है कि प्रदेश के एएनएम कार्यकर्ता बिना सुरक्षा के अपनी जान जोखिम में डालकर सैंपलिंग का काम कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार, जमुई में कोरोना जांच सैंपलिंग में बड़े पैमाने पर घोर लापरवाही बरती जा रही है. यहां बिना सुरक्षा मानकों (बिना पीपीई किट) के सैंपल लिए जा रहे हैं. लैब टेक्नीशियन के स्ट्राइक पर जाने के कारण, स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम कार्यकर्ताओं को ही सैंपलिंग के काम पर लगा दिया है. जिसके नतीजे में एक महिला की बगैर सैंपल लिये कोरोना जांच की रिपोर्ट नेगेटिव भेज दी गयी. महिला के मोबाइल पर रिपोर्ट का मैसेज भेजा गया जिसको देखते ही महिला समेत परिवारवाले परेशान हो गए.

जानकारी के अनुसार विठलपुर गांव में बीते 11 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने शिविर लगाकर लोगों का कोरोना सैंपल लिया था. शिविर में इस महिला का भी पंजीकरण किया गया था. जब घर में काम आ जाने के चलते महिला बिना सैंपल दिये घर लौट गई लेकिन शुक्रवार को उसके मोबाइल पर रिपोर्ट का मैसेज आ गया जिसमें उसे नेगेटिव बताया गया है हालांकि उस दिन सैंपल देने वालों में 8 लोग कोरोना संक्रमित पाये गये. उनमें महिला का बेटा भी शामिल है. महिला इस बात से परेशान है कि जब उसका सैंपल लिया ही नहीं गया, तो कैसे उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई. बता  दें कि जमुई में इस तरह का ये नया मामला नहीं है. इससे पहले बीते 7 अगस्त को गिद्धौर प्रखंड में एक शिक्षक की रिपोर्ट बगैर सैंपल लिये नेगेटिव आ गई.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मामले को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है, ‘यह नीतीश मार्का वर्ल्ड क्लास कोरोना टेस्टिंग है. बिना पीपीई किट और शारीरिक दूरी के जांच हो रही है. विपक्ष के भारी दबाव के बाद 15 वर्षीय सुशासनी सह विज्ञापनी सरकार अब प्रतिदिन 1 लाख 20 हजार जांच का आंकड़ा ऐसे पूरा कर रही है. 10 हजार जांच में 3000 पॉजिटिव थे और 1 लाख 20 हजार में भी.’ तेजस्वी समेत पूरा विपक्ष बिहार में कोरोना जांच पर सवाल उठा रहा है. तेजस्वी का आरोप है कि, सरकार सही से टेस्टिंग नहीं करा रही है. साथ ही, सरकार द्वारा कोरोना के गलत आकड़ें पेश किए जा रहे हैं.

इस प्रकार देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ साथ लोगों में कोरोना के प्रति उदासीनता भी बढ़ी है. इन चार-पांच महीनों में कोरोना पर हमारी समझ के रंग भी गिरगिट के मानिंद बदलते रहे हैं. लॉकडाउन में दारू की इजाजत मिलने से लेकर रामदेव की दवा की चर्चायें हों या थाली-ताली और दिया जलाने के दिन हों, इन बुरे दिनों में भी दिलचस्प माहौल भी बना रहा. इस वैश्विक महामारी के शुरुआती दौर मार्च-अप्रैल में लग रहा था कि भारत में इसका कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा. उन दिनों दुनिया के नज़रिए में हम सेफ ज़ोन मे थे. लेकिन दुर्भाग्य कि अब भारत विश्व के सबसे अधिक संक्रमित देशों में टॉप थ्री में पहुंच रहा है.

इससे बचने के तमाम रास्ते इख्तियार किए जा रहे हैं लेकिन इस खतरनाक वायरस को लेकर हमारी सोच का सांचा बदलता रहा है. कोरोना पर चर्चाएं भी कभी हमें डराती हैं, कभी रुलातीं हैं, तो कभी हंसाती भी है. ये सच है कि शुरु में इसकी आहट भर से दिल दहल जाता था पर अब जब ये तेज़ी से फैल रहा है तब हमारे अंदर इसका डर धीरे-धीरे कुछ कम भी होता जा रहा है. इस मर्ज में मुब्तिला लोगों के ठीक होने की बढ़ती रफ्तार से इत्मिनान हुआ है तो तेजी से बढ़ रही इसमें मरने वालों की तादाद देखकर डर भी लग रहा है.

Telegram

The post देश में 28 लाख के क़रीब पहुंचे संक्रमण के मामले, लेकिन कम नहीं हो रहीं लापरवाहियां appeared first on Lucknow Post.

]]>
क्या है आगरा में सवारियों से भरी बस के हाईजैक का मामला? जानिए सबकुछ https://lucknowpost.com/know-everything-about-agra-bus-hijack/ Wed, 19 Aug 2020 05:47:39 +0000 https://lucknowpost.com/?p=2787 आज सुबह उत्तर प्रदेश में एक बस के 34 सवारियों के साथ अगवा किए जाने की ख़बर आग की तरह फैली. ख़बर ही ऐसी थी कि जिसने भी सुना सकते में आ गया. उत्तर प्रदेश के सबसे सुरक्षित हाईवे में से एक दिल्ली लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आगरा के पास एक सवारियों से भरी बस … Continue reading क्या है आगरा में सवारियों से भरी बस के हाईजैक का मामला? जानिए सबकुछ

The post क्या है आगरा में सवारियों से भरी बस के हाईजैक का मामला? जानिए सबकुछ appeared first on Lucknow Post.

]]>
आज सुबह उत्तर प्रदेश में एक बस के 34 सवारियों के साथ अगवा किए जाने की ख़बर आग की तरह फैली.

ख़बर ही ऐसी थी कि जिसने भी सुना सकते में आ गया.

उत्तर प्रदेश के सबसे सुरक्षित हाईवे में से एक दिल्ली लखनऊ एक्सप्रेस वे पर आगरा के पास एक सवारियों से भरी बस को बीती रात अग़वा कर लिया जाना कोई मामली बात नहीं है. पुलिस बस की कई टीमें बस की तलाश में जुटी हैं लेकिन सुबह 11 बजे तक भी बस का पता नहीं चल सका है.

फ़ाइनेंस कंपनी ने लिया क़ब्ज़े में

अब इस मामले में आगरा पुलिस का कहना है कि बस को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने अपने क़ब्ज़े में लिया है.

आगरा के पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार ने एक बयान में कहा है कि ये बस को अग़वा किए जाने का नहीं बल्कि क़ब्ज़े में लिए जाने का मामला है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि बस के कंडक्टर और ड्राइवर को उतारकर फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बस को ले गए थे. इसमें चौंतीस सवारियां भी थीं.

अब पुलिस फाइनेंस कंपनी पर अपहरण का मुक़दमा दर्ज कर रही है.

लेकिन सवाल ये भी उठ रहा है कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी बस को सवारियों के साथ क्यों लेकर गए और सवारियों को क्यों नहीं उतारा गया.

ग्वालियर में पंजीकृत ये बस गुरुग्राम से चली थी और मध्य प्रदेश के पन्ना की ओर जा रही थी.

आगरा के एसपी बबलू कुमार के मुताबिक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने बस को ओवरटेक करके अपने क़ब्ज़े में ले लिया था. बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने पुलिस को बुधवार सुबह को सूचना दी है.

बस अब कहां है?

आगरा पुलिस ने लखनऊ पोस्ट को बताया है कि पुलिस की कई टीमें बस की खोज कर रही हैं. बस और सवारियों तक अभी तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है.

हालांकि पुलिस का कहना है कि सवारियों से संपर्क हो गया है और वो सुरक्षित हैं.

उठते सवाल

इस प्रकरण में कई सवाल उठ रहे हैं. सबसे अहम सवाल ये है कि कई घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस बस और सवारियों तक क्यों नहीं पहुंच सकी है. सवाल ये भी है कि फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों को अगर बस को क़ब्ज़े में लेना था तो इसके लिए सवारियों के साथ बस को क्यों अग़वा किया गया.

सोशल मीडिया पर कई यूज़र ये सवाल उठा रहे हैं कि इस प्रकरण में दाल में कहीं कुछ काला भी हो सकता है.

Telegram

The post क्या है आगरा में सवारियों से भरी बस के हाईजैक का मामला? जानिए सबकुछ appeared first on Lucknow Post.

]]>